Happy Birthday Sunil Chhetri: भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान और दिग्गज फुटबॉलर सुनील छेत्री आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं. भारतीय फुटबॉल के इस सितारे का जन्म आज ही के दिन एक सैनिक परिवार में साल 1984 को सिकंदराबाद में हुआ था. वह भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं. सुनील छेत्री ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी. लगभग 18 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में उन्होंने गोल का रिकॉर्ड बनाया है और इस मामले में लियोनेल मेसी भी उनसे पीछे हैं. भारतीय स्टार खिलाड़ी के नाम आज कुछ ऐसे बड़े रिकार्ड्स हैं जो उन्हें रोनाल्डो और मेसी जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की सूची में शामिल करता है.
हालांक, भारतीय कप्तान ने अपने करियर में उन्होंने कई मुश्किलों का सामना भी किया है. एक समय ऐसा भी आया था जब कोच ने उन्हें यह तक कह दिया था कि तुम टीम में रहने के लायक नहीं हो, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपना खेल जारी रखा. तो चलिए आज छेत्री के जन्मदिन के मौके पर हम उनसे जुड़े उस रोचक किस्से और उनके रिकॉर्ड्स के बारे में जानते हैं.
फुटबॉलर नहीं बनना चाहते थे छेत्री
सुनील छेत्री के बारे में एक दिलचस्प बात कम ही लोगों को पता है कि वह कभी पेशेवर फुटबॉलर नहीं बनना चाहते थे. छेत्री ने खुद स्वीकार किया है कि वह शौकिया तौर पर फुटबॉल खेलते थे ताकि किसी अच्छे कॉलेज में स्पोर्ट्स कोटे से एडमिशन हो जाए. सुनील के पिता आर्मी में थे और उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने का मौका मिला था. फुटबॉल उन्होंने शौकिया खेलना शुरू किया था लेकिन उनके शुरुआती कोच ने उन्हें फुटबॉलर बनने के लिए प्रेरित किया था.
कोच ने कहा था तुम टीम के लायक नहीं
सुनील छेत्री जब साल 2012 में पुर्तगाल के क्लब स्पोर्टिंग लिस्बन से जुड़े थे तो उस टीम के हेड कोच ने उनकी बेइज्जती की थी. सुनील छेत्री ने एक इंटरव्यू में बताया कि कोच ने उनकी काबिलियत पर सवाल उठाते हुए उन्हें ए टीम से बी टीम में भेजने की बात कही थी. सुनील छेत्री 9 महीने तक क्लब के साथ जुड़े रहे जिसमें उन्हें महज 5 मैच खेलने का मौका मिला. छेत्री अमेरिका के कन्सास सिटी विजार्ड्स से भी 2010 में जुड़े थे हालांकि एक साल के अंदर ही वो भारत लौट आए थे.
मां-पिता भी थे फुटबॉलर
बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि सुनील छेत्री के पिता भी एक फुटबॉलर रहे हैं और उनकी मां ने भी नेपाल के लिए फुटबॉल खेला है. उनके पिता केबी छेत्री भारतीय सेना की टीम में खेलते थे वहीं उनकी मां सुशीला छेत्री अपनी जुड़वां बहन के साथ नेपाल की राष्ट्रीय टीम में खेलती थीं. छेत्री ने सोनम भट्टाचार्य से शादी की. सोनम उनके कोच की ही बेटी हैं, वह छेत्री को तब से पसंद करती थीं, जब वह सिर्फ 15 साल की थीं और छेत्री 18 साल के थे और फुटबॉल में अभी अपनी मंजिल तलाश रहे थे.
भारत का परचम दुनिया में लहराया
भारतीय फुटबॉल को एक नए मुकाम पर ले जाने में सुनील छेत्री का अहम योगदान है. उनकी कप्तानी में हाल ही में भारतीय टीम ने सैफ चैंपियनशिप का खिताब जीता है. बेंगलुरु में सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में भारत ने कुवैत को पेनल्टी शूट आउट में हराया था. भारत ने 9वीं बार सैफ चैंपियनशिप के खिताब पर कब्जा जमाया. छेत्री को अबतक कई अवार्ड्स से भी सम्मानित किया जा चुका है. इसमें पद्म श्री (2019), अर्जुन अवार्ड (2011) और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड (2021) शामिल हैं.
सुन्नील छेत्री के कुछ बड़े रिकार्ड्स
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भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय करियर में सबसे ज्यादा मैच खेलने का रिकार्ड सुनील छेत्री के नाम है. अंतर्राष्ट्रीय करियर में छेत्री अबतक 142 मैच खेल चुके है.
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अंतर्राष्ट्रीय सबसे ज्यादा मैच खेलने के साथ ही वे भारत की तरफ से सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी भी है. अंतर्राष्ट्रीय करियर के कुल मैचों में वे 92 गोल लगा चुके है.
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अंतर्राष्ट्रीय करियर में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ियों की ओवरऑल सूची में सुनील छेत्री चौथे पायदान पर मौजूद है. जबकि बतौर एक्टिव खिलाड़ी वे तीसरे सर्वाधिक गोल स्कोरर है.
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अंतर्राष्ट्रीय गोल प्रति मैच के हिसाब से सुनील छेत्री (0.65), रोनाल्डो (0.62) और मेसी (0.59) से आगे है.
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सुनील छेत्री को रिकॉर्ड सात बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर (AIFF Player of the Year Awards) का पुरस्कार मिल चुका है. यह अवॉर्ड उन्हें साल 2007, 2011, 2013, 2014, 2017, 2018-19 और 2021-22 में मिले.
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सुनील छेत्री तीन अलग-अलग महाद्वीपों – एशिया, उत्तरी अमेरिका और यूरोप में खेल चुके हैं. ऐसा करने वे एकमात्र भारतीय भी खिलाड़ी हैं.
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सुनील छेत्रों भारत के लिए सबसे ज्यादा हैट्रिक लगाने वाले खिलाड़ी भी है. उन्होंने कुल तीन बार तजाकिस्तान, वियतनाम और चीनी ताइपे के खिलाफ हैट्रिक लगाईं है.