झारखंड सरकार ने रिन्युएबल एनर्जी के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाया है और सौर ऊर्जा नीति 2022 को जारी किया है. इस नीति के तहत सरकार ने कई क्रांतिकारी कदमों की घोषणा की है. झारखंड सरकार ने 2022-23 और 2026-27 तक सौर ऊर्जा के जरिये 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
झारखंड सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 3000 मेगावाट बिजली का उत्पादन सोलर पार्क ( 700 मेगावाट), गैर सोलर पार्क (एक हजार मेगावाट), फ्लोटिंग सोलर पार्क (900 मेगावाट) और कैनाल सोलर टॉप के जरिये (400 मेगावाट) करेगी.
वहीं डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर यानी रूफटॉप सोलर (250 मेगावाट), कैप्टिव सोलर (220 मेगावाट) और सौर सिंचाई (250 मेगावाट) के जरिये 720 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा. सरकार ने सौर ऊर्जा नीति की घोषणा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और ग्रामीण इलाकों में जीवन स्तर सुधारने के लिए किया है.
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन की बात दोहराई है और इस लक्ष्य की प्राप्ति में झारखंड सरकार अपना अहम योगदान देने के लिए कृतसंकल्प है और इसी उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2022 में 443 मेगावाट, 2023 में 697, 2024 में 1105, 2025 में 990 और 2026 में 765 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए रिन्युएबल एनर्जी यानी अक्षय ऊर्जा के साधनों की ओर अग्रसर होना बहुत जरूरी है और इसी ओर झारखंड सरकार ने कदम बढ़ाया है. झारखंड में सौर ऊर्जा के पर्याप्त अवसर हैं क्योंकि यहां लगभग 300 दिनों तक सूरज की रौशनी मिलती है, जो इस ऊर्जा से बिजली उत्पादन में अहम भूमिका निभायेगी और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में झारखंड को लीडर बनायेगी.
सौर ऊर्जा नीति के आज से लागू होने के बाद झारखंड सरकार एनर्जी ट्रांजिशन की ओर बढ़ेगी और सौर ऊर्जा की क्षमता को लगातार बढ़ायेगी, ताकि बिजली के लिए कोयले पर निर्भरता कम हो और सौर ऊर्जा के जरिये झारखंड सरकार ग्रीन एनर्जी की ओर अग्रसर हो.
सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण की पूरी योजना बनायी है और सबसे पहले जमीन उपलब्ध कराने की ओर ध्यान दिया जायेगा. साथ ही सौर ऊर्जा के जरिये ग्रामीण भारत को सशक्त किया जायेगा, ताकि उनके आजीविका की व्यवस्था हो और उनका जीवन स्तर सुधरे.
सौर ऊर्जा नीति के तहत DISCOM की ऊर्जा खरीद में सौर बिजली की हिस्सेदारी को 2023-24 तक बढ़ाकर 12.5% करना लक्ष्य रखा गया है. साथ ही 100 मॉडल सोलर विलेज बनाया जायेगा, जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर होगा. इसके तहत गांवों में मिनी और माइक्रो सोलर ग्रिड लगाया जायेगा. गांवों में सोलर होम सिस्टम भी लगाया जायेगा. आम लोगों तक इसकी पहुंच सहज हो इसके लिए ग्रामीणों को ईएमआई की सुविधा भी दी जायेगी.