Lucknow News: यूपी विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही प्रदेश में रैलियों और जनसभाओं का दौर जारी है. इस क्रम में 11 नवंबर को प्रसपा मुखिया शिवपाल यादव और 13 नवंबर को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव गोरखपुर आ रहे हैं. जिसको लेकर के गोरखपुर में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
प्रसपा के नेता अंशुमान सिंह ने बताया कि, 11 नवंबर को 1:30 बजे शिवपाल सिंह यादव गोरखपुर पहुंचेंगे. इसके बाद इनका पैडलेगंज चौराहे पर स्वागत होगा. जिसके बाद पैडलेगंज चौराहे से रथ यात्रा शुरू होगी, और चंपादेवी पार्क तक जाएगी, जहां पर शिवपाल एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
शिवपाल सिंह यादव बस्ती से सड़क मार्ग से गोरखपुर आएंगे. गोरखपुर से पहले सहजनवा में शिवपाल यादव का स्वागत होगा. शिवपाल यादव का सहजनवा में पूर्व मंत्री जयप्रकाश यादव स्वागत करेंगे.
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समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रवक्ता कीर्ति निधि पांडेय ने बताया कि, 13 नवंबर को सुबह 10 बजे अखिलेश यादव प्राइवेट प्लेन से गोरखपुर एयरपोर्ट पर आएंगे. इसके बाद यहां से समाजवादी विजय यात्रा की शुरुआत करेंगे. यह यात्रा गोरखपुर से चलकर सदर विधानसभा, ग्रामीण विधानसभा, चौरी-चौरा विधानसभा, पिपराइच विधानसभा होते हुए कुशीनगर चली जाएगी. इसके बाद कुशीनगर में अखिलेश यादव का काफिला रुकेगा.
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इस दौरान अखिलेश यादव हर प्रमुख चौराहों पर जनता को संबोधित करेंगे. कीर्ति पांडेय ने बताया कि, कल सुबह यानी मंगलवार को समाजवादी विजय रथ यात्रा के प्रभारी और विधान परिषद सदस्य संजय लाठर इसे सफल बनाने के लिए गोरखपुर आ रहे हैं. संजय लाठर को समाजवादी विजय यात्रा का प्रभारी भी बनाया गया है.
दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव जीतने के लिहाज से सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर पूर्वांचल पर टिकी हुई है. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि, पूर्वांचल में जो जीतता वही यूपी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करता है. ऐसे में पूर्वांचल का गोरखपुर जिला सबसे अहम माना जाता है, क्योंकि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद है.
गोरखपुर में सपा-प्रसपा की यात्रा भाजपा के इस किले में सेंधमारी के रूप में देखी जा रही है. गोरखपुर और उसके आसपास के जनपदों में बीजेपी काफी मजबूत स्थिति में है. गोरखपुर की 9 विधानसभा सीटों में से 8 पर भाजपा का कब्जा है, तो वहीं कुशीनगर जनपद की 7 सीटों में से 5 पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक है.
विपक्षी पार्टियों को इन सीटों पर जीत हासिल करना सबसे बड़ी चुनौती होगी. सपा और प्रसपा गोरखपुर और कुशीनगर में 2017 के विधानसभा चुनाव में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि सपा-प्रसपा की रैली और जनसभाओं का असर यहां के वोटर पर कितना पड़ता है.
रिपोर्ट- अभिषेक पांडेय