गोरखपुर एम्स में डॉक्टरों की कमी के चलते अभी केवल 495 बेड का अस्पताल ही संचालित किया जा रहा है. जबकि एम्स में 750 बेड का अस्पताल बनकर तैयार हो गया है. सीनियर रेजिडेंट (एसआर) के 137 पदों पर साक्षात्कार पूरा हो गया है. इस माह यह डॉक्टर ज्वॉइन कर लेंगे. अगले माह सभी 750 बेड का अस्पताल शुरू कर दिया जाएगा, जिससे रोगियों को बेहतर उपचार मिल सकेगा. क्योंकि गोरखपुर एम्स में पूर्वांचल, बिहार और नेपाल के मरीज ज्यादा तादाद में आते हैं. 750 बेड का अस्पताल शुरू हो जाने से वहां से आने वाले सभी मरीजों को भी राहत मिलेगी.
किस कोटे में है कितने सीनियर रेजिडेंट(एसआर)
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सामान्य 49
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पिछड़ा वर्ग 37
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ईडब्ल्यूएस 16
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अनुसूचित जाति 23
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अनुसूचित जनजाति 12
एम्स में अभी तक हिंद लैब की मशीन से एक्स-रे जांच हो रही थी. एम्स ने नई एक्स-रे मशीन लगा ली है. एम्स की मशीन से भी हिंद लैब के टेक्नीशियन ही एक्स-रे करेंगे. लेकिन अब उनकी मशीन का उपयोग नहीं किया जाएगा. इससे हिंद लैब को दिया जाने वाला मशीन का खर्च बचेगा.
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गोरखपुर एम्स में कैंसर के रेडियोथैरेपी के लिए आई मशीन का संचालन अब शुरू हो सकेगा. क्योंकि रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर (आरएसओ) की तैनाती एम्स में हो गई है. मशीन संचालन के लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया गया है. जल्द ही आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मशीन का संचालन शुरू हो जाएगा. एम्स में रेडियो सेफ्टी ऑफिसर की तैनाती न होने की वजह से कैंसर रोगियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
गोरखपुर एम्स के पैथोलॉजी में यह जांचें शुरू हो गई है.जिसमें डेंगू, टाइफाइड, सीबीसी, मलेरिया, कलर की जांच शामिल है. अन्य जांच हिंद लैब कर रहा है. वही इस मामले में एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सुरेखा किशोर ने बताया कि एम्स में लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं. इससे रोगियों को बड़ा लाभ मिल रहा है. शीघ्र ही ब्लड बैंक की भी स्थापना हो जाएगी, जिसको लेकर प्रयास शुरू कर दिया गया है.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर