Saraikela: सरायकेला खरसावां जिला के राजनगर थाना क्षेत्र अंर्तगत जुगीतोपा गांव में एक नवविवाहित महिला छुटकीरानी महतो उर्फ छुटका महतो (18) ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या के पीछे की वजह घरेलू प्रताड़ना बताया जा रहा है. घटना की सूचना पर पहुंची राजनगर पुलिस ने महिला के पति राजू महतो को हिरासत में ले लिया है. महिला ने घर के बगल में ही रात को पेड़ पर फांसी लगा ली थी, हालांकि ग्रामीणों के मुताबिक शनिवार सुबह किसी ने महिला के शव को फंसी पर झूलते नहीं देखा था. पुलिस को सूचना मिलने से पहले ही महिला के शव को घर वालों ने उतार लिया था.
इधर घटना के बाद घर वालों ने गांव के ग्राम प्रधान और महिला मायके वालों को भी मौत की सूचना नहीं दी. महिला का मायके सरायकेला थाना क्षेत्र के कालागुजू गांव में है. लड़की के माता-पिता को जुगीतोपा से किसी तरह सूचना मिली. सूचना मिलते ही राजनगर थाना पहुंचे. इस संबंध में राजनगर थाना प्रभारी चंदन कुमार ने कहा कि मामला हत्या या आत्महत्या का है, पुलिस इसकी जांच कर रही है. पुलिस शव को अपने कब्जे में करते हुए पोस्टमार्टम हेतु सरायकेला भेज दिया है.
मायके वालों ने बेटी की मौत को आत्महत्या मानने से साफ इंकार करते हुए ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाया है. मृतक के पिता बोतु महतो ने कहा कि जब से बेटी की प्रेम विवाह हुई है, तब से ससुराल में उसे बहुत ही प्रताड़ित किया जाने लगा. दामाद की दो फुआ, उसकी बड़ी बहन और माता-पिता उसे बहुत प्रताड़ित करते थे. खाना भी नहीं देते थे. बेटी अक्सर ससुराल में उसके साथ हो रहे प्रताड़ना की जानकारी देती थी. ससुराल वालों के कहने पर दामाद ने भी केटीएम बाइक की मांग की थी.जिसे पूरा करने के लिए हम लोग असमर्थ हैं फिर भी किसी तरह से दामाद को बाइक देने की लिए हम सोच रहे थे.
मृतक छुटका महतो और राजू महतो के बीच काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था. आठ माह पहले लड़की के घर कालागुजू में ग्रामीणों ने राजू और छुटका को साथ में पकड़ा लिया था, जिसके बाद ग्रामीणों ने राजू पर लड़की को शादी कर रखने का दबाव बनाया.इससे दोनों परिवारों के बीच विवाद बढ़ने लगा तो समाजसेवी सह पद्मश्री छुटनी महतो को जानकारी मिली. उन्होंने दोनों परिवारों के बीच समझौता कराया.
मृतका छुटका व राजू की शादी का रिश्ता ससुराल वालों को मंजूर नहीं था,लेकिन सामाजिक दबाव में उन्होंने छुटका को स्वीकार तो कर लिया. मृतका के पिता बोतु महतो ने बताया कि सामाजिक दबाब में स्वीकार तो ससुराल वालों द्वारा कर लिया गया था परंतु कभी भी छूटका के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया.ससुराल में बेटी को काफी प्रताड़ित किया जाता था.
रिपोर्ट : प्रताप मिश्रा/सुरेंद्र मार्डी