20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पितृ पक्ष में ऐसे करें पितरों का तर्पण, जानिए पिंडदान करने की सही तिथि और श्राद्ध की सम्पूर्ण जानकारी

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष की शुरुआत इस साल भाद्र पद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार से हो रही है, जो 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार तक रहेगा.

Pitru Paksha 2023: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष की अवधि में तर्पण, पिंडदान व श्राद्ध कर्म किया जाता है. इस समय जो व्यक्ति अपने पितरों का तर्पण, पिंडदान व श्राद्ध कर्म करता है, उन्हें अपने पितर का आशीर्वाद प्राप्त होता है. श्राद्ध करने से जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है और उनका जीवन सुखमय हो जाता है. इसके साथ ही पितृपक्ष की अवधि में दान करने का विशेष महत्व होता है. दान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है. हर साल पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्र पद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से प्रारंम्भ होती है, जो आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक रहती है. ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री से इस बार पितृ पक्ष कब से शुरू हो रहा है और इस दौरान श्राद्ध कैसे किया जाना चाहिए…

कब है पितृ पक्ष 2023

पितृ पक्ष की शुरुआत इस साल भाद्र पद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार से हो रही है, जो 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार तक रहेगा. पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट तक भाद्रपद पूर्णिमा है. इसके बाद आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की पहली तिथि प्रतिपदा शुरू हो जाएगी. इसीलिए पितृ पक्ष से सम्बंधित सभी कार्य 14 सितंबर तक ही सम्पन्न कर लेना बेहतर होगा.

पितृ पक्ष तर्पण विधि

हर साल पितरों को समर्पित एक निश्चित समय अवधि में पूर्वजों का तर्पण किया जाता है. इस कर्म में कुश, अक्षत, जौ, काले तिल और जल से तर्पण कर पितरों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए. कहा जाता है कि सच्चे मन से किया गया तर्पण मनुष्य को कई प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है और साथ ही हमेशा पितरों का आशीर्वाद हमारे ऊपर बना रहता है, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों में आसानी से सफलता मिल जाती है. इस अवधि में पितरों की आत्मा की शांति के लिए यथा संभव दान करना चाहिए. इस पूरे अवधि में हमें इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखनी चाहिए. पितृ पक्ष के दौरान बाल व दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए, घर में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. आपको इस पूरे समय अवधि में किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन जैसे- मांस, मछली, मदिरा आदि का सेवन से बचना चाहिए.

Also Read: पितृपक्ष इस दिन से शुरू, पितरों की कृपा पाने के लिए मिलेंगे 15 दिन, समर्पण से तर्पण दिलाएगी पितृ ऋण से मुक्ति
ऐसे करें मृत पितरों का तर्पण

श्राद्ध या तर्पण करने से न केवल हमें पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि हमारे जीवन से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी, लेकिन इसके लिए सही विधि मालूम होना बेहद जरूरी होता है तो ऐसे में आइए जानते है. क्या है तर्पण की सही विधि?

ऐसे करें पितरों का तर्पण

  • – जिस तिथि को आपके माता-पिता, दादा-दादी या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हुई हो उस तिथि पर ही उस व्यक्ति का तर्पण या श्राद्ध करना चाहिए.

  • – इसके लिए आपको कुश, अक्षत्, जौ और काला तिल का उपयोग करना चाहिए. तर्पण करने के बाद पितरों से प्रार्थना करनी चाहिए, ताकि वे संतुष्ट होकर आपको खुशहाल रहने का आशीर्वाद दें.

  • – जब आप देवताओं के लिए तर्पण करें तो उस समय आपका मुख पूर्व दिशा की और होनी चाहिए साथ ही आपके हाथ में कुश और अक्षत् भी होनी चाहिए.

  • – देवताओं के लिए तर्पण करने के बाद जौ और कुश लेकर ऋषियों के लिए तर्पण करें.

  • – इसके बाद दक्षिण दिशा की और अपना मुख कर लें. जौ और कुश से मानव तर्पण करें.

  • – सबसे अंत में दक्षिण दिशा में मुख कर लें और काले तिल व कुश से पितरों का तर्पण करें.

