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कोयलांचल धनबाद में बिजली के लिए लोगों में त्राहिमाम, शहर से गांव तक भीषण संकट

कोयलांचल धनबाद में लोगों को बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जिसके कारण भीषण गर्मी में लोग परेशान हैं. बिजली के लिए मानों त्राहिमाम मच गया हो. यह समस्या पूरे धनबाद में शहरी से लेकर ग्रामीण इलाके में है. अकेले बरवाअड्डा में करीब 3 लाख लोग बिजली संकट से जूझ रहे हैं.

कोयलांचल धनबाद में विद्युतीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी बिजली के उपकरण लोड बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. जेबीवीएनएल और डीवीसी के उपकरणों में खराबी आने से शहर से लेकर गांव तक पिछले 15 दिनों से गंभीर बिजली संकट है. इससे पूरे जिले में हाहाकार मचा है. कभी ट्रांसफॉर्मर खराब हो रहा है, तो कभी केबल पंक्चर हो रहे हैं. ओवरलोड के कारण ट्रांसफॉर्मरों के फ्यूज और बिजली के तारों का टूटना आम हो गया है. यह हालत तब है, जब बीते दो साल में धनबाद एरिया बोर्ड में बड़े पैमाने पर विद्युत उपकरणों को अपग्रेड किया गया है. बावजूद लोड बढ़ते ही जेबीवीएनएल के उपकरण जल जा रहे हैं.

अकेले बरवाअड्डा में 3 लाख की आबादी परेशान

काशीटांड़-बरवाअड्डा पावर हाउस में 10 एमबीए का ट्रांसफॉर्मर जलने से बरवाअड्डा व आसपास के क्षेत्रों में गंभीर बिजली संकट उत्पन्न हो गया है. सिर्फ पांच एमबीए के पावर ट्रांसफॉर्मर से इलाके में 24 घंटे में पांच-छह घंटे के लिए बिजली आपूर्ति की जा रही है. पूरे क्षेत्र में पिछले 10 दिनों से ब्लैक आउट की स्थिति है. अकेले बरवाअड्डा क्षेत्र में करीब 3 लाख की आबादी गंभीर बिजली संकट का सामना कर रही है. अनियमित बिजली आपूर्ति व बिजली की ट्रिपिंग से व्यवसायी, पेट्रोल पंप संचालक, जीटी रोड के होटल संचालक व ग्रामीण परेशान हैं.

एकमात्र पांच एमबीए के पावर ट्रांसफॉर्मर से पूरे क्षेत्र में सप्लाई

काशीटांड़ पावर हाउस में 10 एमबीए का पावर ट्रांसफॉर्मर जल जाने के कारण पावर हाउस में मौजूद एकमात्र पांच एमबीए के पावर ट्रांसफॉर्मर से लगभग पूरे क्षेत्र में बिजली सप्लाई की जा रही है. ट्रांसफॉर्मर पर ओवर लोड होने के कारण बिजली ट्रिप कर जा रही है. इस कारण बरवाअड्डा क्षेत्र की एक बड़ी आबादी गंभीर बिजली संकट का सामना कर रहा है.

व्यवसायी और ग्रामीण परेशान

इधर कांड्रा पावर हाउस से जीटी दक्षिण दिशा में कई बड़े प्रतिष्ठान के अलावा कृषि बाजार, कुर्मीडीह, मेमको मोड़ तक विद्युत आपूर्ति की जाती है. इससे भी अनियमित विद्युत आपूर्ति की जा रही है. इससे वाहनों के कई शोरूम लेकर पेट्रोल पंप तक प्रभावित हैं. इस क्षेत्र के व्यवसायी, शोरूम मालिक और आम जनता का कहना है कि बिजली संकट से सभी परेशान हैं. होटल संचालकों का कहना है कि व्यवसाय करना मुश्किल हो गया. वहीं आम लोगों का कहना है कि चार-छह घंटे ही बिजली रहती है. इस दौरान बिजली की ट्रिपिंग से लोग परेशान रहते हैं. बिजली नहीं रहने से इस भीषण गर्मी में जीना मुश्किल हो गया.

