पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को विधानसभा के शीतकालीन सत्र से सस्पेंड कर दिया गया है. आरोप है कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी का अपमान किया है. इससे पहले 28 मार्च 2022 को शुभेंदु समेत पांच बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया गया था. उस सत्र से पहले बीजेपी के दो विधायकों को निलंबित कर दिया गया था. कुल सात विधायक निलंबित किये गये. हालांकि कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उनका निलंबन रद्द कर दिया गया था. दरअसल, मंगलवार को सत्र की शुरुआत से ही बहस ने हंगामे का रुप ले लिया था. सदन में असंसदीय आचरण के लिए विपक्ष के नेता को निलंबित करने का प्रस्ताव तृणमूल विधायक तापस रॉय ने पेश किया. सत्ता पक्ष के अन्य विधायकों ने इसका समर्थन किया. जिसके बाद शुभेंदु अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया.
राज्य विधानसभा में ‘संविधान दिवस’ के मौके पर हुई चर्चा के दौरान शुभेंदु अधिकारी के निलंबन का आदेश जारी किया गया. विधानसभा में नियम 169 के तहत इस विषय पर चर्चा का प्रस्ताव रखा गया था कि ‘‘देश का संविधान किस तरह खतरे में है. चर्चा में भाजपा विधायक शंकर घोष ने हैरानी जताते हुए कहा कि भाजपा छोड़कर गए विधायक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिए बिना अब भी अपने पदों पर हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने बयान को विधानसभा के रिकॉर्ड से हटाने के निर्देश जारी किए, जिसके बाद विपक्ष के नेता अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायक आसन के समीप आ गए और बनर्जी के खिलाफ नारे लगाने लगे.
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भाजपा विधायक दल ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को ‘असंवैधानिक’ बताया और सदन से वॉकआउट किया. बाद में तृणमूल कांग्रेस के विधायक तापस राय ने अधिकारी के खिलाफ प्रस्ताव पेश कर उन्हें सदन से निलंबित किये जाने की मांग की. जिसे अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया. अधिकारी ने कहा कि अध्यक्ष और सत्तारूढ़ दल असंवैधानिक तरीके से काम कर रहे हैं. भाजपा विधायक दल चालू सत्र में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है.