रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ के कैंप पर नक्सलियों के हमले में तीन लोगों की मौत हो गयी है. बताया जाता है कि बीजापुर और सुकमा के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा कैंप स्थापित किये जाने के बाद नक्सलियों ने कैंप का विरोध करते हुए ग्रामीणों को दिग्भ्रमित कर रहे थे. रविवार की रात समझाने पर ग्रामीण कैंप से वापस चले गये थे. वहीं, सोमवार को हमले के बाद तीन ग्रामीणों के शव बरामद किये गये हैं.
आज दोपहर काफी बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे। नक्सलियों ने ग्रामीणों को लेकर अचानक कैंप पर हमला शुरू कर दिया। अभी तक 3 शव बरामद किए गए हैं, जिनकी शिनाख्त होना बाकी है। स्थिति नियंत्रण में है और इलाके की छानबीन की जा रही है: पी. सुंदरराज बस्तर IG https://t.co/8TB6633ctS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 17, 2021
बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने सोमवार को कहा कि 12 मई को बीजापुर और सुकमा के सीमावर्ती क्षेत्र में एक सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया था. नक्सलियों द्वारा लगातार ग्रामीणों को दिग्भ्रमित करके कैंप का विरोध और प्रदर्शन किया जा रहा था. समझाने पर रविवार की रात ग्रामीण वापस गांव चले गये थे.
सोमवार को दोपहर में काफी बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे. नक्सलियों ने ग्रामीणों को लेकर अचानक कैंप पर हमला शुरू कर दिया. अभी तक तीन शव बरामद किये गये हैं. हालांकि, अभी शिनाख्त होना बाकी है. स्थिति नियंत्रण में है और इलाके की छानबीन की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ नक्सली मारे गये हैं. बीजापुर और सुकमा के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा कैंप शुरू किया गया है. यहां सीआरपीएफ एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को तैनात किया गया है.
बस्तर और सुकमा जिलों के दर्जनभर से अधिक गांवों के लोग पिछले तीन दिनों से कैंप का विरोध कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि ग्रामीणों को नक्सलियों ने विरोध करने के लिए उकसाया है. मालूम हो कि पिछले माह तीन अप्रैल को यहां से करीब 10 किमी दूर जोनागुड़ा गांव के पास सुरक्षा बलों पर नक्सलियों द्वारा किये गये हमले में 22 जवान शहीद हो गये थे.