चक्रधरपुर, (पश्चिमी सिंहभूम) रवि कुमार : पश्चिमी सिंहभूम जिले के मां नर्सिंग होम में इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी. घटना बुधवार सुबह पांच बजे की बताई जा रही है. घटना के बाद लोगों ने जमकर नर्सिंग होम में हंगामा किया. इस हंगामे के बाद पुलिस भी नर्सिंग होम पहुंचकर मामले की जांच की. लोगों का आरोप है कि मां नर्सिंग होम में हुए गलत और लापरवाह इलाज के कारण जच्चा बच्चा की मौत हुई है.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक बुधवार की सुबह तीन बजे प्रसव पीड़ा के कारण चक्रधरपुर बंगलाटांड निवासी 30 वर्षीय गर्भवती सोफिया परवीन को चक्रधरपुर के अनुमंडल अस्पताल में भर्ती किया गया था. प्रसव पीड़ा से सोफिया की हालत बिगड़ती जा रही थी. बाद में अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सकों ने सोफिया के सुरक्षित प्रसव करा पाने में असमर्थता जताई और उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल चाईबासा रेफर कर दिया. लेकिन प्रसव पीड़ा से तड़प रही सोफिया को सदर अस्पताल चाईबासा ले जाने के बजाए चक्रधरपुर रेलवे ओवरब्रिज के नीचे स्थित मां नर्सिंग होम ले जाया गया. जहां 4:30 बजे किसी तरह सोफिया का प्रसव तो कराया लेकिन बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ. इसके बाद सोफिया की हालत और बिगड़ती चली गयी. नर्सिंग होम के डॉक्टर पी माझी ने बताया कि प्रसूता सोफिया की अत्यधिक रक्त रिसाव हुआ है, उसे जल्द से जल्द रक्त चढ़ाना आवश्यक है. इसको लेकर सोफिया के पिता मो मुस्लिम और परिजन रक्त की व्यवस्था में लग गए, लेकिन जबतक रक्त की व्यवस्था होती सुबह 8:30 बजे प्रसूता सोफिया परवीन की भी मौत हो गयी.
जच्चा-बच्चा की मौत के बाद हंगामा
नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत की इस घटना से परिजन और आसपास के लोग इतने आक्रोशित हुए की हंगामा मचाना शुरू कर दिया. इस हंगामे की सूचना पाकर डीएसपी दिलीप खलखो और थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार नर्सिंग होम पहुंचे और पूरे मामले की जांच पड़ताल कर डॉक्टरों से भी पूछताछ की. इधर, घटना को लेकर मृतका प्रसूता सोफिया परवीन के पिता मो मुस्लिम ने सीधा आरोप लगाया है कि नर्सिंग होम के कर्मचारी और डॉक्टर के गलत इलाज के कारण उसकी बेटी की जान गई है. उनके द्वारा लिखित शिकायत पत्र थाना प्रभारी चक्रधरपुर को प्रेषित भी कर दी गयी है. इस मामले को लेकर डीएसपी दिलीप खलखो ने बताया है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. इस संबंध में मृतक के पिता के शिकायत पर एक मामला भी दर्ज किया जाएगा, जो भी दोषी पाए जाएंगे उनपर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कई मामले का हो सकता है खुलासा
जानकारी मिली है कि मृतिका प्रसूता 30 वर्षीय सोफिया परवीन के पहले से ही तीन बेटी और एक बेटा था. उसके बाद अब वह पांचवें संतान को जन्म देने वाली थी. इस पूरे घटनाक्रम में एक बात यह भी पता चली है. मां नर्सिंग होम में चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल के मिली भगत से अस्पताल में भर्ती मरीजों को चाईबासा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है लेकिन उन्हें नर्सिंग होम लाकर भर्ती कर दिया जाता है. इसमें मरीज से मोटी रकम लिया जाता है. अगर इसकी जांच हो जाए तो कई लोग फंस सकते हैं. यही नहीं चक्रधरपुर शहर में जितने भी प्राइवेट नर्सिंग होम चल रहा है, इसकी भी जांच हो जाए तो कई मामला का खुलासा हो जाएगा.
डॉक्टर ने प्रसूता का इलाज निजी अस्पताल में किया
बताया जाता है कि मृतक प्रसूता की इलाज करने वाला डॉक्टर प्रदीप कुमार माझी स्वयं एक सरकारी डॉक्टर है और मनोहरपुर में पदस्थापित है. सरकारी चिकित्सक होकर कैसे यह डॉक्टर निजी नर्सिंग होम में प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहा है, यह भी बड़ा जांच का विषय है. प्रसूता सोफिया परवीन की जान सदर अस्पताल में इलाज से बच जाती, लेकिन ऐसा न कर डॉक्टर ने निजी अस्पताल में प्रसूता का इलाज किया, जहां जच्चा-बच्चा दोनों की जान चली गयी.
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नर्सिंग होम 15 लाख रुपया दे तब निकल जाएगा शव
मां नर्सिंग होम जब तक परिजनों को 15 लाख रुपया नहीं देगा तब तक शव नहीं निकल जाएगा. लोगों का कहना है कि मां नर्सिंग होम के लापरवाही से मौत हुआ है, इसलिए पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिया जाए. साथ ही पूरी मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई किया जाए.
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