16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Raksha Bandhan 2022 Date, Muhurat Live: रक्षाबंधन आज, उदायातिथि के साथ पूर्णिमा के कारण बांधी जाएगी राखी

Raksha Bandhan 2022 Date, Shubh Muhurat Live: रक्षाबंधन का त्योहार आज 12 अगस्त को उदायातिथि के साथ पूर्णिमा रहने के कारण राखी बांधी जा सकेगी. कई लोग आज भी राखी का त्योहार मना रहे हैं. ऐसे में जान लें रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त आज क्या है.

लाइव अपडेट

कजरी तीज पूजा विधि

इस दिन महिलाएं स्नान के बाद भगवान शिव और माता गौरी की मिट्टी की मूर्ति बनाती हैं, या फिर बाजार से लाई मूर्ति का पूजा में उपयोग करती हैं. व्रती महिलाएं माता गौरी और भगवान शिव की मूर्ति को एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर स्थापित करती हैं. इसके बाद वे शिव-गौरी का विधि विधान से पूजन करती हैं, जिसमें वह माता गौरी को सुहाग के 16 सामग्री अर्पित करती हैं, वहीं भगवान शिव को बेल पत्र, गाय का दूध, गंगा जल, धतूरा, भांग आदि चढ़ाती हैं. फिर धूप और दीप आदि जलाकर आरती करती हैं और शिव-गौरी की कथा सुनती हैं. इस दिन गाय की पूजा की जाती है. गाय को रोटी व गुड़ चना खिलाकर महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं.

पौधरोपण के साथ मनायें श्रावणी पूर्णिमा

इस पर्व पर पौधरोपण भी किया जाता है. इसका विशेष फल प्राप्त होता है. वृक्ष परोपकार के प्रतीक हैं. वृक्षों से वर्षा होती है। प्रदूषण नियंत्रित होता है. पौधरोपण जैसा पुण्य कार्य व वृक्षपूजन इस पर्व की विशेषता है.

राखी बांधते समय दिशा का रखें ध्यान

राखी बांधते समय दिशा का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है. जब भी आप अपने भाई को राखी बांधें तो उसे पूर्व दिशा की तरफ बिठाकर राखी बांधे. ध्यान रखें बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो. जब भी बहन भाई को राखी बांधे उस समय बहनों को दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर और भाइयों को उत्तर-पूर्व दिशा की ओर देखना चाहिए। राखी बांधने के दौरान किसी अन्य दिशा में गलती से भी ना देखें. गलती से भी उत्तर-पश्चिम दिशा में बैठकर राखी ना बांधे. राखी बांधने के लिए यह सही दिशा नहीं है.

जानिए रक्षाबंधन पर कौन सा मंत्र का जाप करना चाहिए

रक्षाबंधन पर और कलाई में रक्षासूत्र बांधते वक्त इस अभीष्ट मंत्र का जरूर करें जाप

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

अर्थ- जिस रक्षासूत्र को महान शक्तिशाली दानवेंद्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षाबंधन से मैं तुम्हे बांधती हूं, यह तुम्हारी हमेशा रक्षा करें और संकट में तुम मेरी रक्षा करना.

रक्षाबंधन के बाद कृष्ण जन्माष्टमी भी दो दिन

अब रक्षाबंधन के बाद भगवान श्रीकृ्ष्ण का जन्मोत्सव भी दो दिन का होगा। जिस तरह से इस बार रक्षाबंधन 11 और 12 अगस्त को है उसी प्रकार 18 और 19 अगस्त को जन्माष्टमी की त्योहार भी मनाया जाएगा। पंचांग गणना के मुताबिक 18 अगस्त को भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि रात को करीब 9 बजकर 22 मिनट से आरंभ हो जाएगी जो अगले दिन यानी 19 अगस्त को रात करीब 11 बज रहेगी.

2023 में भी रक्षाबंधन पर भद्रा काल की रहेगी ऐसी स्थिति

आज रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है, लेकिन कई लोग कल यानी 12 अगस्त को भी राखी का पर्व मना रहे हैं. दरअसल भद्रा के कारण आज रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त भद्रा के खत्म होने के बाद है। भद्रा रात 8 बजकर 51 मिनट पर खत्म होगी फिर इसके बाद भद्रारहित काल में राखी बांधी जा सकेगी. लेकिन कई का मत है कि रात के समय में राखी नहीं बांधनी चाहिए. ऐसे में 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के रहते सुबह जल्दी राखी का शुभ मुहूर्त है। इस तरह संयोग अगले वर्ष भी बन रहा है। जब राखी पर भद्रा काल का साया रहेगा.

दिशा का रखें ध्यान

वास्तु शास्त्र के अनुसार, राखी बांधते समय दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए. राखी बांधते समय बहनें इस बात का ध्यान रखें कि भाई का मुख दक्षिण दिशा में न हो. बल्कि उनका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए .

टूट अक्षत का प्रयोग न करें

शास्त्रों के अनुसार, भाई के माथे पर अक्षत और रोली का तिलक लगाया जाता है. भाई को तिलक के समय अक्षत् लगाने के लिए खड़े चावल का प्रयोग करें, टूटे चावल का प्रयोग भूल से भी न करें. अक्षत का अर्थ ही होता है जिसकी कोई क्षति न हो.

इस रंग से बचें

रक्षाबंधन के अवसर पर आपको काले रंग के प्रयोग से बचना चाहिए. यह रंग नकारात्मकता को दर्शाता है. संभव हो तो अपने भाई की राशि के अनुसार राखी के रंग का चयन करें.

बहन को उपहार में न दें

भाई अपनी बहन को उपहार के रूप में बहन को रूमाल और तौलिया नहीं देना चाहिए. इसके साथ ही बहनों को धारदार या नुकीली चीजें भी नहीं देनी चाहिए. इसके अलावा दर्पण और फोटो फ्रेम जैसे गिफ्ट भी देने से बचें.

Raksha Bandhan 2022: राखी की थाली में जरूर रखें ये पांच चीजें

  • रोली या हल्दी पाउडर

  • अक्षत (साबूत चावल)

  • आरती के लिए दीपक

  • मिठाई

  • राखी बांधने का मंत्र

12 अगस्त को कब बांधे राखी?


12 अगस्त को सुबह 5 से 7 बजे के बीच राखी बांधने का समय सर्वोत्तम माना जा रहा है. अगर आप 11 अगस्त को राखी नहीं बांध सकते हैं तो 12 को इस मुहूर्त में राखी बांधें.

राखी बांधते समय दिशा का रखें ध्यान


राखी बांधते समय दिशा का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है. जब भी आप अपने भाई को राखी बांधें तो उसे पूर्व दिशा की तरफ बिठाकर राखी बांधे. ध्यान रखें बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो. जब भी बहन भाई को राखी बांधे उस समय बहनों को दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर और भाइयों को उत्तर-पूर्व दिशा की ओर देखना चाहिए.

भगवान शिव की करें पूजा

सावन की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन को भगवान शिव की पूजा जरूर करें, और उन्हें सफेद चंदन, सफेद फूल और साबूदाने की खीर का भोग लगाएं। इससे आपके जीवन में सुख समृद्धि और सौभाग्य जाग उठेगा।

राखी की थाली में रखें ये 7 चीजें

भाई को राखी बांधते समय थाली में जरूर रखें ये 7 चीजें

1. अक्षत
2. चंदन
3. नारियल
4. रक्षा सूत्र
5. मिठाई
6. दीपक
7. कलश

भाई को राखी बांधते समय बहनें पढ़ें ये मंत्र

रक्षाबंधन के दिन बहनें राखी बांधते समय इस पौराणिक मंत्र ‘येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:’ का जाप का उच्चारण जरूर करें.

सिंदूर से ना करें भाई का तिलक

रक्षाबंधन पर बहनें हमेशा भाई को चंदन से तिलक लगाएं। तिलक लगाने के लिए रोली का उपयोग भी किया जा सकता है. सिंदूर को सुहाग की निशानी मानी गई है इसीलिए इस‌ दिन बहनों को तिलक लगाते समय खास ध्यान देना चाहिए. चंदन का तिलक भाग्य में बढ़ोतरी करता है.

कैसा होना चाहिए अक्षत?

भाई को तिलक लगाने के बाद बहनें अपने भाई को अक्षत लगाती हैं. भाई को जीवन में सारी खुशियां मिले इसके लिए अक्षत लगाया जाता है. ऐसे में बहनें इस बात का ध्यान रखें कि अक्षत लगाते समय चावल के दाने टूटे हुए ना हों.

बहनों को ना दें ऐसे तोहफे

रक्षाबंधन पर जब भी बहन अपने भाई को राखी बांधती है, तब भाई उन्हें कुछ ना कुछ उपहार जरूर देता है. भाइयों को यह ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें रक्षाबंधन पर कभी भी अपनी बहनों को नुकीली या कांटेदार चीज गिफ्ट में नहीं देनी चाहिए.

कैसे बांधे राखी

  • पहले भगवान को बांधे राखी

  • भगवान का आशीर्वाद लेने के बाद अपने भाई को राखी बांधें

  • भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठाएं.

  • राखी बांधते समय भाई के सिर पर एक कोई कपड़ा जरूर रखें

  • भाई के माथे पर टीका लगाएं और उस कुछ अक्षत लगाएं.

  • दीया जलाकर भाई की आरती उतारें.

Raksha Bandhan 2022: राखी बांधते समय पढ़ें ये मंत्र

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:

तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल

Raksha Bandhan 2022: राखी बांधने से पहले जरूर करें ये काम

  • थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और दही रखें

  • घी का एक दीपक भी रखें, जिससे भाई की आरती करें

  • रक्षा सूत्र और पूजा की थाली सबसे पहले भगवान को समर्पित करें.

विवाह में आ रही है अड़चने तो करें ये उपाय

जिन लोगो के विवाह में अड़चने आ रही है बनती बात बिगड़ जाती है वह रक्षाबंधन ( Rakshabandhan ) के दिन एक पुराना ताला जो खुला हो लेकिन खराब न हो, उसकी चाभी अपने पास रखकर उसे अपने सर के ऊपर से उतारकर रात्रि में पीछे चौराहे पर फेंक दें, और पीछे मुड़कर ना देखें.

11 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त

कुछ विद्वानों का मत है कि इस बार भद्रा पृथ्वी पर न होकर पाताललोक में निवास करेगी ऐसे में 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है. 11 अगस्त को भद्रा रात 8 बजे के बाद ही खत्म होगी लेकिन रात के समय राखी बांधना अच्छा नहीं रहेगा. इस कारण सुबह 11 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त और प्रदोष काल को ध्यान में रखते हुए राखी बांधी जा सकती है.

भद्रा में नहीं बांधते राखी

भद्रा को अशुभ फल देने वाला माना जाता है. इस वजह से भद्रा काल में कोई भी मांगलिक शुभ कार्य नहीं करते हैं.

सावन पूर्णिमा तिथि टाइम

पंचांग के अनुसार सावन माह 2022 की पूर्णिमा (Sawan Purnima 2022) 11 अगस्त, 2022 को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी. भद्रकाल 11 अगस्त को भोर से शाम 8:51 बजे तक है.

राखी की थाली में जरूर हो ये सामग्री

भाई को राखी बांधते समय थाली में जरूर रखें ये 7 चीजें

1. अक्षत

2. चंदन

3. नारियल

4. रक्षा सूत्र

5. मिठाई

6. दीपक

7. कलश

11 अगस्त को बांधी जा सकती है राखी

कुछ विद्वानों का मत है कि इस बार भद्रा पृथ्वी पर न होकर पाताललोक में निवास करेगी ऐसे में 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है. 11 अगस्त को भद्रा रात 8 बजे के बाद ही खत्म होगी लेकिन रात के समय राखी बांधना अच्छा नहीं रहेगा. इस कारण सुबह 11 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त और प्रदोष काल को ध्यान में रखते हुए राखी बांधी जा सकती है.

सावन  2022 पूर्णिमा तिथि शुरू

सावन मास 2022 शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 अगस्त, गुरुवार को सुबह 10:38 मिनट से

रात में नहीं बांधनी चाहिए राखी

कुछ एक्सपर्ट का ऐसा मत है कि राखी रात में नहीं बांधनी चाहिए ऐसे में रक्षाबंधन 12 अगस्त को मनाएं. लेकिन इस दिन भी राखी बांधने का मुहूर्त बहुत ही कम समय के लिए है क्योंकि 12 अगस्त करे सुबह 7 बजकर 05 मिनट पर ही पूर्णिमा तिथि खत्म हो जाएगी.

रक्षाबंधन का त्योहार आज

रक्षाबंधन का त्योहार आज है लेकिन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होने के बाद भी पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा ऐसे में राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त बहुत ही सीमित हैं. आज सुबह 10 बजकर 38 से जैसे ही सावन पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी उसी दौरान भद्रा का साया भी शुरू हो जाएगा जो रात में जाकर खत्म होगी. तब राखी बांधने का शुभ मुहूर्त मिलेगा.

भद्राकाल क्यों नहीं बांधी जाती है राखी

भद्राकाल को बहुत ही अशुभ समय माना जाता है. इसमें किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं संपन्न नहीं किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि भद्रा में किया गया शुभ कार्य कभी भी सफल नहीं होता है.

रावण की बहन ने बांधी थी भद्रा काल में राखी

भद्रा काल को लेकर एक पौराणिक कथा के अनुसार रावण की बहन ने भद्राकाल में राखी बांधी थी जिसके कारण उसका और उसके साम्राज्य का समूल नाश हुआ था.

रक्षा बंधन के दिन बन रहे कई शुभ संयोग, 11 अगस्त

रवि योग : रवि योग सुबह 05:30 से 06:53 तक रहेगा
आयुष्मान योग : 10 अगस्त 07:35 से 11 अगस्त दोपहर 03:31 तक
सौभाग्य योग : 11 अगस्त को दोपहर 03:32 से 12 अगस्त सुबह 11:33 तक
शोभन योग : घनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग भी लगेगा

रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 11 अगस्त

अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:37 से 12:29 तक
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:14 से 03:07 तक
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:23 से 06:47 तक
संध्या मुहूर्त : शाम 06:36 से 07:42 तक
अमृत काल मुहूर्त : शाम 06:55 से 08:20 तक
प्रात: 10:38 से शाम 08:50 तक

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें