Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड की मालकुंडी पंचायत स्थित जामडोल स्टार्क रिज पेपर मिल के मजदूरों ने बुधवार को हड़ताल कर दिया. मजदूरों ने दरवाजे पर बैठकर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. मजदूरों ने बताया कि कंपनी द्वारा तुगलकी फरमान जारी करते हुए उन्हें कंपनी गेट से बाहर भोजन करने नहीं निकलने दिया गया. हालांकि, नियम के मुताबिक एक सप्ताह पहले कंपनी द्वारा मजदूरों को नोटिस दिया जाना चाहिए था. लेकिन, बिना सूचना के ही अचानक मजदूरों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई. जिससे मजदूरों ने भूखे पेट काम किया.
मजदूरों ने लगाया आरोप
आमतौर पर मजदूरों के घर से भोजन कंपनी के बाहर की एक झोपड़ी पर आकर रख दिया जाता था. दोपहर में मजदूर कंपनी गेट से बाहर निकलकर झोपड़ी में रखा अपना भोजन ग्रहण करते थे. मजदूरों ने आरोप लगाया कि कंपनी के अधिकारियों द्वारा उनका शोषण किया जाता है. आठ घंटे की बजाय 12 घंटे की ड्यूटी ली जा रही है. इसके बावजूद स्थानीय मजदूरों को बाहरी मजदूरों की अपेक्षा कम वेतन दी जा रही है. घर पर जरूरी काम होने की स्थिति में छुट्टी मांगने पर काम से निकालने की धमकी दी जाती है. शिकायत करने के लिए कंपनी के मालिक के बारे में पूछने पर कंपनी के अधिकारियों द्वारा कहा गया कि उड़ीसा स्थित क्योंझर जाकर कंपनी के मालिक से बात करें. जिससे नाराज होकर ग्रामीण हड़ताल पर बैठ गए. ग्रामीणों की मांग थी कि जब तक कंपनी के मालिक मौके पर पहुंचकर उनकी बातों को नहीं सुनते तब तक उनका हड़ताल समाप्त नहीं होगा. मजदूरों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें ईएसआई के तहत सुविधा नहीं दी जाती है. बीमार होने पर न तो उनका सही तरीके से उपचार किया जाता है और ना ही बीमार होने की स्थिति में छुट्टी एवं वेतन दी जाती है. इस दौरान पंचायत समिति सदस्य राजेश्वर सरदार, रसिक लाल महतो, बादल सिंह, चंदन कुमार, चिरंजीत सिंह, अमित सिंह, सुकलाल मांडी आदि उपस्थित थे.
कर्मी ने कंपनी से स्क्रैप चोरी का लगाया आरोप
घाटशिला निवासी संदीप दास ने आरोप लगाते हुए बताया कि कंपनी से स्क्रैप की चोरी की जा रही थी. उन्हें मौखिक तौर पर कंपनी के अधिकारी द्वारा वाहन प्रवेश कराने का आदेश दिया गया. ग्रामीणों ने जब स्क्रैप लदे वाहन को पकड़ा, तब कंपनी के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ कर उन्हें ही काम से बैठा दिया. संदीप ने बताया कि यदि उनकी गलती थी तब रोके गए स्क्रैप वाहन को कंपनी अधिकारी द्वारा किस प्रकार से छोड़ दिया गया.
जमीन के बदले नौकरी दी, अब काम से हटाया
कंपनी में कार्यरत मजदूर निर्मलेन्दु महंतो ने बताया कि सड़क की चौड़ाई कम रहने के कारण कंपनी में वाहनों का प्रवेश सही तरीके से नहीं हो पा रहा था. कंपनी द्वारा उनसे जमीन खरीदी गई. उस दौरान शर्त रखा गया कि जमीन की कीमत के साथ साथ एक व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी. नौकरी तो दे दी गई, लेकिन तीन साल बीतने के बाद अब उन्हें काम से निकालने का आदेश दे दिया गया.
सारी गलती सुरक्षा गार्ड की : अश्विनी हाथी
वहीं, कंपनी के वीसी अश्विनी हाथी ने बताया कि जब कंपनी के दूसरे अधिकारी ने मजदूरों को भोजन करने के लिए बाहर नहीं निकलने दिया, तब सुरक्षा प्रहरी को वीसी होने के नाते मुझे फोन पर जानकारी देनी चाहिए थी. उन्होंने सारी गलती सुरक्षा गार्ड की बताई.