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New Year 2023: मां भद्रकाली मंदिर में पूजा, हदहदवा रॉक व बक्शा डैम में पिकनिक से करें नये साल की शुरुआत

चतरा का मां भद्रकाली मंदिर सनातन, बौद्ध व जैन धर्म का संगम स्थल है. यह धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित है. यहां प्रतिदिन श्रद्धालु व पर्यटक आते हैं. रोजाना हजारों लोग पूजन दर्शन कर लौटते हैं. नये साल के मौके पर लोग मां भद्रकाली का दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

New Year 2023: चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड में पिकनिक मनाने के लिए कई स्पॉट हैं. नववर्ष पर यहां सैलानियों की भीड़ उमड़ती है. अभी से ही लोग पिकनिक मनाने आने लगे हैं. सबसे प्राचीन व प्रसिद्ध तीन धर्मों का संगम स्थल मां भद्रकाली मंदिर, हदहदवा रॉक, बक्सा डैम समेत कई छोटे-बड़े पिकनिक स्पॉट हैं, जहां लोग नये साल की शुरुआत करते हैं.

इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर में पूजा से नये साल की शुरुआत

मां भद्रकाली मंदिर तीन धर्मों सनातन, बौद्ध व जैन धर्म का संगम स्थल है. यह धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित है. यहां अमूमन प्रतिदिन श्रद्धालु व पर्यटक आते हैं. रोजाना हजारों लोग पूजन दर्शन कर लौटते हैं. नये साल के मौके पर लोग मां भद्रकाली का दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं. मंदिर परिसर में अद्भुत सहस्त्रशिवलिंगम है, जिसमें 1004 छोटे व चार बड़े शिवलिंग उत्कीर्ण हैं. इसे दर्शन करने वालों की भीड़ लगी रहती है. बगल में कोटेश्वर नाथ (बौद्ध स्तूप) है, जिसका दर्शन करने बौद्धिष्ट आते हैं. मंदिर परिसर में म्यूजियम है, जिसमें प्राचीनकाल की सैकड़ों प्रतिमाएं हैं, जो नौंवी सदी की हैं.

हदहदवा रॉक में मनाते हैं पिकनिक

उत्तर वाहिनी मोहाने नदी के कुछ क्षेत्र को हदहदवा के नाम से जाना जाता है. वास्तव में यह रॉक स्पॉट है. चारों तरफ पत्थर ही पत्थर हैं. इन पत्थरों से होकर मोहाने नदी का पानी गुजरता है, जो हद-हद की आवाज करता है. इसलिए इस क्षेत्र को हदहदवा कहा जाता है. यहां पौष माह शुरू होते ही पिकनिक मनाने वाले जुटने लगते हैं. नये साल के मौके पर भीड़ लगी रहती है. अधिकतर स्थानीय लोग पिकनिक मनाने आते हैं. यह चारों तरफ से जंगलों से घिरा मनोरम स्थल है. यहां कटुआ बिरहोर टोला के रास्ते पहुंचा जाता है.

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बक्सा डैम भी है खास

इटखोरी प्रखंड में पिकनिक मनाने के लिए बक्सा डैम भी अच्छी व सुरक्षित जगह है. यहां नये साल पर भीड़ लगी रहती है. इटखोरी से डैम पहुंचने के लिए कई मार्ग हैं. इटखोरी पहुंचने के बाद आसानी से डैम तक पहुंचा जा सकता है.

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ये भी पिकनिक स्पॉट है खास

इटखोरी मोहाने नदी का दोमुहाना(दोमहान) पिकनिक स्पॉट है. इसकी आकर्षक छटा सैलानियों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है. चारों तरफ से हरे-भरे जंगलों से घिरा है. नववर्ष पर यहां पिकनिक मनाने वालों की भीड़ लगी रहती है. यह मां भद्रकाली मंदिर के पीछे से गुजरने वाले उत्तर वाहिनी मोहाने नदी का हिस्सा है. मंदिर के बगल से रास्ता है. स्नान करने वाले स्विमिंग पूल की तरह आनंद उठाते हैं. पत्थरों का दो मुंह बना हुआ है. इसलिए इसका नाम दोमुहाना पड़ा. मां भद्रकाली मंदिर आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक यहां आसानी से पहुंच सकते हैं.

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ऐसे पहुंच सकते हैं इटखोरी

हर बड़े शहर से इटखोरी पहुंचने का मार्ग है. गया एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन से इटखोरी की दूरी 85 किमी है. नेशनल हाइवे टू से चौपारण अथवा हंटरगंज के रास्ते वाहन से पहुंच सकते हैं. कोडरमा रेलवे स्टेशन से दूरी 55 किमी है, जहां से सीधे इटखोरी पहुंच सकते हैं. रांची से 150 की दूरी है. यहां इटखोरी आने के लिए कई मार्ग हैं.

रिपोर्ट : विजय शर्मा, इटखोरी, चतरा

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