भुवनेश्वर. वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने शुक्रवार को 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए 2 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले बजट से 30 हजार करोड़ रुपया ज्यादा है. पिछले साल ओडिशा का बजट 2 लाख करोड़ रुपये था. बजट में प्रशासनिक व्यय के लिए 94 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि कार्यक्रम व्यय के लिए 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. कार्यक्रम व्यय के लिए 1 लाख 25 हजार करोड रुपये की राशि का जो प्रावधान किया गया है. वह कुल बजट का 54 प्रतिशत है. 94 हजार के प्रशासनिक व्यय में से वेतन के लिए 32 हजार 449 करोड़ रुपये, पेंशन के लिए 19 हजार 967 करोड़ रुपये, ब्याज के लिए 7 हजार 241 करोड़ रुपये और पूंजी संपत्ति के रखरखाव के लिए 13 हजार 464 करोड रुपये का प्रावधान किया गया है.
वित्त मंत्री ने ने बताया कि डिजास्टर रिस्पांस फंड के लिए 3 हजार 7 सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 51 हजार 683 करोड़ का प्रावधान किया है. यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 6% है. 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए आकलन किये गये कुल राजस्व प्राप्ति में से केंद्रीय टैक्स में राज्य के हिस्से के रूप में 46 हजार 251 करोड, राज्य के स्वयं के टैक्स से 53 हजार करोड़, स्वयं के गैर टैक्स राजस्व से 52 हजार 5 सौ करोड़, केंद्रीय अनुदान के रूप में 32 हजार 749 करोड़ रुपये शामिल हैं.
वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने आज बजट भाषण में मिशन शक्ति स्कूटर योजना की घोषणा की. इस योजना के तहत मिशन शक्ति महिलाओं के कम्युनिटी सपोर्ट स्टाफ व इसी सदस्याओं के लिए बिजली चालित स्कूटर के लिए सहायता प्रदान की जायेगी. इस योजना में स्कूटर खरीदने के लिए लिये गये बैंक ऋण पर संपूर्ण रियायत दी जायेगी. इसके लिए बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बौध जिले में कथित रूप से कर्ज के बोझ के कारण एक किसान की मौत के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. सुबह 10.30 बजे जैसे ही सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा और कांग्रेस के विधायक आसन के समक्ष आ गये और अध्यक्ष बीके अरुखा से किसान की मौत पर चर्चा की अनुमति देने के लिए प्रश्नकाल निलंबित करने का आग्रह किया.
बाद में कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी. विपक्षी सदस्यों ने धरनी बेहरा का मुद्दा उठाया, जिनकी बौध जिले की बौसुनी मंडी में कथित तौर पर अपने धान की बिक्री का इंतजार करते समय मृत्यु हो गयी थी. कथित तौर पर उनकी उपज नहीं खरीदी गयी और उन्होंने लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा. विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से किसान की मौत हो गयी.