गिरिडीह, मृणाल कुमार: नक्सलियों के लिए सेफ माने जाने वाले पारसनाथ जोन की कमान भाकपा (माओवादी) जोनल कमेटी के मेंबर और 10 लाख के इनामी साहेबराम मांझी को सौंप दी गयी है. साहेबराम मांझी को यह जिम्मेवारी एक करोड़ के इनामी सह नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी के मेंबर प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा ने सौंपी है. पारसनाथ जोन की कमान संभालने के बाद साहेबराम मांझी इलाके में नक्सली संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ संगठन में नये सदस्यों को जोड़ने में जुटा हुआ है. पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी है. गौरतलब है कि साहेबराम मांझी पीरटांड़ थाना क्षेत्र के करंदों का रहने वाला है. उस पर सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है.
15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी के बाद पारसनाथ जोन था खाली
पारसनाथ जोन में कृष्णा हांसदा का काफी दबदबा था. पूरे इलाके में उसने अपना आतंक मचा रखा था. गिरिडीह पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए एक विशेष अभियान चलाया और 14 जनवरी 23 को 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. कृष्णा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने काफी राहत की सांस ली और नक्सलियों को भी तगड़ा झटका लगा. पूरा इलाका शांत हो गया. हालांकि बीच-बीच में नक्सली संगठन के कुछ नेताओं द्वारा इलाके में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास पोस्टरबाजी कर किया गया. लेकिन पुलिस की दबिश के कारण नक्सली संगठन पिछले एक साल से अधिक समय से पूरी तरह से बैकफुट पर चला गया. इसी को देखते हुए माओवादियों ने एक बार फिर से पारसनाथ जोन में संगठन को मजबूत करने के लिए साहेबराम मांझी को यह जिम्मेवारी सौंपी है.
JJMP Naxalites in Garhwa: भंडरिया में नक्सलियों का उत्पात, कंस्ट्रक्शन साइट पर तोड़फोड़, मजदूरों से मारपीट
कौन है साहेबराम मांझी
साहेबराम मांझी का आतंक न सिर्फ गिरिडीह बल्कि धनबाद, बोकारो के अलावा अन्य कई जिलों में फैला हुआ है. उसके खिलाफ सिर्फ गिरिडीह के पीरटांड़, खुखरा, मधुबन, डुमरी, निमियाघाट के अलावा विभिन्न थानों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं. वह 25 लाख के इनामी नक्सली अजय महतो उर्फ टाईगर का सबसे करीबी है. साथ ही सेंट्रल कमेटी के मेंबर प्रयाग मांझी उर्फ विवेक दा का भी करीबी है.