धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) की छत पर सोलर प्लांट लगाने का काम पूरा हो चुका है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कहा है कि सोलर प्लांट लगाने वाली कंपनी ने इसकी टेस्टिंग भी शुरू कर दी है. अब तक एजेंसी द्वारा दो बार सफल टेस्टिंग की गयी है. जून माह से इससे बिजली उत्पादन शुरू हो जायेगा. बता दें कि झारखंड रिन्युअल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जरेडा) ने सोलर प्लांट लगाया है. सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) ने इसमें तकनीकी मदद की.
सोलर प्लांट की क्षमता 200 केवीए
कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, सोलर प्लांट की क्षमता 200 केवीए है. इससे पूरे मेडिकल कॉलेज में बिजली सप्लाई की जायेगी. सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली बचने पर अस्पताल में सप्लाई करने की भी योजना है. वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में जेबीवीएनएल बिजली सप्लाई करता है. हर माह लगभग 6 लाख रुपये बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता है.
बता दें कि भारत सरकार भी सोलर एनर्जी को बढ़ावा दे रही है. आम लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपील कर चुके हैं कि अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगवायें. उससे बनने वाली बिजली का अपने घर में इस्तेमाल करें और अतिरिक्त बिजली को बेच दें. सोलर पैनल लगाने वाले लोगों को सरकार की ओर से अच्छी-खासी सब्सिडी भी दी जाती है.
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झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में भी सोलर पैनल लगाया गया है. हालांकि, रिम्स के सोलर पैनल में बीच-बीच में गड़बड़ी की खबरें आती रहती हैं. बहरहाल, भारत को वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट के बिजली संयंत्र की स्थापना करनी थी, जिसमें सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी, बायोमास और छोटे हाइड्रोपावर शामिल हैं. इसमें 100 गीगावाट सोलर एनर्जी का प्लांट लगाना था. लेकिन महज 62 गीगावाट सौर ऊर्जा का ही उत्पादन शुरू हो पाया.