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SSC SCAM : सीबीआई की जांच की गति पर फिर उठा सवाल, एसआइटी के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का निर्देश

पश्चिम बंगाल के कलकत्ता हाइकोर्ट ने सीबीआई से शिक्षक भर्ती घोटाले में उसकी जांच की गति पर सवाल उठाया है. एक मामले में अदालत में मौजूद सीबीआई के वकील को न्यायाधीश ने पूछा कि सीबीआई कितने दिनों में जांच पूरी करेगी ? सदस्यों को बढ़ाने की व्यवस्था करें.

पश्चिम बंगाल के कलकत्ता हाइकोर्ट (Calcutta High Court) ने सीबीआई से शिक्षक भर्ती घोटाले में उसकी जांच की गति पर सवाल उठाया है. एक मामले में अदालत में मौजूद सीबीआई के वकील को न्यायाधीश ने पूछा कि सीबीआई कितने दिनों में जांच पूरी करेगी ? सदस्यों को बढ़ाने की व्यवस्था करें. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी न्यायाधीश ने जांच की गति पर सीबीआई के वकील से सवाल किया है. उल्लेखनीय है कि एक अन्य मामले में सीबीआई के वकील अदालत आये थे. उनसे बातचीत में न्यायाधीश ने यह सवाल किया. जरूरत पड़ने पर हाइकोर्ट ने जो एसआइटी बनायी थी उसमें सदस्यों की संख्या को बढ़ाने पर भी विचार करने को कहा. कई बार देखा जा रहा है कि सीबीआई के अधिकारियों-कर्मियों की संख्या के कम होने पर जांच कार्य प्रभावित होता है.

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हताश पार्थ बोले : क्या अनंतकाल तक जेल में ही रहना होगा

शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा व उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी समेत अन्य छह आरोपियों को सोमवार को अलीपुर जजेस कोर्ट परिसर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सशरीर पेश किया गया. वहां इस बार भी पार्थ की अस्वस्थता की बात कहते हुए उनके अधिवक्ता ने जमानत पर रिहाई की अपील की थी. कोर्ट सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के अधिवक्ता ने मामले की जांच पर केंद्रित प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि कुल 677 लोगों ने अपने प्रभाव का उपयोग कर ओएमआर शीट में नंबर बढ़वाये और नौकरी पायी है.

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28 तक जेल में ही रहेंगे पार्थ समेत छह आरोपी

ग्रुप सी में कुल 385 परीक्षार्थियों में से 45 नकली परीक्षार्थियों का अब तक पता चला है. वे लोग विभिन्न जिलों के निवासी हैं. सभी को नोटिस भेजे गये हैं. उनसे पूछताछ की तैयारी है. यह सुनते ही विशेष अदालत में आरोपी पार्थ चटर्जी ने कहा, “385 में से सिर्फ चार परीक्षार्थियों से ही सीबीआइ अब तक पूछताछ कर सकी है. मतलब जब तक जांच प्रक्रिया चलेगी, तब तक मुझे जेल में ही रहना होगा. क्या जेल से बाहर निकलने का इंतजार अनंतकाल तक करना होगा?” इस पर न्यायाधीश ने सीबीआई के अधिवक्ताओं से जांच की प्रगति पूछी. इस पर कोर्ट को बताया गया कि सीबीआई कई मामलों की जांच कर रही है, लोग सीमित संख्या में हैं. इसके बावजूद मामले की तफ्तीश तेजी से आगे बढ़ रही है. यह सुन कर विशेष अदालत ने बचाव पक्ष की अपील को खारिज कर पार्थ समेत सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि 28 नवंबर तक बढ़ा दी.

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