Shani Dev ke Totke: ज्योतिषशास्त्र में शनि देव को ‘क्रूर ग्रह’ कहा गया है. सूर्य पुत्र शनि कर्म फलदाता हैं और वे लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से अच्छा या बुरा फल देते हैं. यदि शनि देव की दृष्टि किसी व्यक्ति पर बिगड़ जाये, तो उसकी जिंदगी परेशानियों से भर जाती है. धार्मिक मान्यताओं में शनिदेव को प्रसन्न रखने के लिए जरूरतमंदों को काला चना, काला तिल, काला वस्त्र दान करने आदि नाना प्रकार के उपाय बताये गये हैं, मगर अध्यात्म मानता है कि न्यायाधीश शनिदेव की कृपा के लिए काली वस्तु नहीं, बल्कि काले कारनामों का त्याग करने श्रेयस्कर है.
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माता-पिता, अशक्त तथा बच्चों को यथायोग्य सम्मान, सहयोग एवं स्नेह दें.
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पुरुषों को चाहिए कि हर स्त्री को मां लक्ष्मी का स्वरूप समझ के आदर दें.
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महिला होने के नाते कोई अवांछित वस्तु या महत्व मिले, तो तुरंत अस्वीकार करें.
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विधिक नियमों (आध्यात्मिक तथा संवैधानिक) के अनुसार अपने जीवन की आदत डालें.
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गलतियों का पश्चाताप लोगों से कह-कह के करना.
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काली वस्तु यथा तेल, तिल, काला कपड़ा की जगह काले कारनामों का त्याग मतलब मन से निकालना.
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मन में यह धारणा कि ‘मैं बहुत चालाक और दिमागदार हूं’, तो ऐसी धारणा न पालें.
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असम्मानित, अनीति से तरक्की पाये लोगों की जी-हुजूरी से बचना चाहिए.
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एक झूठ ढेरों पुण्य को खत्म करता है, इसलिए झूठी बातों से दूर रहें.
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हर व्यक्ति भगवान का चलायमान मंदिर है, अतः ठगने से परहेज करें.
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जिह्वा पर गंदे शब्दों से मां सरस्वती को पीड़ा होती है, अतः इससे बचना चाहिए.
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शास्त्रीय नियमों का पालन जरूर करें, पर अंधविश्वास में न पड़ें और न ही बढ़ावा दें.
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याद रखें कि शनि प्रकोप का भय दिखाकर बहुत से ठग सक्रिय रहते हैं. अपने जीवन का नियंता भाव मां के पेट में ही भगवान से हर किसी को प्राप्त हो जाता है. उसका प्रयोग करें. शनि प्रकोप से मुक्ति के नाम पर बहुतेरे बिना हर्रै-फिटकिरी के अपने फूटे भाग्य का इलाज करते हैं.