भुवनेश्वर : अंडमान सागर और पास की बंगाल की खाड़ी के ऊपर ‘स्पष्ट’ निम्न दबाव क्षेत्र देखा गया है तथा गुरुवार को इसमें और तेजी आने की संभावना है. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है. दबाव क्षेत्र में तीव्र होने से दिसंबर के पहले सप्ताह में यह चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा. इसके मद्देनजर ओडिशा सरकार ने बुधवार को बारिश की स्थिति में कृषि विभाग को फसलों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा है. मत्स्य विभाग को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि मछुआरे शुक्रवार से समुद्र में नहीं जाएं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने अपने सुबह के बुलेटिन में कहा कि दक्षिणी अंडमान सागर और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी से सटे क्षेत्र में 29 नवंबर को सुबह साढ़े पांच बजे निम्न दबाव का क्षेत्र बनता देखा गया है. आइएमडी ने बताया कि इसके पश्चिम-उत्तर पश्चिम की दिशा में बढ़ने और 30 नवंबर के आसपास दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में दबाव क्षेत्र में बदलने की संभावना है. इसके बाद इसके उत्तर पश्चिम की दिशा में बढ़ने की संभावना है तथा बाद में अगले 48 घंटे में दक्षिण पश्चिम एवं दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान का रूप लेने की आशंका है.
इन पूर्वानुमान के मद्देनजर ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) सत्यब्रत साहू ने कृषि विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में कहा कि संभावित वर्षा के अनुमान के मद्देनजर धान एवं अन्य फसलों को लेकर एहतियाती उपयुक्त कदम उठाने के वास्ते क्षेत्रीय पदाधिकारियों से किसानों को आवश्यक सलाह जारी करने का अनुरोध किया गया है. एसआरसी ने सात तटीय जिलों बालेश्वर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खोर्धा और गंजाम के जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने और मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मछुआरे एक दिसंबर से समुद्र की ओर नहीं जाएं तथा जो लोग समुद्र में हैं, वे इस तिथि से पहले तटों पर लौट आएं.
40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
आइएमडी ने यह भी कहा कि एक दिसंबर से बंगाल की खाड़ी के ऊपर तूफानी मौसम की स्थिति बनी रहेगी और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. आइएमडी ने कहा कि समुद्र की स्थिति बेहद खराब रहने की आशंका है.
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