कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के बाद पहली बार पश्चिम बंगाल के किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि पहुंची. अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने दावा किया है कि केंद्र के पोर्टल पर जिन किसानों को राज्य की ओर से सूचीबद्ध किया जा रहा है, वे वास्तविक किसान नहीं हैं. इनमें से अधिकतर सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हुए लोग हैं.
इसलिए अगर और अधिक राशि इनके खाते में दी जायेगी, तो यह एक तरह से भ्रष्टाचार होगा. इसलिए इस योजना पर तत्काल रोक लगायी जानी चाहिए. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस संबंध में पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा है कि किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिलना चाहिए, लेकिन उपभोक्ताओं की वास्तविक सूची तैयार करने के लिए केंद्र को मंत्रिमंडल की एक टीम भेजनी चाहिए.
अपनी चिट्ठी में दिलीप घोष ने कहा है कि केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के 23 लाख किसानों ने पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन केवल 7 लाख लोगों को इसका लाभ मिला है. असल में राज्य सरकार ने असली किसानों को सूचीबद्ध किया ही नहीं. उन्होंने दावा किया कि जिन किसानों को सूचीबद्ध किया गया है, उनसे कट मनी ली जायेगी.
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प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने दिलीप घोष की इस चिट्ठी पर आपत्ति जतायी है. शनिवार को उन्होंने कहा कि किसानों को मिल रही इस मदद को बंद करने का दिलीप घोष का आवेदन आपत्तिजनक है. धन राशि के वितरण में भ्रष्टाचार हो रहा है या नहीं, इसकी जांच की मांग की जा सकती है, लेकिन इसे बंद करने का यह कोई तर्क नहीं है.
कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने भी कहा कि भ्रष्टाचार हो सकता है, यह इसके संदेह में किसान सम्मान निधि की राशि को रोकना गलत होगा. भाजपा को अगर इसका संदेह है, तो इसकी जांच की जा सकती है. लेकिन, किसानों को मिलने वाली मदद बंद नहीं होनी चाहिए.
Posted By: Mithilesh Jha