कोलकाताः कूचबिहार जिला के शीतलकुची में बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय बल के जवानों की गोली से वहां के चार लोगों की मौत हुई थी. उस घटना की जांच कर रही सीआइडी के सदस्यों ने शुक्रवार को कूचबिहार जिले के पूर्व एसपी देवाशीष धर से लंबी पूछताछ की. इस मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) के सदस्यों ने उनसे इस दौरान विभिन्न सवालों के जवाब जानने की कोशिश की.
सीआइडी के सूत्र बताते हैं कि घटना के दिन वहां फायरिंग होने की नौबत क्यों आयी. फायरिंग करने का निर्देश पहले किसने दिया था. ऐसे क्या हालात वहां बन गये थे, जिससे फायरिंग ही एकमात्र उपाय बच गया था. इस तरह के विभिन्न सवालों का जवाब पूर्व एसपी से पूछा गया.
सीआइडी सूत्रों ने बताया कि इसके पहले घटनास्थल की जांच के अलावा कई पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ करके उनका बयान लिया जा चुका है. शुक्रवार को सवाल-जवाब में कूचबिहार के पूर्व एसपी देवाशीष धर से उन्हें जो जानकारी मिली है, उसे पहले के बयानों से मिलाया जायेगा.
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ऐसे में दोबारा पूछताछ करने के लिए 22 जून को पूर्व एसपी देवाशीष धर को बुलाया गया है. शुक्रवार को ही इसका नोटिस उन्हें भेज दिया गया है. उस दिन उनका एक बार फिर बयान लिया जायेगा, जिसके बाद जांच को लेकर आगे की रणनीति तय की जायेगी.
उल्लेखनीय है कि बंगाल चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग के दिन केंद्रीय बलों के जवानों ने शीतलकुची विधानसभा क्षेत्र के 126 नंबर बूथ पर फायरिंग की थी, जिसमें चार ग्रामीणों की मौत हो गयी थी. तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर टीएमसी समर्थकों को डराने-धमकाने के लिए जवानों ने फायरिंग की थी.
वहीं, मामले की जांच के बाद तत्कालीन एसपी देवाशीष धर ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ग्रामीणों ने जवानों को चारों ओर से घेर लिया था. उनके हथियार छीनने की कोशिश की, तो आत्मरक्षा में सीआइएसएफ के जवानों को फायरिंग करनी पड़ी. उस वक्त तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इसे दबाव में दिया गया बयान बताया था.
Posted By: Mithilesh Jha