पितृ पक्ष में शामिल करें ये विशेष सामग्री

हमें पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करते समय पूजन सामग्री में विशेष रूप से रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी, रक्षा सूत्र, चावल, जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद, काली तिल, तुलसी के पत्ते, पान, जौ, हवन सामग्री, गुड़, मिट्टी दीया, कपास, अगरबत्ती, दही, जौ का आटा, गंगाजल, खजूर इत्यादि चीजों को अवश्य शामिल करनी चाहिए. पितृ पक्ष में इन सामग्री को पूजन में शामिल करने से पितर प्रसन्न हो जाते है.

Also Read: Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष इस दिन से होने जा रहा शुरू, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम
पितृ पक्ष में दान करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान

शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में स्नान, दान, पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. माना जाता है कि इस दौरान अगर हम गरीब, असहाय या किसी ब्राह्मण को दान करते है तो पितरों को इस 84 लाख योनियों से मुक्ति मिलती है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष के इस समय में पितर यमलोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देकर यमलोक चलें जाते हैं तो ऐसे में आइए जान लेते है कि हमें किन- किन चीजों का दान करना चाहिए.

पितृपक्ष की अवधि में करें इन चीजों का दान

हिन्दू धर्म में दान करने का सबसे पुन्य कार्य बताया गया है. पितृपक्ष की अवधि में गौदान को सबसे श्रेष्ठ दान माना जाता है. मान्यता है कि गौ माता का दान करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितरों को श्रीहरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है. इसीलिए आप इस दौरान गौ का दान भी कर सकते है.

पितृपक्ष के दौरान स्वर्ण दान

  • इस दौरान आप गुड़ का भी दान कर सकते है. ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में मिठास आती है और पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है, जिससे कई प्रकार की समस्याएं भी दूर हो जाती है साथ ही आपको मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है.

  • श्राद्ध पक्ष के दौरान गाय के घी का दान भी सबसे शुद्ध माना जाता है. ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष है, उन्हें भी विशेष लाभ प्राप्त होता है.

  • पितृपक्ष में सफ़ेद चावल और काली तिल का विशेष प्रयोग किया जाता है. इसलिए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को पितृपक्ष की अवधि में गेहूं, चावल अथवा तिल का दान अवश्य करनी चाहिए. ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त होता है. इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के कार्यों में सफलता मिलती है.

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान स्वर्ण दान को बहुत ही लाभकारी माना जाता है. इसलिए सामर्थ्य अनुसार किसी भी व्यक्ति को स्वर्ण दान कर सकते हैं. ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में उत्पन्न हो रहा विवाद दूर होता है.

Also Read: Vrat Festival List: जितिया-नवरात्रि, दशहरा और ग्रहण कब है? जानें अक्टूबर माह के प्रमुख व्रत-त्योहारों की लिस्ट
पितृ पक्ष का महत्व क्या है?

मान्यता है कि पूर्वजों की कृपा से जीवन में आने वाली कई तरह की परेशानियां दूर होती हैं. दरअसल, श्राद्ध न होने पर मृत पितरों की आत्मा को पूरी तरह से मु्क्ति नहीं मिल पाती है, जिसकी वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियां होती है. इसलिए श्राद्ध और तर्पण के लिए पितृ पक्ष का विशेष महत्व माना जाता है. पूरे पितृ पक्ष में तिथि के अनुसार श्राद्ध करने का विधान होता है. अगर किसी को मृत्यु की तिथि की जानकारी नहीं हो तो उन्हें सर्वपितृ के दिन श्राद्ध करना चाहिए.

यहां जानें श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां

  • 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार- पूर्णिमा श्राद्ध

  • 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार- प्रतिपदा श्राद्ध

  • 30 सितंबर 2023 दिन शनिवार- द्वितीया श्राद्ध

  • 01 अक्टूबर 2023 दिन रविवार- तृतीया श्राद्ध

  • 02 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार- चतुर्थी श्राद्ध

  • 03 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार- पंचमी श्राद्ध

  • 04 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार- षष्ठी श्राद्ध

  • 05 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार- सप्तमी श्राद्ध

  • 06 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार- अष्टमी श्राद्ध

  • 07 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार- नवमी श्राद्ध

  • 08 अक्टूबर 2023 दिन रविवार- दशमी श्राद्ध

  • 09 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार- एकादशी श्राद्ध

  • 11 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार- द्वादशी श्राद्ध

  • 12 अक्टूबर 2023 दिन गुरुवार- त्रयोदशी श्राद्ध

  • 13 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार- चतुर्दशी श्राद्ध

  • 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार- सर्व पितृ अमावस्या

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें