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झारखंड : 3 लाख की आबादी पर मात्र 19 ट्रैफिक पुलिसकर्मी, हजारीबाग में जाम से कैसे मिलेगी निजात?

तीन लाख की आबादी वाला हजारीबाग शहर मात्र 19 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के भरोसे है. शहर में 70-72 चौक-चौराहे होने के कारण आये दिन जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड‍़ता है. कम संखया के बाजवूद शहर में तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी चिलचिलाती धूप में भी ट्रैफिस व्यवस्था सुचारू करने में जुटे हैं.

हजारीबाग, शंकर प्रसाद : तीन लाख की आबादी का शहर हजारीबाग में ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए मात्र 19 ट्रैफिक पुलिस तैनात है. ट्रैफिक पुलिस की कम संख्या होने के कारण शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर जाम लग जाता है. ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. शहर लगभग 10 किलोमीटर तक फैला हुआ है. जिसमे 70-72 चौक है. ट्रैफिक व्यवस्था में चार कांस्टेबल, सात हवलदार और आठ दारोगा जमादार प्रतिनियुक्त है.

कहां कहां लगता है जाम

शहर में कई चौक-चौराहे हैं जहां प्रतिदिन जाम लगता है. इनमें बंशीलाल चौक, झंडा चौक, इंद्रपुरी चौक, कल्लू चौक, पुरानी समाहरणालय चौक, अन्नदा चौक, पंच मंदिर चौक, पैगोडा चौक, पीटीसी चौक, मटवारी चौक, पुरानी बस स्टैंड चौक मस्जिद रोड, गुरु गोविंद सिंह रोड, नवाबगंज रोड, बुढ़वा महादेव चौक समेत अन्य चौक पर जाम की स्थिति रोज बनी रहती है.

65 सीसीटीवी कैमरे से शहर की होती है निगरानी

शहर के विभिन्न चौक-चौराहे और मार्गों में 65 सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. इसका मॉनिटरिंग नियंत्रण कक्ष से होता है. ट्रैफिक प्रभारी केके साहा ने कहा कि विभिन्न चौक पर लगे सीसीटीवी के माध्यम से चौक पर लगने वाली जाम को स्क्रीन पर देखी जाती है. वहां से निर्देश जारी कर बताया जाता है की उक्त चौक पर जाम लगा हुआ है.

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शहर में क्यों लगता है जाम

ट्रैफिक पुलिस के अनुसार शहर में जाम लगने का मुख्य कारण सड़कों पर चार पहिया दो पहिया वाहन का खड़ा करना, दुकानदार दुकान से बाहर समान को रखना, सड़क पर ठेला, खोमचा का लगाने से जाम लगती है.

बड़े वाहनों को दिन में प्रवेश निषेध

हजारीबाग शहर में सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक बड़ी वाहनों का नो एंट्री रहता है. इसके बावजूद शहर के अंदर दिन में बड़ी वाहन का एंट्री हो जाती है. बड़े वाहनों के शहर में घुसने से भी जाम की स्थिति रहती है.

कम संसाधन में ट्रैफिक पुलिस बेहतर कर रही कार्य

ट्रैफिक इंचार्ज केके साहा ने कहा कि कम संसाधनों में भी ट्रैफिक पुलिस बेहतर कार्य कर रहा है. ट्रैफिक में प्रतिनियुक्ति अधिकतर ट्रैफिक पुलिस ट्रेनिंग में गये हैं. ट्रेनिंग से लौटने के बाद यातयात पुलिस की संख्या बढ़ायी जायेगी.

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