PhD Entrance Test: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा पीएचडी प्रवेश परीक्षा को सिर्फ अंग्रेजी में कराने का निर्णय लिया गया था. लेकिन बीएचयू समेत देश के चार केंद्रीय विश्वविद्यालयों में छात्रों के विरोध और आपत्तियों को देख नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कई बदलाव किए हैं. शुक्रवार को एजेंसी की ओर से पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए संशोधन का नोटिस भी जारी कर दिया गया है. अब पीएचडी के दाखिले की प्रवेश परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी दोनों विषय में कराई जाएगी.
पीएचडी प्रवेश परीक्षा में अब निगेटिव मार्किंग भी नहीं होगी. जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व के विकल्प के अनुसार आवेदन कर दिया है वह बदलाव कर सकते हैं. करेक्शन विंडो खोल दी गई है. एनटीए की सीनियर डायरेक्टर डॉ. साधना पराशर ने एनटीए प्रवेश परीक्षा में सात बिंदुओं पर बदलाव का नोटिफिकेशन जारी किया.
एनटीए ने कहा है कि विश्वविद्यालय की आरक्षण नीतियों को उनके अनुसार ही लागू किया जाएगा. मानविकी, कला, संस्कृति, कॉमर्स, वित्त की प्रवेश परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी और हिंदी में रखा गया है. विज्ञान के विषय की भाषा केवल अंग्रेजी होगी. भाषा की परीक्षा उसी भाषा के अलावा हिंदी व अंग्रेजी में भी होगी. आधुनिक भारतीय भाषा और साहित्य अध्ययन की परीक्षाएं सिर्फ अंग्रेजी में कराई जाएंगी.
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पीएचडी प्रवेश परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी किए जाने का छात्र दो दिन से विरोध कर रहे थे. शुक्रवार शाम को एनटीए ने प्रवेश परीक्षा में कई बदलावों के साथ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जानकारियां अपलोड कर दी हैं. इस अधिसूचना के जारी होने के बाद छात्रों ने इस निर्णय पर प्रसन्नता जाहिर की. छात्र नेता अभिषेक सिंह का कहना है कि देश की अधिकांश जनता हिंदी भाषी है. देश के गरीब, किसान, मजदूर के लड़के हिंदी माध्यम से ही शिक्षा ग्रहण करते हैं. ऐसे में यह निर्णय उन्हें उच्च शिक्षा से दूर करता था. छात्रों ने कला संकाय के बाहर एक-दूसरे को मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की.
बीएचयू के परीक्षा नियंता प्रो. एनके मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एनटीए से संपर्क किया था. एनटीए इस बात पर सहमत हुई कि विज्ञान के विषयों को छोड़कर (जहां वैज्ञानिक शब्दावली की समस्या है) अन्य विषयों में हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम में सीयूटी, पीएचडी की परीक्षा होगी. शोध प्रवेश परीक्षा के लिए विभागवार सीटों की सूची पहले की तरह पीएचडी बुलेटिन में उपलब्ध कराई जाएगी.
स्नातक प्रवेश प्रक्रिया के संबंध में प्रो. एन के मिश्रा ने कहा कि प्रवेश के दौरान ली जा रही कमिटमेंट फीस को मूल फीस में समायोजित किया जाएगा. काउंसिलिंग पोर्टल की समस्याएं तकनीकी कारणों और आवेदकों के पोर्टल में गलत जानकारी देने के कारण आई हैं. आवेदकों के हित में विश्वविद्यालय सहायता कर रहा है.