आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा एयरबेस स्थित पैराशूट ट्रेनिंग सेंटर (पीटीएस) पर 22 दिन से हवाई कुदान का प्रशिक्षण व अनुभव प्राप्त कर रहे 42 एनसीसी कैडेट्स ने मलपुरा स्थित ड्रॉप जोन से हवाई कुदान की. इस दौरान एनसीसी कैडेट्स के साहस और बल को देखकर सभी रोमांचित हो उठे. कैडेट्स के साथ एनसीसी महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीर पाल सिंह ने भी कैडेट्स का प्रोत्साहन किया. उनके साथ हजारों फीट की ऊंचाई से पैराशूट से हवाई कुदान की.बता दें भारत देश के अलग-अलग राज्यों से 42 एनसीसी कैडेट का चयन किया गया था. जिसमें 22 लड़के और 20 लड़कियां शामिल हैं. इन्हें 1 नवंबर से 22 नवंबर तक करीब 1250 फीट की ऊंचाई से ए एन 32 से हवाई कुदान का प्रशिक्षण व अनुभव प्रदान किया जा रहा था. हवाई कुदान की सभी बारीकियां को सीखने के बाद इन सभी कैडेट्स ने ए एन 32 से उड़ान भरी और उसके बाद मलपुरा स्तिथ ड्रॉप जोन से पैराशूट की मदद से हवाई कुदान की.
गुरुवार 22 नवंबर को इन सभी कैडेट्स को करीब 10:30 बजे हवाई उड़ान करनी थी, लेकिन मौसम खराब होने के चलते एयरफोर्स के विमान उड़ान नहीं भर सका. इसके बाद करीब 3:00 बजे एयरफोर्स का विमान एनसीसी महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीर पाल सिंह, मेजर जनरल विक्रम कुमार के साथ सभी 42 कैडेट्स को लेकर मलपुरा स्थित ड्रॉप जोन पर पहुंचा. सबसे पहले एक पैरा जंपर को उतारा गया ताकि हवा का रुख पता किया जा सके. दूसरी बार में करीब 14 एनसीसी कैडेट ने पैराशूट की मदद से हवाई कुदान की. अन्य कैडेट्स ने दूसरी व तीसरी उड़ान में हवाई कुदान को पूर्ण कर लिया.
इसके साथ ही कॉम्बैक ट्रेनी जवानों द्वारा कॉम बैक फ्री फॉल पैराशूट से हवाई कुदान का प्रदर्शन भी किया गया. सर्वप्रथम तिरंगा के रंग में रंगे पैराशूट के साथ जवान ड्रॉप जोन में उतरा और उसके बाद करीब 4 से 5 अन्य जवान पैराशूट के साथ नीचे आए. जिसमें एक जवान ने हथियार के साथ पैराशूट से हवाई कुदान लगाई.एनसीसी महानिदेशक गुरबीर पाल सिंह ने बताया कि पूरे देश से करीब 42 एनसीसी कैडेट को चुना गया है. जिसमें 22 लड़के और 20 लड़कियां है. इन लोगों ने 1250 फीट की ऊंचाई से हवाई कुदान की है. यह इनका पहला जंप था. इसके अलावा दो और जंप होंगी और मुझे भी इनके साथ हवाई कुदान करने का अवसर प्राप्त हुआ है. कैडेट्स को हम कई तरह की एक्टिविटी कराते हैं जिसमें माउंटेनिंग, सीलिंग और पैरा जंपिंग भी शामिल है.
कैडेट्स में शामिल लड़कियों ने बताया कि जंप करने से पहले हम थोड़े डरे हुए थे. दिमाग में बस यही चल रहा था कि क्या होगा ?. लेकिन जैसे ही हम जंपिंग के लिए तैयार हुए बस हमें एक खुला आसमान दिखाई दिया. वाकई में ऊपर से यह धरती काफी खूबसूरत दिखती है. हमें ट्रेनिंग में जो कुछ भी सिखाया गया था उसको हमने याद किया और जंप लगा दी.