गोला फेंक खिलाड़ी करणवीर सिंह हाल ही में प्रतियोगिता से बाहर हुई डोप जांच में विफल रहे, जिसके बाद अगले सप्ताह बैंकॉक में होने वाली एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप की भारतीय टीम से उन्हें बाहर कर दिया गया.पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) में प्रशिक्षण लेने वाले करणवीर को इससे पहले 12-16 जुलाई तक होने वाली इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप के लिए 54 सदस्यीय भारतीय टीम में नामित किया गया था. भारतीय टीम शनिवार रात थाईलैंड के लिए रवाना होगी.
डोप टेस्ट में फेल हुए करणवीर
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला से जब करणवीर के डोप जांच में विफल होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हां, यह सही है.’इस डोप जांच सही तारीख और प्रतिबंधित पदार्थ के नाम की जानकारी नहीं दी गयी है. इससे पहले भारतीय टीम के एक सूत्र ने कहा था कि करणवीर को नयी दिल्ली और बेंगलुरु से थाईलैंड के लिए रवाना होने वाली टीम से बाहर किया जा सकता है.
फेडरेशन कप में जीता था कांस्य पदक
इस 25 साल के खिलाड़ी ने मई में फेडरेशन कप में 19.05 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता था, जबकि जून में राष्ट्रीय अंतर-राज्य चैंपियनशिप में 19.78 मीटर के प्रयास के साथ वह एशियाई रिकॉर्ड धारक तजिंदरपाल सिंह तूर के बाद दूसरे स्थान पर थे. वह मौजूदा सत्र की सूची में एशियाई खिलाड़ियों में छठे स्थान पर हैं.करणवीर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 20.10 मीटर है, जो उन्होंने पिछले साल राष्ट्रीय ओपन चैंपियनशिप के दौरान हासिल किया था.तूर अब एशियाई चैंपियनशिप में पुरुषों की गोला फेंक स्पर्धा में अकेले भारतीय होंगे.
तूर के पास है सुनहरा मौका
भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने कहा, ‘उसके (तूर) पास स्वर्ण पदक जीतने का सुनहरा मौका है.’तूर ने दोहा में चैंपियनशिप के 2019 सत्र में 20.22 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था. अब वह अनुभवी खिलाड़ी है और सत्र में एशिया के गोला फेंक खिलाड़ियों की सूची की तालिका में शीर्ष (21.77 मीटर) पर है. . तूर ने कहा, ‘मेरा अभ्यास अपेक्षित स्तर पर रहा है. मुझे बैंकॉक में अपने प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है.’नायर को पुरुषों के गोला फेंक के अलावा, भाला फेंक, लंबी कूद और त्रिकूद में भारतीय खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद है.
धावकों के पास मेडल जीतने का गोल्डन चांस
थाईलैंड में पांच दिवसीय महाद्वीपीय चैंपियनशिप के दौरान भाला फेंक खिलाड़ी रोहित यादव और मनु डीपी, लंबी कूद खिलाड़ी मुरली श्रीशंकर और त्रिकूद में प्रवीण चित्रावल तथा अब्दुल्ला अबूबकर पर निगाहें रहेंगी. नायर ने कहा, ‘मध्यम और लंबी दूरी (800 मीटर, 1500 मीटर and 5000 मीटर) के धावकों के पास भी पोडियम (शीर्ष तीन) पर रहने का मौका होगा.’उन्होंने कहा, ‘ डेकाथलॉन (तेजस्विन शंकर) भी इस बार टीम का एक मजबूत पक्ष है.’ भारतीय टीम का ध्यान महिलाओं की ट्रैक स्पर्धाओं (100 मीटर बाधा दौड़, 200 मीटर, 800 मीटर, 5000 मीटर) और 3000 मीटर स्टीपलचेज़ पर होगा.
अन्नू रानी फिर से पदक जीतना चाहेंगी
आंध्र प्रदेश की 100 मीटर बाधा दौड़ विशेषज्ञ ज्योति याराजी बैंकॉक में होने वाले महाद्वीपीय प्रतियोगिता में पदार्पण करेंगी. याराजी ने इस सत्र में कई मौकों पर 100 मीटर बाधा दौड़ को 13 सेकंड से कम समय पूरा किया है. उन्हें पदक का दावेदार माना जा रहा है. वह 200 मीटर स्पर्धा में भी हिस्सा लेंगी.महिलाओं की भाला फेंक में राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता अन्नू रानी इस स्पर्धा में एक बार फिर पदक जीतना चाहेंगी. उन्होंने 2019 में रजत पदक जीता था.मुख्य एथलेटिक्स कोच ने कहा कि स्वप्ना बर्मन (हेप्टाथलन), शैली सिंह और एंसी सोजन (दोनों लंबी कूद) फील्ड स्पर्धाओं में अन्य एथलीट हैं जिनके पास बैंकॉक में पदक जीतने का अच्छा मौका है. नायर ने कहा, ‘हमें थाईलैंड में पुरुषों की चार गुणा 400 मीटर रिले और मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले में पदक जीतने की भी उम्मीद है.’ भारत ने 2019 में इस प्रतियोगिता में 16 पदक (दो स्वर्ण, सात रजत, सात कांस्य) जीतकर पदक तालिका में पांचवां स्थान हासिल किया था.