किरीबुरु : प्रोस्पेक्टिंग में डीजे बजाकर नये वर्ष का जश्न मना रहे लोगों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया. इसमें किरीबुरू थाना के प्रशिक्षु एसआई सुरेंद्र कुमार गंभीर रूप से घायल हो गये. कई अन्य जवानों को आंशिक रूप से चोटें लगी हैं, जो किसी तरह जान बचाने में सफल रहे.
घटना पश्चिमी सिंहभूम के किरीबुरू में एक जनवरी की रात लगभग 10 बजे हुई. दरअसल, तेज आवाज में डीजे बजाकर सैकड़ों लोग प्रोस्पेक्टिंग में नये साल का जश्न मना रहे थे. चूंकि पुलिस या प्रशासन से इस संबंध में कोई आदेश नहीं लिया गया था, कुछ लोगों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने उन्हें डीजे बजाने से मना कया.
किरीबुरु थाना के एसआई सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में तेज आवाज को बंद कराने गयी. पहले पुलिस ने लोगों को कार्यक्रम को बंद करने का आदेश दिया, जिसके बाद लोगों ने डीजे बजाना बंद कर दिया. इसके बाद पुलिस आगे बढ़ गयी. पुलिस के जाते ही लोगों ने फिर से तेज आवाज में डीजे बजाकर नाच-गाना शुरू कर दिया.
Also Read: बाइक व बैटरी चोर गिरोह का भंडाफोड़, पिस्टल के साथ 9 अपराधी गिरफ्तार, छह मोटरसाइकिल जब्तकुछ देर बाद पुलिस फिर वहां पहुंची. एसआई सुरेंद्र कुमार ने डीजे का तार खोल दिया. यह देखकर जश्न मना रहे लोग भड़क गये. तार खोलते ही वहां मौजूद लोग एसआई सुरेंद्र को खींचकर एक कमरे में ले गये. वहां उनके साथ मारपीट की. लोगों का गुस्सा भांपकर अन्य पुलिस वाले वहां से भाग खड़े हुए.
पुलिस बल को देखकर वहां धीरे-धीरे भीड़ जुटने लगी. भारी भीड़ को देखकर पुलिस ने एक वाहन पर लोड डीजे साउंड को वाहन समेत जब्त कर लिया. उसके संचालक समेत 5 युवकों को पुलिस अपने साथ किरीबुरु थाने ले आयी. एसडीपीओ डॉ हीरालाल रवि एवं इंस्पेक्टर वीरेंद्र एक्का ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
इसी बीच, दिन में लगभग डेढ़ बजे प्रोस्टेक्टिंग से सैकड़ों महिला, पुरुष व बच्चे किरीबुरु थाना पहुंचे और हिरासत में लिये गये लोगों को छोड़ने एवं डीजे सेट वापस करने की मांग करने लगे. इन लोगों ने थाना को चारों ओर से घेर लिया. इनका आरोप था कि एसआई सुरेंद्र ने वहां किसी महिला को छेड़ा था. इसकी वजह से मामला बढ़ा और ग्रामीणों को यह कदम उठाना पड़ा.
Also Read: महिला समेत 2 टीपीसी उग्रवादी को लातेहार पुलिस ने विदेशी मुद्रा के साथ किया गिरफ्तारग्रामीणों की पिटाई से घायल प्रशिक्षु एसआई सुरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रोस्पेक्ट में कुर्सी, झाडू़ व अन्य सामान से उन पर हमला किया गया. एक कमरा में ले जाकर बुरी तरह से उनकी पिटाई की गयी. उन्होंने कहा कि जब सैकड़ों लोग उनके साथ मारपीट कर रहे थे, तो वह किसी महिला से छेड़खानी कैसे कर सकते थे. साजिश के तहत उन पर यह आरोप लगाये गये हैं.
एसडीपीओ डॉ हीरालाल रवि ने कहा कि अच्छे कार्यों में लगी पुलिस पदाधिकारी पर हमला गंभीर मामला है. इस घटना की निष्पक्ष जांच की जा रही है. जो भी दोषी पाये जायेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. निर्दोष को जेल भी नहीं भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि किरीबुरु थाना प्रांगण में प्रोस्पेक्टिंग की जनता, शांति समिति सदस्य, पंचायत प्रतिनिधियों की सामूहिक बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि कार्यक्रम के आयोजन में शामिल लोग पांच दिन के अंदर पुलिस टीम पर हमला में शामिल लोगों का नाम बतायेंगे.
इसके बाद हिरासत में लिये गये डीजे संचालक समेत पांच लोगों को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया. डीजे ऑपरेटर द्वारा प्रशासनिक आदेश लिया गया था या नहीं, उसकी जांच इंस्पेक्टर वीरेंद्र एक्का करेंगे और इस संबंध में उचित कार्यवाही करेंगे. पुलिस व पब्लिक के बीच आपसी संबंध बना रहे, इस हेतु परस्पर बैठक आयोजित होगी. दोनों पक्ष एक-दूसरे को सहयोग करेंगे.
इस दौरान विरेंद्र एक्का (इंस्पेक्टर), अशोक कुमार (किरीबुरु थाना प्रभारी), राकेश रंजन सिंह (गुवा थाना प्रभारी), बड़ाजामदा, नोवामुंडी थाना के पुलिस पदाधिकारी, महिला थाना किरीबुरु की पदाधिकारी व पुलिस के साथ पूनम कुई (मुखिया, किरीबुरु पूर्वी), पार्वती कीड़ो (मुखिया, किरीबुरु पश्चिम), पूर्व मुखिया मंगल सिंह गिलुवा, एसएचजी ग्रुप की महिला सदस्य कनक मिश्रा एवं प्रोस्पेक्टिंग व गाड़ा हाटिंग से वार्ता हेतु आये क्रिस्टिना सोय, प्रदीप कुमार, कुंदन मुंदुईया, तुराम हेस्सा, शकुंतला महाकुड़, मीना बारला व अन्य मौजूद थे.
Posted By : Mithilesh Jha