रांची : कोरोना वायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) में राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में फंसे झारखंड (Jharkhand) के 10 जिलों के छात्रों को लेकर शनिवार (2 मई, 2020) की रात को 9 बजे एक स्पेशल ट्रेन (Special Train) रवाना होगी. 21 कोच वाली इस ट्रेन में बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, कोडरमा, दुमका, देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ के छात्रों को अपने प्रदेश लाने की व्यवस्था सरकार ने की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसे रीट्वीट किया है.
राजस्थान के कोटा जंक्शन से जो ट्रेन रवाना होगी, उसमें 4 डिब्बे (कोच संख्या 1 से 4) बोकारो के छात्रों के लिए है, जबकि धनबाद के लिए 4 डिब्बे (कोच संख्या 5 से 8), गिरिडीह के लिए 4 डिब्बे (कोच संख्या 9 से 12), कोडरमा के लिए 2 डिब्बे (कोच संख्या 13-14), दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुड़ के छात्रों के लिए एक-एक डिब्बा (कोच संख्या क्रमशः 15, 21, 22 और 21) आरक्षित रखा गया है.
देवघर के छात्रों के लिए तीन डिब्बे (कोच संख्या 16 से 18) और गोड्डा के बच्चों के लिए 3 डिब्बे (कोच संख्या 19 और 20) आरक्षित हैं. कोटा जंक्शन पर आने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए समय तय कर दिया गया है. 9 बजे रवाना होने वाली ट्रेन में छात्रों को 6 बजे से 8 बजे के बीच रिपोर्टिंग करने के लिए कहा गया है.
बोकारो, धनबाद के छात्रों को शाम 6 बजे रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है, तो गिरिडीह, कोडरमा और धनबाद के बच्चों को 7 बजे रिपोर्टिंग करनी होगी. देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ के बच्चों की रिपोर्टिंग टाइम रात 8 बजे रखी गयी है.
अपने घर लौटने वाले छात्रों से कहा गया है कि वे अपने स्टूडेंट्स आइडी कार्ड जरूर अपने पास रखें. छात्रों के उन अभिभावकों को भी इस ट्रेन से आने की अनुमति मिलेगी, जो अपने बच्चे के साथ वहां फंस गये थे. छात्रों को टिकट कटवाने की जरूरत नहीं होगी. कोटा के डीएम के मैसेज को ही टिकट मान लिया जायेगा. हालांकि, फॉरवर्डेड मैसेज के साथ स्टेशन पर आने वाले छात्रों को ट्रेन में सवार होने की अनुमति नहीं दी जायेगी.
पहले आओ, पहले पाओ व्यवस्था के तहत छात्रों को ट्रेन में सीट दी जायेगी. कोटडा से लौटने वाले बच्चों से यह भी कहा गया है कि वे स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करें. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार (1 मई, 2020) की देर रात तेलंगाना से एक स्पेशल ट्रेन 1250 से अधिक श्रमिकों को लेकर झारखंड के हटिया स्टेशन पहुंची थी. यहां से बसों के जरिये सभी को उनके गृह जिला भेज दिया गया.