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खुले में शौच मुक्त जिले में खुले में शौच करने को विवश हैं लोग, लाखों खर्च पर बेकार पड़ा शौचालय, नहीं ले रहा कोई सुध

Jharkhand News (बरकाकाना, रामगढ़) : कहने को तो रामगढ़ जिला ओडीएफ घोषित है. लेकिन, ग्रामीण क्षेत्र की बात तो छोड़िये शहरी क्षेत्र कहे जाने वाले जगहों में भी लोग आज भी खुले में शौच करने की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं. रोजाना दर्जनों महिला- पुरुष को सुबह-शाम खुले में शौच करते देखा जा सकता है. यह बात रामगढ़ मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र के नयानगर बरकाकाना की है.

Jharkhand News (पंकज सोनी, बरकाकाना, रामगढ़) : कहने को तो रामगढ़ जिला ओडीएफ घोषित है. लेकिन, ग्रामीण क्षेत्र की बात तो छोड़िये शहरी क्षेत्र कहे जाने वाले जगहों में भी लोग आज भी खुले में शौच करने की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं. रोजाना दर्जनों महिला- पुरुष को सुबह-शाम खुले में शौच करते देखा जा सकता है. यह बात रामगढ़ मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र के नयानगर बरकाकाना की है.

सीसीएल कॉलोनी के ऑफिसर्स क्वार्टर क्षेत्र के केंद्रीय कर्मशाला महाप्रबंधक आवास के सामने जीएस ग्राउंड में अहले सुबह से ही खुले में शौच करने लोगों की कतार शुरू हो जाती है. मजेदार बात यह है कि महाप्रबंधक आवास के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों का भी कोई भय खुले में शौच करने वाले लोगों को नहीं रहता है.

वहीं, जिले भर में अपनी भव्यता के लिए मशहूर श्रीश्री दुर्गा पूजा मेला बाजार मैदान की नालियों पर भी लोग खुले में शौच करते नजर आ जाते हैं. खुले में शौच के कारण जीएस ग्राउंड का रोड साइड एरिया व मेला बाजार की नाली में शौच की गंदगी से बजबजाती रहती है. दुर्गंध के कारण आस-पास के दुकानदारों का जीना मुहाल हो गया है. ऑफिसर्स कॉलोनी के कई आवास बंद हैं. जिनके चाहरदीवारी के अंदर लोग स्वयं को सुरक्षित मान कर खुले में शौच करते हैं.

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असुविधा के कारण बेकार पड़ा है लाखों की लागत से बना शौचालय

केंद्रीय कर्मशाला महाप्रबंधक आवास के सामने वाले जीएस ग्राउंड में ही महज 100 मीटर की दूरी में एक सार्वजनिक शौचालय व एक मॉडलर शौचालय का निर्माण रामगढ़ नगर परिषद के द्वारा कराया गया है. जिसमें सार्वजनिक शौचालय लगभग 22 लाख की लागत से निर्माण कराया गया था. जो बिजली व पानी के अभाव व विभाग के पदाधिकारियों के उदासीनता के कारण बंद पड़ा है.

उक्त शौचालय का उद्घाटन 5 जनवरी, 2019 को नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया था. दो साल से अधिक बीत जाने के बाद भी सुविधा के अभाव में लाखों की लागत से बना शौचालय सफेद हाथी बन कर रह गया है.

वहीं, उक्त शौचालय से महज 100 मीटर की दूरी पर लगभग 10-12 लाख की लागत से एक मॉडलर शौचालय कर निर्माण कराया गया था. लेकिन, पानी की सुविधा के अभाव के कारण मॉडलर शौचालय बेकार पड़ा हुआ है. खुले में शौच करने वाले लोगों ने बताया कि अभाव के कारण ही वे खुले में शौच करने को विवश हैं. कई बार भीड़ के दौरान उन्हें शौच करने में शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता है. शौचालय का संचालन होने से उसका सीधा लाभ उन्हें मिल सकता है.

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नप पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण नहीं हो रहा शौचालय का संचालन : वार्ड पार्षद

पूरे मामले को लेकर वार्ड पार्षद विनोद तिवारी ने कहा कि सड़क किनारे अपना आशियाना बना कर रहने वाले लगभग लोगों के आवास में शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा की कमी है. जिसे लेकर नगर परिषद की बोर्ड की बैठक में मामले को उठा कर बहुत प्रयास के बाद शौचालय का निर्माण कराया गया था.

पूरे नगर परिषद क्षेत्र में 10 शौचालय का निर्माण कराया गया है. बोर्ड की बैठक में सभी शौचालयों में मूलभूत सुविधाओं को पूर्ण करते हुए सभी का सुगमतापूर्ण संचालन करने की मांग उठायी गयी थी. जिसके बाद बोर्ड द्वारा सभी शौचालयों के संचालन करने को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. लेकिन नगर परिषद के पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण शौचालयों का संचालन नहीं हो रहा है. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

Posted By : Samir Ranjan.

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