Rajesh Khanna Death Anniversary : हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna ) की आज पुण्यतिथि है. इस इंडस्ट्री में कई बड़े-बड़े स्टार हुए लेकिन उन्हें अपने दौर में जैसी ख्याति मिली वैसी पहले किसी और को नहीं मिली थी. हसमुख चेहरा, लुभावनी मुस्कान और चंचल शरारतें वाले इस हीरो की लड़कियां जबरदस्त दीवानी थीं. राजेश खन्ना ने अपने दौर जितनी लोकप्रियता हांसिल की उसके लिए आज भी कई सुपरस्टार तरसते हैं. बॉलीवुड में उन्हें ‘राजेश खन्ना’ कहते हैं लेकिन दुनिया उन्हें प्यार से ‘काका’ पुकारती है.
राजेश खन्ना ने अपने फिल्मी करियर के दौरान काफी लंबे समय तक स्टारडम के सुनहरे दौर को देखा. वे बॉलीवुड के इकलौते अभिनेता हैं जिन्होंने लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दी थी. उनका यह रिकॉर्ड बरकरार है. एक के बाद एक उनकी कई फिल्में सिल्वर जुबली साबित हुई थी.
लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि देखते ही देखते इस सुपरस्टार के सितारे गर्दिश से जमीं पर आने लगे. पत्रकार यासिर उस्मान की किताब ‘राजेश खन्ना: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियाज फर्स्ट सुपरस्टार’ के मुताबिक मशहूर स्क्रिप्ट राइटर सलीम खान ने कहा था, ये जो शोहरत की शराब है, इसका नशा अलग है और बहुत गहरा है. जैसे-जैसे शोहरत बढ़ती है पैसा बढ़ता है यह डबल नशा है. यह नशा अगर ज्यादा हो जाये तो कोई भी आदमी लड़खड़ा का गिर सकता है.
जैसे-जैसे कामयाबी राजेश खन्ना के कदम चूमने लगी वैसे-वैसे उनके सिर पर स्टारडम का नशा हावी होने लगा. ऐसा कहा जाता है कि कामयाबी के ऊंचे मुकाम पर पहुंचने के बाद राजेश खन्ना काफी बेपरवाह हो गये थे. वे अक्सर रात-रात भर पार्टियां करते थे और सेट पर भी लेट पहुंचने लगे थे. सिर्फ इतना ही नहीं वे सेट पर जूनियर कलाकारों को बेइज्जती करने से भी नहीं चुकते थे.
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कहते हैं कि राजेश खन्ना की जिंदगी में एक दौर ऐसा आया जब उन्होंने खुद को 14 महीनों तक दीवारों के बीच कैद कर लिया था. शराब, पार्टी और फ्लॉप फिल्मों ने काका की जिंदगी का रुख मोड़ दिया था. डिंपल कपाडिया शादी के बाद उनकी जिंदगी में तो आ गईं थी लेकिन जीवन के उस पड़ाव में उनसे बात करने के लिए तरस गई थी. यह दौर ऐसा था जब गिरते हुए करियर ग्राफ का उनपर भारी पड़ने लगा था. डिंपल और उनके बीच झगड़े होने लगे थे. आखिर में डिंपल ने काका का घर छोड़ दिया और अपने पापा के पास रहने चली गईं.
‘आखिरी खत’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले राजेश खन्ना ने अपनी जिंदगी में बेहतरीन फिल्में की. आनंद, कटी पतंग, अराधना, हाथी मेरे साथी और अमर प्रेम जैसी तमाम खूबसूरत फिल्में उनके चमकते फिल्मी सफर को बयां करती हैं. उन्होंने 168 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.
हालांकि, ‘नमक हराम’ के बाद लोकप्रियता की चाबी राजेश खन्ना के हाथ से निकलकर अमिताभ बच्चन के हाथ में चली गई थी. जब यह फिल्म बननी शुरू हुई थी अमिताभ एक फ्लॉप एक्टर थे. उनके पास वक्त ही वक्त था इसलिए उन्होंने अपने हिस्से की शूटिंग पहले ही कर ली थी. डिस्ट्रीब्यूटर्स को लगता था कि अमिताभ इस फिल्म के मुख्य अभिनेता हैं और राजेश खन्ना सिर्फ मेहमान भूमिका में हैं.
अमिताभ बच्चन के आगे निकलने से ज्यादा राजेश खन्ना को इस बात की चिंता सताने लगी थी कि उनके फैंस उन्हें छोड़कर न चले जायें. इस चिंता ने एक ऐसी ख्वाहिश का रूप ले लिया था जो आखिरी समय में अधूरी रह गई. यह वो दौर था जब वे मुंबई के लीलावती अस्पताल में अपना आखिरी समय गुजार रहे थे. वे फिल्में बनाना चाहते हैं लेकिन अब उनके पास वक्त नहीं था. सुपरस्टार किसी भी तरीके से अपने फैंस की धड़कनों को दोबारा महसूस करना चाहते थे. लेकिन ऐसा हो न सका. 18 जुलाई 2012 को राजेश खन्ना इस दुनिया को अलविदा कह गये.
Posted By : Budhmani Minj