Surya Grahan 2020 Date, Timings in India: आज इस साल का पहला सूर्यग्रहण लग रहा है. इस सूर्यग्रहण के दौरान कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना पड़ेगा. ग्रहण के 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है, इस ग्रहण का सूतक शनिवार की रात में 09 बजकर 52 मिनट से लग गया है. आज 09 बजकर 15 मिनट पर सूर्य ग्रहण लगेगा. हालांकि ज्योतिषविद्या की मानें तो सूर्यग्रहण (Lunar Eclipse) को शुभ नहीं माना गया है तो फिर आज हम आपको उन 5 चीजों के बारे में बताएंगे जिनके बारे में कहा जाता है कि ग्रहण जैसे अशुभकाल में भी ये चीजें पवित्र रहती हैं. इनका प्रयोग सूर्यग्रहण के दौरान किया जा सकता है. आइए जानते हैं…
ग्रहण के दौरान किसी भी वस्तु को शुद्ध करने के लिए तुलसी के पत्तियों का प्रयोग किया जाता है. मान्यता है कि ग्रहण के समय बना हुआ खाना दूषित हो जाता है, इसलिए भोजन में तुलसी की पत्ता रख दी जाती है. ग्रहण से पहले ही तुलसी का पत्ता खाने में रख देते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी दोषों का नाश करने वाली होती है और ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा भी निकलती है, जिसे समाप्त करने के लिए तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है.
गंगाजल को वैसे भी हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है. इसलिए सूर्य ग्रहण के समय गंगाजल का प्रयोग किया जाता है. गंगाजल कभी दूषित नहीं होता है, इसलिए ग्रहणकाल के समय एक रुपए का सिक्का पूजा स्थल पर रखकर सूर्य भगवान का स्मरण करें और ग्रहण के बाद इसे गंगाजल से धोकर लाल कपड़े में लपेटकर अपनी तिजोरी में रख लें, इससे आपको सूर्य ग्रहण के पुण्य का प्रभाव मिलेगा. इसके अलावा ग्रहण काल के बाद जल में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए. शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए ग्रहण के बाद स्नान करना जरूरी बताया गया है.
ग्रहणकाल को अशुभकाल माना जाता है, यह भी मान्यता है कि इस दौरान बुरी शक्तियां ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं, इसलिए ग्रहण के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए ग्रहण के दौरान गरीबों को दान करना चाहिए है. ऐसा करने से ग्रहों की शांति भी बनी रहती है. जैसे सूर्यग्रहण के दौरान राहु केतु की शांति के लिए ग्रहण पूर्व तिल, तेल, कोयला, काले वस्त्र दान के लिए रख लें और ग्रहण समाप्त होने पर स्नान पूजा के बाद किसी जरूरतमंद को दान कर दें. तिल का दान अत्यंत ही शुभ माना गया है, इससे राहु-केतु शांत रहते हैं.
कुश एक प्रकार का तृण (घास) है. धार्मिक दृष्टि से कुश बहुत पवित्र मानी जाती है और प्राचीनकाल में राजा महाराजा इसकी बनी चटाई पर सोया करते थे. वैदिक साहित्य में इस बारे में अनेक स्थलों पर उल्लेख मिलता है. अर्थवेद में इसे क्रोध नाशक और अशुभ निवारक बताया गया है. जिस वजह से ग्रहणकाल की अशुभता दूर करने के लिए ग्रहण काल में कुश का प्रयोग करना शुभ माना जाता है. ग्रहण काल से पहले सूतक के दौरान कुश को अन्न-जल आदि में डालने से ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है. सूर्यग्रहण से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
ग्रहण के समय जौ का प्रयोग भी किया जा सकता है. सूर्यग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए जौ को जेब में रख सकते हैं. साथ ही जौ के प्रयोग से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो जाती है. माना जाता है कि ग्रहणकाल के दौरान जौ संबंधी उपाय करने से मंगल ग्रह की अशुभता भी दूर हो जाती है और वह शुभ फल देने लगता है.