14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सोन नदी पर 1900 करोड़ की लागत से शीघ्र बनेगा पुल, बिहार से झारखंड की दूरी होगी कम, व्यापार का होगा विस्तार

गढ़वा : झारखंड और बिहार के बीच बहने वाली सोन नदी पर 1900 करोड़ रुपये की लागत से जल्द एक पुल बनेगा. इससे बिहार और झारखंड की दूरी कम होगी. साथ ही इस क्षेत्र के आसपास का इलाका बिजनेस कॉरिडोर के रूप में विकसित होगा. केंद्रीय परिवहन मंत्री जनरल वीके सिंह ने पलामू के सांसद वीडी राम को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है.

गढ़वा : झारखंड और बिहार के बीच बहने वाली सोन नदी पर 1900 करोड़ रुपये की लागत से जल्द एक पुल बनेगा. इससे बिहार और झारखंड की दूरी कम होगी. साथ ही इस क्षेत्र के आसपास का इलाका बिजनेस कॉरिडोर के रूप में विकसित होगा. केंद्रीय परिवहन मंत्री जनरल वीके सिंह ने पलामू के सांसद वीडी राम को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है.

Also Read: गढ़वा : प्रतापपुर गोलीकांड में शामिल छह अपराधी हथियार के साथ गिरफ्तार

हरिहरपुर ओपी क्षेत्र के श्रीनगर के समीप नदी पर इस पुल का निर्माण प्रस्तावित है. झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने भारत सरकार के निदेशक सह विशेष सचिव सड़क ट्रांसपोर्ट को पत्र लिखकर पुल बनाने का आग्रह किया था. वर्ष 2017 में इस पुल के निर्माण की प्रक्रिया सरकार की ओर से शुरू की गयी थी.

Undefined
सोन नदी पर 1900 करोड़ की लागत से शीघ्र बनेगा पुल, बिहार से झारखंड की दूरी होगी कम, व्यापार का होगा विस्तार 2

कांडी प्रखंड के श्रीनगर गांव के सामने पंडुका के बीच सोन नदी पर 1,900 करोड़ रुपये की लागत से पुल बनाने की स्वीकृति मिली थी. इसमें 500 करोड़ रुपये रिलीज भी हो गया था. पहले सूचना थी कि जनवरी, 2019 में उक्त पुल का शिलान्यास होना है, लेकिन एकाएक पुल के फंड को भागलपुर विक्रम शिलान्यास सेतु के लिए ट्रांसफर कर दिया गया.

Also Read: गढ़वा के ट्रांसपोर्टर्स मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए नहीं दे रहे बस, होगी बड़ी कार्रवाई

फलस्वरूप पुल के निर्माण पर ग्रहण लग गया.लेकिन, भारत सरकार ने फिर से इस पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की. इस पुल के बनने से इस इलाके में विकास के नये द्वार खुलने की संभावना है.

लोकसभा में इस पुल के निर्माण की मांग उठाने वाले पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि इस बहुप्रतीक्षित पुल के निर्माण से बिहार व झारखंड के बीच व्यापार का नया कॉरिडोर खुलेगा. उन्होंने कहा कि इस पुल के बनने से जहां दोनों राज्यों के बीच आवागमन सुगम होगा, वहीं दोनों राज्यों की दूरी भी कम होगी.

Also Read: गोवा में फंसे भवनाथपुर के मजदूरों ने राज्य सरकार से की वापस लाने की गुहार, कहा : नमक- रोटी खायेंगे, लेकिन अब बाहर कमाने नहीं जायेंगे

श्री राम ने कहा कि इस पुल के निर्माण को लेकर उन्होंने कई बार शून्यकाल व नियम 377 के तहत लोकसभा में इस विषय को उठाया. साथ ही संबंधित पदाधिकारियों को पत्र भी लिखे. सांसद ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर नितिन गडकरी से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया था. प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा था.

ज्ञात हो कि गत वर्ष उक्त पुल निर्माण संबंधी प्रक्रिया शुरू हुई थी और डीपीआर स्वीकृत होने के बाद सॉयल टेस्टिंग (मृदा परीक्षण) शुरू हुई. पुल निर्माण के लिए 1,900 करोड़ रुपये स्वीकृत हुई. केंद्र सरकार ने इसे अपकमिंग प्रोजेक्ट में रखा गया तथा 500 करोड़ रुपये जनवरी, 2019 में रिलीज भी कर दिये.

Also Read: दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों और मजदूरों को वापस लाने के लिए 15 IAS अफसर नियुक्त, जानें किसे मिला किस राज्य का जिम्मा

सांसद ने कहा कि उपरोक्त प्रोजेक्ट के ठंडे बस्ते में पड़ जाने के बाद पुनः उसे पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया. इस परियोजना को अंतरराज्यीय आवागमन के अंतर्गत लेने व सीआरआइएफ फंड से बनाने का अनुरोध किया गया. अब प्राथमिकता के आधार पर उक्त पुल को बनाने की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें