दिल्ली की हलचल भरी सड़कों पर, शाहरुख खान ने खुद को गौरी नाम की लड़की के प्यार में पागल पाया. दोनों 32 साल से एक दूसरे के साथ हैं और अक्सर कपल गोल्स देते नजर आते हैं. किंग खान और गौरी की ड्रीमी लव स्टोरी ने कई लोगों को विश्वास दिलाया है कि हां, सच्चा प्यार मौजूद है.
आज, 24 अक्टूबर को इस पावर कपल की 32वीं वेडिंग एनिवर्सरी है. ऐसे में आइये जानते हैं कि एसआरके को आखिरकार उनकी लेडी लव गौरी पहली बार कहां मिली और उन्हें कैसे दिल्ली के छोरे ने प्रपोज कर अपना बना लिया.
शाहरुख पहली बार गौरी से 1984 में मिले थे, जब वह सिर्फ 18 साल के थे और गौरी सिर्फ 14 साल की थीं. वह एक पार्टी में उनसे टकराए, जहां वह एक दोस्त के साथ डांस कर रही थी.
शुरुआत में, शाहरुख उनसे डांस के लिए पूछने से घबरा रहे थे, क्योंकि वह पहले से ही किसी दूसरे लड़के के साथ डांस कर रही थीं. अंत में, जब एसआरके ने गौरी से डांस के लिए पूछने की हिम्मत जुटाई, तो गौरी ने यह कहकर उसे मना कर दिया कि वह अपने बॉयफ्रेंड का इंतजार कर रही थी. लेकिन गौरी असल में अपने भाई का इंतजार कर रही थीं.
जब शाहरुख को पता चला, तो उन्होंने राहत की सांस ली और आखिरकार गौरी के साथ उनके रोमांस के पनपने की संभावनाएं फिर से जाग उठीं. लेकिन किसी भी अन्य रोमांटिक फिल्म की तरह, उनकी प्रेम कहानी में भी काफी समस्याएं थीं और एक समय तो ऐसा लगा कि दोनों लवबर्ड्स का कोई भविष्य नहीं है.
शाहरुख खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने गौरी को इम्प्रेस करने के लिए ‘गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा’ गाना गाया था. हालांकि उन्हें ये पसंद नहीं आया था.
गौरी के माता-पिता अंतरधार्मिक रिश्ते को लेकर मान नहीं रहे थे. दूसरी ओर, शाहरुख के प्यार ने गौरी के लिए चीजों को बेहद जटिल बना दिया. हालांकि गौरी एक्टर का बर्थडे मनाने के लिए मुंबई गई.
हैरान होकर शाहरुख ने अपनी मां से 10,000 रुपये लिए और मुंबई में गौरी को ढूंढने निकल पड़े. डियर जिंदगी के अभिनेता को याद आया कि गौरी ने उन्हें एक समंदर के प्रति प्यार को लेकर बात की थी. जिसके बाद उन्हें वो ढूढ़ने वहां गए
गौरी एक्टर को वहां मिली, तब किंग खान ने उन्हें फिर से प्रपोज किया. अफसोस कि बॉलीवुड के बादशाह को फिर से रिजेक्ट होना पड़ा.
जब शाहरुख की मां का निधन हुआ तो चीजें बदल गईं. गौरी ने उनके साथ रहने का फैसला किया और जल्द ही अपनी बुद्धि और आकर्षण से शाहरुख ने उनके माता-पिता का भी दिल जीत लिया. आख़िरकार वे 25 अक्टूबर, 1991 को विवाह बंधन में बंध गए.