16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लोहरदगा के कैरो प्रखंड के लोगों ने जंगल बचाने का लिया संकल्प, अब पेड़ काटने पर मिलती है सजा

Jharkhand News (लोहरदगा) : झारखंड के लोहरदगा जिला अंतर्गत कैरो प्रखंड में ग्रामीणों की जागरूकता के कारण हरे-भरे पेड़ लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. कैरो प्रखंड क्षेत्र में अभी जंगल की हरियाली देखते ही बन रही है. कल तक जो ग्रामीण इस जंगल का रूख पेड़ों को काटने के लिए किया करते थे, वही ग्रामीण अब जागरूक हो गये है और पेड़ों की रक्षा करने लगे हैं. हरियाली के कारण क्षेत्र में जलस्तर भी ऊपर आने लगा है.

Jharkhand News (लोहरदगा), रिपोर्ट- गोपी कुंवर : झारखंड के लोहरदगा जिला अंतर्गत कैरो प्रखंड में ग्रामीणों की जागरूकता के कारण हरे-भरे पेड़ लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. कैरो प्रखंड क्षेत्र में अभी जंगल की हरियाली देखते ही बन रही है. कल तक जो ग्रामीण इस जंगल का रूख पेड़ों को काटने के लिए किया करते थे, वही ग्रामीण अब जागरूक हो गये है और पेड़ों की रक्षा करने लगे हैं. हरियाली के कारण क्षेत्र में जलस्तर भी ऊपर आने लगा है.

लोहरदगा के कैरो प्रखंड के ग्रामीणों को अब पेड़-पौधों का महत्व समझ में आ गया है. अब ग्रामीण पेड़ बचाने के लिए तत्पर नजर आ रहे हैं. यहां समिति बनाकर ग्रामीण पेड़ों की रक्षा करते हैं. वर्ष 2015-16 में वन रक्षा समिति का गठन किया गया था. समिति में अध्यक्ष परमेश्वर उरांव, सुमित उरांव, लक्ष्मण उरांव, परदेशी उरांव, दीपक उरांव, सुशील उरांव, सोमरा उरांव हैं.

समिति गठन से पूर्व जंगल की देखरेख ग्राम के पाहन, पुजार, महतो के द्वारा चुने दो व्यक्तियों के सहारे होती थी. दोनों ग्रामीणों को पकिरा के रूप में साल में एक बार धान एवं कुछ पैसे दिये जाते हैं. जंगल में सखुआ, आम, जामुन, केन्दू, पियार आदि के पेड़ हैं. एक समय कैरो, नगड़ा, बिराजपुर, जमुंटोली, उतका, गुड़ी, बंड़ा, सूकरहुटू, चिप्पो के लोगों द्वारा जंगल से लकड़ी काटे जाने से जंगल का अस्तित्व खत्म होता जा रहा था. जंगल से अनावश्यक रूप से लकड़ी काटते पकड़े जाने वाले समिति द्वारा दंडित करने की डर से वन कटाई में धीरे धीरे कमी आयी.

Also Read: ईंधन का बेहतर विकल्प है ब्रिकेट, झारखंड के मंत्री डॉ रामेश्वर बोले- जलावन के साथ- साथ लोगों को मिलेगा रोजगार

वहीं, जंगल से चोरी- छुपे लकड़ी ले जाने वाले पर समिति द्वारा विशेष नजर रखा जाना लगा. सरकार के द्वारा पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम का भी ग्रामीणों पर असर हुआ. ग्रामीण पर्यवरण प्रदूषण को भी समझने लगे. अनावश्यक पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी गयी.

पहले शादी-विवाह के नाम पर अनावश्यक मड़वा खूटा के लिए पेड़ों की कटाई करते थे, लेकिन वर्तमान में समिति के आदेश पर नियम के अनुसार मड़वा खूटा की कटाई होती है. सरकार के द्वारा उज्ज्वला योजना का लाभ मिलने से भी जंगल की कटाई में कमी आयी है.

ग्रामीणों का कहना है कि अपने गांव के जंगल की रक्षा जब हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा. पेड़ हमे बहुत कुछ देते हैं, लेकिन हम उनकी रक्षा नहीं करते है, तो हमें ही नुकसान होता है. गांव के मंगरा भगत का कहना है कि शादी-विवाह या अन्य अवसरों पर लोग पेड़ की कटाई करते थे. खाना बनाने से लेकर अन्य काम भी पेड़ काटकर ही किया जाता था. लेकिन, अब इस पर अंकुश लगाया गया है. अब लोग बगैर इजाजत के पेड़ नहीं काटते हैं. पेड़ों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

Also Read: लोहरदगा के हनहट लैंपस गोदाम में अनाज की जगह मिले शराब, पुलिस ने अवैध शराब के साथ 2 को किया गिरफ्तार, पढ़ें पूरा मामला

समिति के लोगों का कहना है कि वर्तमान में महुआ चुनने के लिए लोग जंगलों में आग लगा दे रहे हैं. इससे हजारों पेड़ जलकर बर्बाद हो रहे हैं. यह बहुत दुर्भाग्य की बात है. जंगल नही रहेगा, तो हम भी नहीं रहेंगे. महुआ चुनने के लिए पुराने एवं कीमती पेड़ जला दिये जा रहे हैं. जो किसी भी नजरिये से सही नहीं है. इससे भारी नुकसान हो रहा है. वन विभाग को अविलंब इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. यदि यही स्थिति रही, तो हमारा इलाका जंगल विहिन हो जायेगा.

ग्रामीणों को भी आगे आना होगा. महुआ के लिए जंगल को जला देना कतई उचित नहीं है. किस्को, कुडू एवं सेन्हा प्रखंड क्षेत्र में जंगल में आग लगाने की घटनाएं ज्यादा हो रही है. सभी लोग जानते हैं कि जंगल में आग इंसानों के द्वारा ही लगायी जा रही है. इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. कैरो के ग्रामीण इस क्षेत्र के लोगों के लिए उदाहरण बने हुए हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें