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बारिश ने अगस्त में नौ साल का तोड़ा रिकॉर्ड, 48 घंटे में 153 मिमी बरसे बादल, 300 गांवों में बाढ़ का खतरा

बरेली में शहर की कालोनियों से लेकर गली मोहल्लों में जल भराव हो गया है. कई सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं. शहर के जगतपुर, बदायूं रोड, सुभाष नगर, रामपुर गार्डन, बिहारीपुर, मढ़ीनाथ, मलूकपुर पुराना शहर आदि जगह जलभराव से लोग परेशान हैं. कई रास्तों पर कीचड़ की वजह से लोग नहीं निकल पा रहे हैं.

Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले 48 घंटे से झमाझम बारिश हो रही है. इससे मौसम सुहावना है, तो वहीं बारिश ने पिछले सभी रिकार्ड तोड दिए हैं. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले नौ वर्षों में अगस्त में इतनी बारिश नहीं हुई है. मंगलवार सुबह से गुरुवार सुबह तक 153 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है.

बारिश का सिलसिला अभी जारी रहने की उम्मीद जताई जा रही है. बरेली में पिछले कई दिन से काफी गर्मी थी. मगर, मंगलवार सुबह धूप के बीच अचानक बूंदाबांदी से बारिश की शुरआत हुई थी. इसके बाद से मानसून मेहरबान बना हुआ है. इससे लोगों को काफी राहत मिली है. गुरुवार सुबह को भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई. बारिश के लगातार होने की वजह से रात में ठंड का एहसास होने लगा है.

गर्मी ने कर दिया था बेचैन

बरेली में पिछले कई दिन से काफी गर्मी थी. इस बीच बिजली कटौती ने लोगों को बेचैन कर दिया था. गर्मी के साथ उमस से लोग परेशान थे. मगर, धूप के बीच मंगलवार को अचानक बारिश होने के बाद लोगों को राहत मिली. बुधवार के बाद गुरुवार को भी बारिश होने की वजह से मौसम खुशनुमा बना हुआ है.

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कई इलाकों की बिजली आपूर्ति प्रभावित

बारिश के चलते कई जगह बिजली लाइन पर पेड़ गिर गए हैं.इससे बिजली आपूर्ति प्रभावित हो गई. शहर के पुराना शहर, जगतपुर, मढ़ीनाथ, बदायूं रोड और कई गांवों में रात भर आपूर्ति नहीं आई. इससे बिजली उपभोक्ता काफी परेशान हैं.

शहर की कालोनियों और रास्तों पर जलभराव

शहर की कालोनियों से लेकर गली मोहल्लों में जल भराव हो गया है. शहर की कई सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं. शहर के जगतपुर, बदायूं रोड, सुभाष नगर, रामपुर गार्डन, बिहारीपुर, मढ़ीनाथ, मलूकपुर पुराना शहर आदि जगह जलभराव से लोग परेशान हैं. इसके साथ ही कई रास्तों पर कीचड़ की वजह से लोग नहीं निकल पा रहे हैं.

25 अगस्त को भी मौसम खुशनुमा होने की उम्मीद

बरेली में बारिश के बाद मौसम का मिजाज बदल गया है. बारिश के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिल गई है. अब 25 अगस्त तक मौसम सुहावना रहने की उम्मीद है. 25 अगस्त को तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज होने की उम्मीद है.

कच्चे मकानों की दीवार और पेड़ गिरे

बरेली में बारिश के चलते मकानों की कच्ची दीवार और पेड़ गिरने लगे हैं. एडीएम कंपाउंड में एक दीवार गिर गई. इसके साथ ही कैंट में एक पेड़ गिरने से कई कार क्षतिग्रस्त हो गई हैं. देहात में कई मकान भी गिरे हैं, लेकिन किसी के घायल होने की बात सामने नहीं आई है.

नदियों का बढ़ा जलस्तर, गांवों पर मंडराया खतरा

बरेली में पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश हो रही है तो वहीं उत्तराखंड के कालागढ़ डैम से पानी छोड़ा गया है. इस वजह से बरेली से गुजरने वाली रामगंगा, बहगुल आदि नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव पानी की चपेट में आने शुरू हो गए हैं. मीरगंज के तीर्थनगर गांव का प्राइमरी स्कूल, गुरुदारा और तमाम घर रामगंगा नदी में समा चुके हैं. रामगंगा के बढ़ते जलस्तर से गांव के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है. यहां के लोगों ने जिंदगी बचाने के लिए घरों को बचाना शुरू कर दिया है. गांव के काफी घर रामगंगा में समा चुके हैं, तो वहीं कुछ और घर नदी में जाने की तैयारी में हैं.

बरेली के 300 गांव में बाढ़ का खतरा

बरेली में भारी बारिश के चलते बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. रामगंगा नदी में पानी बढ़ने से बाढ़ की आशंका शुरू हो गई है. पिछले दो वर्षों में आंशिक बाढ़ से प्रभावित रहे 330 गांव के लोगों को पानी बढ़ने पर बचाव के सुझाव देने की तैयारी है.

इन नदियों का बढ़ा जलस्तर

बरेली में लगातार बारिश और उत्तराखंड के डैम से पानी छूटने के बाद रामगंगा, किच्छा, पश्चिमी बैहगुल, भाखड़ा, बहगुल और देवहा समेत अन्य छोटी नदियों में जलस्तर बढ़ गया है. इससे कृषि भूमि का कटान शुरू हो चुका है. कालागढ़ डैम से निकलने वाली रामगंगा नदी और अन्य नदियों ने कई गांवों को आगोश में ले लिया है.

प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को किया अलर्ट

बरेली की नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद निगरानी शुरू कर दी गई है. प्रशासन के अधिकारियों ने जिले की सीमा की शुरुआत से अंत तक बनाई गई 50 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है. यह बाढ़ चौकी पिछले साल के अपेक्षा बढ़ाई गई हैं, इस बार 42 से 50 बाढ़ चौकी हो गई. बाढ़ में गांवों से विस्थापन की स्थिति में 28 शरणालय प्रस्तावित किए गए हैं. यहां विस्थापितों के लिए भोजन, ठहरने, दवा आदि व्यवस्थाएं रहेंगी.

कई जिलों में बाढ़ का खतरा

रामगंगा डैम के अधीक्षण अभियंता के मुताबिक कुमाऊं और गढ़वाल में भारी बारिश के चलते रामगंगा डैम का जलस्तर बढ़ गया है. यहां भंडारण क्षमता 355 मीटर है, जबकि 355.530 मीटर जल स्तर हो जाने से यहां का पानी अब धीरे-धीरे छोड़ा जा रहा है. इससे पहले यहां से 2013 और 2021 में भी पानी छोड़ा गया था. डैम का पानी छोड़ने के कारण यूपी के बरेली, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, रामपुर, बिजनौर, फर्रुखाबाद आदि जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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