14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Kanpur News: शारदीय नवरात्रि कल से हो रहा शुरू, हाथी पर आएंगी माता, घोड़े पर होगी विदाई

शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू हो रहा है. शहर के प्रमुख देवी मंदिरों में रंगाई पुताई के साथ सजावट अंतिम चरणों पर है. इस बार माता का आगमन हाथी की सवारी पर होगा, जिसे सुख समृद्धि पूर्ण माना गया है लेकिन माता की विदाई की सवारी घोड़ा है, जो शुभ संकेत नहीं है.

शारदीय नवरात्र रविवार यानी 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. शहर के देवी मंदिरों में रंगाई पुताई के साथ सजावट अंतिम चरणों पर है. प्रमुख मंदिरों में दर्शन के लिए बैरिकेडिंग के साथ अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इस बीच दुर्गा पूजा पंडाल भी लगने शुरू हो गए हैं. इस बार माता का आगमन हाथी की सवारी पर होगा, जिसे सुख समृद्धि पूर्ण माना गया है लेकिन माता की विदाई की सवारी घोड़ा है, जो शुभ संकेत नहीं है.

नवरात्रि पर श्रद्धालु घरों में कलश स्थापना भी करते हैं. उसके लिए शुभ मुहूर्त भी आचार्यों ने निकाला है. आचार्य पंडित राजेश तिवारी ने बताया कि शनिवार रात 11:26 बजे से प्रतिपदा शुरू होकर रविवार रात 12:33 बजे तक रहेगी. शनिवार शाम 4:25 बजे से चित्रा नक्षत्र शुरू हो गया है जो रविवार शाम 6:12 बजे तक रहेगा. यदि चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग हो तो उस समय कलश स्थापना करना निषेध है. लेकिन शास्त्रों में ऐसा निर्णय है कि चित्रा नक्षत्र के तीसरे चरण से चौथे चरण तक कलश स्थापना की जा सकती है. ऐसे में रविवार सुबह 10:24 बजे के बाद कलश स्थापना की जा सकेगी.


कलश स्थापना के लिए 46 मिनट का शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना और देवी पूजा प्रातः काल करने का विचार शास्त्रों में है. लेकिन इसमे चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग को वर्जित माना जाता है. हालांकि विशेष परिस्थिति में जब वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र के दो चरण व्यतीत हो चुके हो तो घट स्थापना की जा सकती है. प्रातः काल में चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग के दो-दो चरण सम्पूर्ण हो जाएंगे. ऐसे स्थिति में घट स्थापना प्रातः काल मे की जा सकती है. लेकिन अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना सबसे शुभ माना जाता है. इस बार अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:31 बजे से लेकर दोपहर 12:17 बजे तक रहेगा.

Also Read: खुशखबरी: कानपुर आईआईटी और सीएसए अब करेंगे कृषि ड्रोन पर काम, किसानों को मिलेगा राहत
घट स्थापना के लिए तैयारी

यदि आप घर में घट (कलश) स्थापना करना चाहते हैं तो उसकी पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए. इन सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी. जौ या गेहूं (एक पाव), लाल चुनरी, स्वच्छ मिट्टी, नारियल पानी वाला, आम के पत्ती, दूर्वा ,पान के पत्ते, धूप-दीप, फूल व माला, माला यदि अड़हुल फूल की हो तो श्रेष्ठ, कलावा, पीतल या तांबे का लोटा, अक्षत, मिठाई, मौसमी फल और कुमकुम की आवश्यकता पड़ेगी.

Also Read: खुशखबरी: कानपुर आईआईटी और सीएसए अब करेंगे कृषि ड्रोन पर काम, किसानों को मिलेगा राहत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें