यूपीः कानपुर में शासन के आदेश के बाद बीच सड़क में नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई की है. अलविदा व ईद की नमाज सड़क पर पढ़ने वाले 1850 लोगों के खिलाफ शहर के जाजमऊ, बाबूपुरवा और बजरिया थानों में एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें ईदगाह कमेटी के सदस्य भी शामिल है. दरअसल शासन की ओर से सख्त आदेश दिए गए थे कि सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. जिसके बाद कानपुर प्रशासन ने धर्म गुरुओं के साथ बैठक की थी और सबको आदेश का पालन करने को कहा था.
शासन की ओर से ईद और अलविदा की नमाज को बीच सड़क में न कराने का आदेश जारी किया गया था. जिसके बाद बाद कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों ने दावा किया था कि धर्म गुरुओं और संभ्रांत लोगों के साथ बैठक कर इसका पालन कराया जा रहा है. मगर ऐसा नहीं हो सका. इसके बाद तीन थानों में पुलिस ने वादी बनकर नमाजियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी.
बजरिया थाना क्षेत्र के बड़ी ईदगाह के बाहर अलविदा और ईद की नमाज बीच सड़क में अदा की गई थी. जिस पर बजरिया थाने में तैनात एसएसआई ओमवीर सिंह ने ईदगाह कमेटी के सदस्यों समेत 1500 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. इसमें कहा गया कि ईद पर बेनाझाबर स्थित मरकजी ईदगाह में उनकी ड्यूटी थी. ईदगाह कमेटी के सदस्यों को बताया गया था कि सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जाए. इसके बावजूद लोग ईदगाह गेट के बाहर सड़क पर नमाज पढ़ने बैठ गए. जिसके चलते यातायात बाधित हो गया.
22 अप्रैल की सुबह ईदगाह के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई. आठ बजे नमाज शुरू होते ही लोग सड़क पर बैठ गए. दरोगा राजबहादुर सिंह की तहरीर पर तीन सौ अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इसी तरह बाबूपुरवा थाने में 50 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.
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सड़क पर नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ सभी मामले धारा 186 (लोक सेवक के सार्वजनिक कऊत्यों के निर्वहन में स्वेच्छा पूर्वक बाधा डालना), 188 (महामारी एक्ट का उल्लंघन करना), 283 (लोक मार्ग पर बाधा पहुंचाना), 341(गलत तरीके से रोकना) और 353 (लोकसेवक पर आपराधिक बल प्रयोग करना) के तहत दर्ज किए हैं. पुलिस ने सभी जगहों के वीडियो ग्राफी की हुई है. जिसके जरिए लोगों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट-आयुष तिवारी