साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू हुआ. ये सूर्य ग्रहण 1 मई को सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर समाप्त हुआ. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण था. भारत में यह ग्रहण नजर नहीं आया.
नासा के अनुसार, 30 अप्रैल के ग्रहण के दौरान, सूर्य की बिम्ब का 64 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा से अवरुद्ध होगा. ये ग्रहण आंशिक होगा. भारत में यह ग्रहण नहीं दिखेगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा.
जिन स्थानों से सूर्य ग्रहण दिखाई देने वाला है उनमें दक्षिणी गोलार्ध के कुछ हिस्से और दक्षिण अमेरिका, चिली, उरुग्वे, दक्षिण-पश्चिमी बोलीविया, पेरू, दक्षिण-पश्चिमी ब्राजील और अर्जेंटीना के विशेष क्षेत्र हैं. दक्षिण प्रशांत महासागर और दक्षिणी महासागर क्षेत्रों से नासा ने सूर्य ग्रहण दृश्यता की पुष्टि की है. यहां रहने वाले लोग इस घटना को देखेंगे.
1 सीधे सूर्य की ओर देखने से बचना चाहिए. इतना ही नहीं पानी में सूर्य का परावर्तन भी उचित नहीं है क्योंकि पानी सूर्य की किरणों की तीव्रता को सुरक्षित सीमा तक कम नहीं करता है.
2 सूर्य ग्रहण देखने के लिए धूप का चश्मा, काले चश्मे, एक्स-रे शीट या कांच के ऊपर लैम्पब्लैक का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे सुरक्षित नहीं हैं.
3 ग्रहण को देखने के लिए कांच को लैम्पब्लैक या कार्बन सूट से ढकने की कोशिश न करें. ऐसा करना सुरक्षित नहीं है.
4 पिनहोल की तरह काम करने वाली पत्तियों के बीच अंतराल के साथ, ग्रहण के समय की सूर्य की कई छवियां जमीन पर देखी जा सकती हैं. पिनहोल चित्र बनाने के लिए एक छलनी का उपयोग किया जा सकता है.
5 रिंग ऑफ फायर को देखने के लिए विशेष रूप से बनाए गए चश्मे का इस्तेमाल करें, जो आपकी रेटिना को नुकसान पहुंचाए बिना सीधे सूर्य को देखने में मदद करता है.
6 यदि आप चश्मे जैसे विशेष उपकरण नहीं ले सकते तो आप कार्ड शीट में एक पिनहोल बना सकते हैं और इसे सूर्य के नीचे रख सकते हैं.
7 यदि आप ग्रहण के समय वाहन चला रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने वाहन की हेडलाइट्स को चालू रखें.
इस बार ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा लेकिन कई अन्य देशों जैसे- अटलांटिक, अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका के दक्षिण पश्चिमी भाग और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. जहां कई लोग इसे देखने लिए उत्साहित हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो इस बारे में डिटेल जानना चाहते हैं कि वे ग्रहण कैसे देख सकते हैं. यदि आप उनमें से एक हैं, तो हम आपको बता दें कि इस घटना को नग्न आंखों से देखना उचित नहीं है.
सूर्यग्रहण को यूट्यूब चैनलों पर लाइव देखा जा सकता है. ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करने के लिए Virtual Telescop, Timeanddate, CosmoSapiens चैनल प्रसिद्ध हैं.
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सुई में धागा नहीं डालना चाहिए.
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कुछ काटना, छीलना नहीं चाहिए.
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कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिए.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय प्रेग्नेंट महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए.
साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण आज होगा. खगोलीय घटना 30 अप्रैल को दोपहर 12:15 बजे शुरू होगी और 1 मई को सुबह 4:07 बजे तक चलेगी. ऐसे कई लोग हैं जो अभी भी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि सूर्य ग्रहण लगने पर क्या होता है. यदि आप भी इनमें से एक हैं तो जान लें कि जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूर्य को ढंक देता है तो सूर्य ग्रहण लगता है.
