RIMS Faculty: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल में डॉक्टर की पढ़ाई के लिए लाखों बच्चे मेहनत करते है. बीते रविवार को ही देशभर में नीट यूजी की परीक्षा भी ली गयी. लेकिन, वैसे बच्चे जो रिम्स में पढ़ाई करना चाहते है उनके लिए बुरी खबर है. रिम्स में एमबीबीएस व पीजी की सीटें घट सकती है. इसका कारण निकलकर सामने आ रहा है कई विभागों में फैकल्टी डॉक्टरों की कमी.
कई विभागों में फैकल्टी डॉक्टरों की कमी
रिम्स के कई विभागों में फैकल्टी डॉक्टरों की कमी हो गयी है, क्योंकि डॉक्टरों की पदोन्नति भी रुकी पड़ी है. नये डॉक्टरों की भर्ती नहीं हो रही है. ऐसे में अगर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) का निरीक्षण हुआ, तो एमबीबीएस व पीजी सीटें घट जायेंगी. जानकारी के अनुसार, अधिकतर विभाग में असिस्टेंट प्रोफसर के पद खाली हैं, लेकिन उनको भरा नहीं जा रहा है. इसके अलावा करीब 40 डॉक्टरों की पदोन्नति रुकी हुई है.
हड्डी और मेडिसिन विभाग में सबसे ज्यादा फैकल्टी की कमी
साथ ही बता दें कि हड्डी और मेडिसिन विभाग में सबसे ज्यादा फैकल्टी की कमी है. यहां डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को बहुत सारी परेशानी हो रही है. इसके अलावा सर्जरी और न्यूरो सर्जरी विभाग में सीनियर डॉक्टर सेवानिवृत्त होनेवाले हैं. वहीं, यहां असिस्टेंट प्रोफेसर सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर की भी कमी है. सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि रिम्स प्रबंधन को समयबद्ध पदोन्नति पर ध्यान देना चाहिए.
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अन्य मेडिकल कॉलेजों की स्थिति पहले से ही खराब
साथ ही उनका कहना है कि रिम्स को छोड़कर अन्य मेडिकल कॉलेजों की स्थिति पहले से ही खराब है. इससे कई बार राज्य के कुछ मेडिकल कॉलेजों की सीट घटी है. अगर रिम्स की स्थिति भी ऐसी हो जायेगी, तो यहां भी फैकल्टी के कारण सीट घट जायेगी. इससे राज्य के विद्यार्थियों को भविष्य खतरे में पड़ जायेगा.