बरेली: इस्लामी नया साल मुहर्रम के महीने की एक तारीख से शुरू होता है. यह इस्लामी नया साल गुरुवार यानी जुमेरात (20 जुलाई) से शुरू होगा. बुधवार शाम को मुहर्रम का चांद दिखाई देना तय है. हालांकि, मंगलवार को भी चांद देखने की कोशिश की गई थी. मगर कहीं से भी चांद देखने की जानकारी नहीं मिली. जिसके चलते जिलहिज्जा का महीना 30 का हो गया है.
दरगाह आला हजरत के प्रमुख संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खां का कहना है कि मुहर्रम के चांद की शहादत कहीं से भी नहीं मिली है. दरगाह आला हजरत के मरकजी दारुल इफ्ता ने गुरुवार को मुहर्रम की पहली तारीख होने की बात कही है. शिया जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शमशुल हसन खां ने मोहर्रम के चांद की शहादत न मिलने की बात कही. चांद बुधवार शाम को होगा. सावन के बीच मुहर्रम को लेकर पुलिस काफी अलर्ट है.
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मुहर्रम को लेकर इमामबाड़ों पर तैयारियां शुरू हो गई हैं. रंग पेंट के साथ ही इमामबाड़ों पर लाइटिंग की जा रही है. शहर के इमामबाड़ों से जुलूस निकाला जाता है. इसके साथ ही खानकाह-ए-नियाजिया में भी मुहर्रम को लेकर काफी तेजी के साथ तैयारी चल रही हैं.
एडीजी पीसी मीणा ने सावन के बीच मोहर्रम को लेकर बरेली और मुरादाबाद रेंज के पुलिस अफसरों की गूगल मीट पर मीटिंग की. उन्होंने ताजियों के मार्ग पर जुलूस को निगरानी करने की बात कही.एडीजी, आईजी और एसएसपी ने शहर के बारादरी थाना क्षेत्र के संवेदनशील इलाकों में पैदल मार्च किया. शहर के 35 संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया.यहां पहले विवाद हो चुके हैं. इन स्थानों पर खास निगरानी रखी जाएगी. ताजियों के पुराने रूट को भी देखा जा रहा है.
पुलिस सोशल मीडिया पर निगाह रख रही है. सोशल मीडिया के माध्यम से किसी ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई तय है. इसके साथ ही थानों में पीस कमेटी की बैठक कर शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी देने की कवायद चल रही है.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली