पश्चिम बंगाल में आतंकी संगठन अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों की मदद करने के आरोप में कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कॉलेज छात्र मोनीरुद्दीन खान को दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर से गिरफ्तार किया. आरोपी को रविवार को बैंकशाल कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 14 नवंबर तक एसटीएफ हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. एसटीएफ सूत्र के मुताबिक, अलकायदा के गिरफ्तार एसटीएफ संदिग्ध आतंकी अजीजुल हक से पूछताछ में मोनीरुद्दीन खान का नाम अजीजुल सामने आया. इसके बाद से एसटीएफ अब्दुल्लाह उसकी तलाश कर रही थी.
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एसटीएफ सूत्र बताते हैं कि मोनीरुद्दीन ने अपना पहचान पत्र और दस्तावेज सीमा पार से भारतीय सीमा में आनेवाले अलकायदा के नेताओं के हवाले किया था. उसकी पहचान पत्र की मदद से कुछ आतंकियों के सिम आतंकिय कार्ड खरीदे गये और बैंक खाते खुलवाये गये. प्राथमिक पूछताछ में एसटीएफ को यह भी पता चला है कि गिरफ्तार मोनीरुद्दीन खान अलकायदा को बढ़ावा देने और सोशल मीडिया में स्लीपर सेल बनाने के लिए इन आतंकियों की मदद कर रहा था. आरोपी अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों के संपर्क में रहकर दक्षिण 24 परगना में स्लीपर सेल नियुक्त कर एक नया आतंकी मॉड्यूल बनाने की योजना पर काम कर रहा था.
एसटीएफ सूत्र बताते हैं कि बांग्लादेश में एक ब्लॉगर की हत्या के आरोपी फैजल शेख के एसटीएफ के हाथों गिरफ्तार होने के बाद जांच अधिकारियों को कोलकाता समेत पूरे देश में अलकायदा नेटवर्क फैले होने की जानकारी मिली. फैजल से पूछताछ के बाद अलकायदा के अन्य आतंकी मोहम्मद हसनत को सितंबर महीने में उत्तर प्रदेश से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया. हसनत के मालदा में एक ठिकाने से एक पेन ड्राइव मिली, जिसमें अलकायदा द्वारा देश के कई वीआइपी पर हमले और बम विस्फोट की साजिश रचने का खुलासा हुआ. इसके बाद एसटीएफ की टीम ने इनके दो अन्य साथी को भोपाल जेल से हिरासत में लिया.
दोनों से पूछताछ में मथुरापुर निवासी अजीजुल हक तक एसटीएफ की टीम पहुंची. अजीजुल से पूछताछ में पता चला कि वह दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर में अरबी पढ़ाता था. अजीजुल पिछले साल मथुरापुर के राणाघाटा गांव में एक प्रतिभाशाली छात्र मोनीरुद्दीन खान से मिला. वह मोनीरुद्दीन को अपने घर पर पढ़ाने लगा. इसी दौरान वह मोनीरुद्दीन का ब्रेनवॉश कर उसे अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों की मदद करने एवं संगठन का काम करने के लिए मौखिक रूप से प्रशिक्षण भी देने लगा. मोनीरुद्दीन के जरिये वह उसके अन्य छात्र साथियों व दोस्तों तक सोशल मीडिया के जरिये पहुंचने को कहने लगा.
एसटीएफ सूत्र बताते हैं कि अजीजुल की बातों से प्रभावित होकर मोनीरुद्दीन उसके साथ आतंकियों को मदद करने के लिए काम करने लगा. इसी के बाद उसने अपना आधार कार्ड की कॉपी अजीजुल के हवाले कर दी थी. उस दस्तावेज की मदद से खुलवाये गये बैंक खातों में हवाला के जरिये ‘टेरर फंड’ आने लगा. कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (एसटीएफ) वी सोलोमन नेसा कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में कई अहम खुलासे होने की उम्मीद है. उन्हें उम्मीद है कि वे जल्द इस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचेंगे.