रमकंडा (गढ़वा), मुकेश तिवारी: प्रभात खबर में 12 सितंबर के अंक में प्रकाशित खबर नाले में चुआड़ी खोदकर पानी पीने की मजबूरी शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद भंडरिया बीडीओ विपिन कुमार भारती ने खबर छपते ही प्राथमिकता के साथ मामले को संज्ञान में लेकर परेवाटांड़ टोले में चापानल की मरम्मत करा दी. मरम्मत के बाद इस टोले के लोगों को टोले में लगा चापानल से पानी मिलने लगा. ग्रामीणों ने बताया कि फिलहाल चापानल से उन्हें पानी मिलने से अब चुआड़ी से पानी लाना नहीं पड़ेगा.
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बीडीओ विपिन कुमार भारती ने गंभीरता के साथ काम करते हुए जलमीनार की खराब पड़ी मोटर की मरम्मत के लिए गढ़वा भिजवाया. पंचायत सचिव को टोले में सड़क निर्माण संबंधित रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. बीडीओ ने बताया कि चापानल की मरम्मत कराकर फिलहाल पेयजल व्यवस्था करा दिया गया है. मोटर की मरम्मत के बाद जलमीनार से भी लोगों को पानी मिलने लगेगा.
उल्लेखनीय है कि भंडरिया प्रखंड के हरता गांव के परेवाटांड़ टोले के 20 घरों में रहने वाले आदिम जनजाति कोरवा समुदाय के करीब 100 लोग इस बरसात में भी नाले में चुआड़ी खोदकर पानी पी रहे थे. इससे संबंधित खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद बीडीओ ने संज्ञान लेकर मामले पर तत्काल कार्रवाई की. इससे यहां के आदिम जनजातियों को अब पानी की समस्या से निजात मिल गयी.
आदिम जनजाति के करीब 20 घरों में रहने वाले कोरवा समुदाय के करीब 100 लोग इस बरसात में भी नाले में चुआड़ी खोदकर पानी पीने को विवश थे. प्रशासनिक उदासीनता व भौगोलिक रूप से कठिनाई भरे रास्तों के बीच भंडरिया प्रखंड के हरता गांव के परेवाटांड़ टोले में बसे इन आदिम जनजाति परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. स्थिति ऐसी है कि इन परिवारों को पिछले छह महीने से पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा था.
ग्रामीण उर्मिला देवी, सरिता देवी, अनिता देवी, अनिता देवी, आशा देवी, मालती कुंवर, बरती देवी, राजू कोरवा, विजय कोरवा सहित अन्य ग्रामीण बताते हैं कि टोले में पेयजल के लिये जलमीनार लगा है, लेकिन उसका मोटर खराब होने के कारण जलमीनार बंद है. वहीं, चापानल भी बेकार पड़ा है. बताया गया कि जलमीनार की मरम्मत के लिये छह माह पहले से पंचायत सचिव, मुखिया व प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी देकर मरम्मत कराने के लिये अनुरोध किया गया, लेकिन आज तक इसकी मरम्मत नहीं करायी गयी. बीडीओ ने खबर पर संज्ञान लिया और मरम्मत करा दी गयी.
ग्रामीणों ने बताया कि मरम्मत नहीं होने के कारण उन्हें एक किमी दूर परेवा नदी के समीप बहने वाले नाले में चुआड़ी खोदकर पानी निकालना पड़ता है और उसी पानी को पीना पड़ रहा है. अब उन्हें राहत मिल गयी है. उन्होंने बताया कि इस टोले में सड़क नहीं है. बरसात में स्थिति बदतर हो जाती है. सड़क को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन भी दिया, लेकिन अब तक सड़क निर्माण नहीं हो पाया. हालांकि, राशन व पेंशन की सुविधा यहां के लोगों को मिलती है.
ग्रामीण राजू कोरवा बताते हैं कि इस टोले में बसे लोगों को मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने के प्रति स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी भी गंभीर नहीं हैं. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले भी जलमीनार मरम्मत के लिये प्रखंड कार्यालय में लिखित शिकायत की गयी. इसके पहले पंचायत सचिव से भी अनुरोध किया गया. दो चार दिनों में मरम्मत का आश्वासन भी मिला, लेकिन अब तक इसकी मरम्मत नहीं हुई. उन्होंने कहा कि शिकायत करते-करते थक गया हूं. लगता है अब इसकी मरम्मत नहीं होगी. टोले के लोगों को चुआड़ी से ही पानी पीना पड़ेगा. बीडीओ की गंभीरता से अब उन्हें चापानल से पानी मिल रहा है.