बरवाअड्डा के ये इलाके हैं प्रभावित

बरवाअड्डा क्षेत्र के पंडुकी, बरवाअड्डा, बडाजमुआ, लोहार बरवा, टुंडी रोड, मेमको मोड़, कृषि बाजार, विज्ञान विहार कालोनी, सत्यम नगर, सुसनीलेवा, न्यू कालोनी, बड़ाजमुआ, पांडेय बरवा, लोहार बरवा, चरकपत्थर, मुर्राडीह, सभारी, कुलबेडा, जयनगर, बिराजपुर, यादवपुर, बदाही, आसनवनी वन, मिश्रडीह, खरनी, लतवेधी बरवाडी, साधोबाद, मधुगोड़ा, खंडेरी समेत दर्जनों गांवों में पिछले 10 दिनों से गंभीर बिजली संकट है.

15 जून तक रहेगा संकट : जेइ

इस संबंध में कनीय अभियंता सुनील कुमार ने कहा कि काशीटांड़-बरवाअड्डा सबस्टेशन में लगे 10 एमबीए का ट्रांसफॉर्मर जल गया है. एक ट्रांसफॉर्मर के भरोसे पूरे क्षेत्र में रोटेशन के आधार पर बिजली आपूर्ति की जा रही है. इस कारण परेशानी हो रही है. 15 जून तक नया ट्रांसफॉर्मर लग जायेगा. इसके बाद लोगों को ट्रिपिंग और बिजली संकट से राहत मिलेगी.

हटिया मोड़ में 33 केवीए का केबल जला

रविवार की सुबह छह बजे हटिया मोड़ के पास जेबीवीएनएल के 33 केवीए में आयी खराबी का पता लगाने में छह घंटे का समय लग गया. दोपहर 12 बजे फॉल्ट का पता चला. इसके बाद मरम्मत कार्य शुरू हुआ. शाम को खराबी दूर कर बिजली सप्लाई शुरू की गयी, लेकिन कुछ ही देर में दोबारा खराबी आने से रात नौ बजे के करीब हीरापुर सबस्टेशन से बिजली सप्लाई शुरू की गयी.

उपकरणों को बचाने के लिए डीवीसी ने सात घंटे बंद की सप्लाई

डीवीसी ने भी रविवार को अपने सभी सर्किट से सात घंटे से ज्यादा बिजली कटौती की. ओवरलोड का हवाला देते हुए उपकरणों को नुकसान होने की आशंका जताते हुए डीवीसी ने कटौती की. सुबह सात बजते ही डीवीसी ने अपने पाथरडीह, पुटकी, गोधर सर्किट वन, टू और गणेशपुर सर्किट वन और टू से रिस्ट्रिक्ट पावर सप्लाई शुरू कर दी. पाथरडीह सर्किट से सर्वाधिक पांच घंटे लगातार बिजली आपूर्ति बंद रखी गयी. इसके बाद भी देर रात तक अलग-अलग समय पर कटौती जारी रही. वहीं पुटकी, गोधर और गणेशपुर के दोनों सर्किट से अलग-अलग समय में सुबह से रात तक डीवीसी ने सात घंटों से ज्यादा समय तक बिजली काटी. डीवीसी की घंटों कटौती के बाद बिजली मिलने से लाइन री-स्टोर की समस्या से भी लोगों को बिजली संकट झेलना पड़ा.

ग्रामीण इलाकों में 14 घंटे से ज्यादा कटौती

मांग अधिक और सप्लाई कम होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में 14 घंटे से भी अधिक बिजली कटौती हो रही है. गोविंदपुर के कांड्रा ग्रिड से बरवाअड्डा, गोविंदपुर से लेकर पूर्वी और पश्चिमी टुंडी तक बिजली सप्लाई होती है. इसके लिए लगभग 60 मेगावाट बिजली जेबीवीएनएल को मिलती है. अभी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की खपत 90 मेगावाट तक पहुंच गयी है.

बलियापुर में 10 घंटे बिजली आपूर्ति ठप

इधर मुकुंदा विद्युत सब स्टेशन से बलियापुर क्षेत्र में रविवार को 10 घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रहने से लोग उमस भरी गर्मी में परेशान रहे. इसके कारण घड़बड़, बिरसिंहपुर, सीमपाथर, सीतलपुर, कालीपुर, दूधिया, बाघमारा सहित दर्जनों गांवों में बिजली नहीं रहने से मेघा जलापूर्ति योजना से जलापूर्ति भी बाधित रही. पानी के लिए भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इससे करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित रही. विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डीवीसी से ब्रेकडाउन होने के कारण बिजली आपूर्ति बाधित रही. दोपहर बाद बिजली आपूर्ति बहाल हुई. इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. इस संबंध में बलियापुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों का कहना है कि बिजली की लचर व्यवस्था से आम जनता परेशान है. बिजली संकट की यही स्थिति रही तो लोग सड़क पर उतरेंगे.

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