30 अप्रैल के सूर्य ग्रहण को पूरी तरह से नासा के लाइव प्रसारण के माध्यम से देखा जा सकता है और इसे नासा के यूट्यूब चैनल पर लाइव-स्ट्रीम किया जाएगा.
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ग्रहण के दौरान खाना बनाना और खाना वर्जित माना जाता है.
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ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से न देखें.
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ग्रहण के समय नहीं सोना चाहिए.
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सूर्य ग्रहण से पहले तुलसी के पत्तों को जल और भोजन में डाल दें.
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कई लोग ग्रहण के दौरान किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
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सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान शिव के किसी भी मंत्र का जाप करना चाहिए.
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सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें.
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सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद घर की साफ-सफाई करें.
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ग्रहण खत्म होने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
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सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहना चाहिए.
पंचांग के अनुसार, 30 अप्रैल को शनिवार और वैशाख की अमावस्या भी है. अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है. शनिवार होने के कारण इस अमावस्या को शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या कहते है. शनिश्चरी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने की परंपरा है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है. अमावस्या पर पितरों के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं, ताकि उनकी आत्मा तृप्त रहे. शनि आमवस्या पर शनि देव की पूजा करते हैं, जिससे साढ़ेसाती और ढैय्या में राहत मिले.
30 अप्रैल के बाद 15 दिन के अंतराल पर दूसरा पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा. 30 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक होगा, जबकि 16 मई को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा.
साल का दूसरा व अंतिम सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लगेगा. 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण शाम 04 बजकर 29 मिनट से लेकर 05 बजकर 42 मिनट तक लगेगा. यह सूर्यग्रहण अफ्रीका महाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग, एशिया के दक्षिण-पश्चिमी भाग और अटलांटिक में देखा जा सकेगा. यह सूर्यग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में नजर आएगा, जिसके कारण देश में सूतक काल मान्य होगा.
इस साल सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका का दक्षिण-पश्चिमी भाग, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका महासागर क्षेत्र में लगेगा.
मेष राशि : यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. इसलिए मेष राशि वाले लोंगों पर सबसे ज्यादा प्रभाव रहेगा. ये ग्रहण के दौरान यात्रा न करें तथा सजग और सावधान रहें.
कर्क राशि: कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है. इस समय चंद्रमा मेष में राहु के साथ रहेंगे. यह स्थिति कर्क राशि वालों को मानसिक तनाव पैदा कर सकती है.
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि वालों पर भी इसका बुरा प्रभाव पडेगा. इसलिए इन्हें धैर्य पूर्वक रहना चाहिए.
कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान पके हुए खाने पर तुलसी का पत्ता और कुश अवश्य रखना चाहिए क्योंकि इससे खाना अशुद्ध नहीं होता है. यह उपाय करने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.
सूर्य ग्रहण काल के बाद तिल, गेहूं और चना दान करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं तथा समाज में मान-सम्मान बढ़ता है. यह उपाय करने से करियर में सफलता मिलती है.
आरोग्य जीवन के लिए सूर्य ग्रहण काल में महामृत्युंजय का पाठ करना उत्तम माना जाता है. महामृत्युंजय का पाठ करने से अकाल मृत्यु का भय भी हो जाता है और यह स्वास्थ्य लाभ के लिए लाभदायक माना जाता है.
कल लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक नहीं लगेगा. लेकिन फिर कुछ मामलों में सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. ग्रहण के समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए.
ग्रहण की अवधि यदि लंबी है तो प्रेग्नेंट महिला फलाहार कर सकती हैं. लंबे समय तक भूखे रहना नुकसानदेह हो सकता है.इससे डिहाइड्रेशन का खतरा भी हो सकता है.
साल का पहला सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से, प्रशांत महासादर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में नजर आएगा. भारत में यह सूर्यग्रहण नजर नहीं आएगा. जिसके कारण भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. इसलिए मेष राशि के लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. जिन लोगों का नाम चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ अक्षर से आरंभ होता है, उसकी राशि मेष होती है.
साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण आज यानी शनिवार को लगने जा रहा है. यह ग्रहण 30 अप्रैल और 1 मई के बीच लगेगा. यह ग्रहण मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 8 मिनट तक रहेगा.