West Bengal: पश्चिम बंगाल के टीएमसी नेता और ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी को ममता सरकार ने मंत्री पद से हटा दिया है. वेस्ट बंगाल सरकार ने एसएससी भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी को अपने विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है. बता दें, पार्थ चटर्जी की बेहद करीबी और एकट्रेस अर्पिता मुखर्जी के घर से बीते हफ्ते ईडी की टीम ने करोड़ों रुपये कैश बरामद किए गए थे. ईडी की पूरी छापेमारी में कुल 55 करोड़ रुपये अबतक बरामद हुए हैं वहीं, 2000 और 500 के इतने नोट मिले हैं कि नोटों का पहाड़ बन गया. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बर्खास्त किये गये मंत्री पार्थ चटर्जी के उद्योग और अन्य विभागों को अपने पास रखा है.
Partha Chatterjee, accused in West Bengal SSC recruitment scam, relieved of his duties as Minister in Charge of his Departments with effect from 28th July: Government of West Bengal pic.twitter.com/12Asu6b4L8
— ANI (@ANI) July 28, 2022
टीएमसी के कई नेताओं ने की थी निष्कासित करने की मांग: पार्टी के राज्य महासचिव एवं प्रवक्ता कुणाल घोष ने एसएससी घोटाले मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को पद से तुरंत हटाए जाने और पार्टी से भी तत्काल निष्कासित किए जाने की मांग की थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के अनुसार, चटर्जी से संबद्ध अपार्टमेंट से लगभग 50 करोड़ रुपये की नकदी और सोना बरामद किया गया है. इसके अलावा कुछ संपत्तियों तथा विदेशी मुद्रा से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक ट्वीट में कहा कि, ‘पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल तथा पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटाया जाना चाहिए. अगर मेरा बयान गलत लगे, तो पार्टी के पास मुझे भी सभी पदों से हटाने का अधिकार है. मैं तृणमूल कांग्रेस के एक सैनिक की तरह काम करता रहूंगा’ उन्होंने बाद में पत्रकारों से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर पूरा विश्वास है.
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने भी चटर्जी को निष्कासित किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते, मुझे लगता है कि एक व्यक्ति की वजह से हमारा सार्वजनिक रूप से अपमान नहीं होना चाहिए. पार्टी नेतृत्व को इसका संज्ञान लेना चाहिए और उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए.’
पार्टी नेताओं ने ऐसे समय में चटर्जी को निष्कासित करने की मांग की है, जब जब विपक्षी पार्टी -भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)- चटर्जी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर लगातार राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को निशाना बना रही है.
भाषा इनपुट से साभार