पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि जब वह जादवपुर के युवा मोर्चा की बैठक से लौट रहे थे तो उन पर ‘पूर्व नियोजित’ हमला किया गया था. उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई. शुभेंदु अधिकारी ने जादवपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी. विपक्षी दल के नेता ने दावा किया कि हमले के पीछे का संगठन ‘रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट फेडरेशन’ (आरएसएफ) एक प्रतिबंधित माओवादी संगठन है. जादवपुर विश्वविद्यालय में एक छात्र की आकस्मिक मौत के विरोध में शुभेंदु गुरुवार को बस स्टैंड 8बी पर युवा मोर्चा की रैली में शामिल हुए. वहां बैठक के बाद आरएसएफ की ओर से उन्हें काला झंडा दिखाने का आरोप लगा है. काला झंडा दिखाने को लेकर युवा मोर्चा और एबीवीपी कार्यकर्ता व समर्थक आपस में भिड़ गए. देखते ही देखते स्थिति रणक्षेत्र का रूप धारण कर ली थी.
शुभेंदु को काला झंडा दिखाने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. शुभेंदु ने आरोप लगाया कि शाम 5:40 बजे मंच से निकलते समय कुछ लोगों ने उन पर हमला किया. उनकी कार पर पत्थर भी फेंके गए. शुभेंदु ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. पुलिस में दर्ज शिकायत में विपक्षी नेता ने दावा किया कि उपद्रवियों के पास आग्नेयास्त्र हो सकते थे. इसलिए सुरक्षा गार्डों ने मजबूरी में हस्तक्षेप किया. उन्हें वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया.
Also Read: West Bengal Breaking News : शुभेंदु अधिकारी ने रखी मांग राज्य के मुख्य सचिव को किया जाये शोकॉज
उधर, आरएसएफ ने दावा किया कि यह हमला बीजेपी ने कराया है. एपीडीआर के महासचिव रंजीत शौर ने घटना की कड़ी निंदा की है और आरोप लगाया है कि केंद्रीय सेना के जवानों ने आरएसएफ कार्यकर्ताओं को पीटा. तृणमूल ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है.
Also Read: शीर्ष अदालत ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के हाइकोर्ट के फैसले को किया खारिज
शुभेंदु का कहना है कि वे सत्ता-विरोधी और अलगाववादी विचारधाराओं को आश्रय देते हैं. जो हमेशा सरकार की आलोचना करते हैं, लेकिन साथ ही औपचारिक नाता खत्म होने के बाद भी संस्थान से जुड़े रहते हैं ताकि छात्रों के लिए निर्धारित रियायती लाभों का आनंद लेते रहें. शुभेंदु ने शिकायत में कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा किए गए आकलन के अनुसार खतरे की आशंका के मद्देनजर वह जेड श्रेणी की सुरक्षा के हकदार हैं. उन्होंने दावा किया कि उन पर सात-आठ लोगों ने अचानक हमला किया, जब वह कार्यक्रम स्थल से बाहर जा रहे थे.
Also Read: कह रही बंगाल की जनता, प्रधानमंत्री पद पर विराजें ममता : फिरहाद हकीम
आरएसएफ और भाजयुमो के कार्यकर्ताओं के बीच जादवपुर विश्वविद्यालय के गेट नंबर चार के सामने झड़प हुई. वरिष्ठ छात्रों द्वारा कथित तौर पर रैगिंग और यौन उत्पीड़न के बाद स्नातक प्रथम वर्ष के एक छात्र की छात्रावास की दूसरी मंजिल से गिरने से हुई मौत के बाद 10 अगस्त से वहां प्रदर्शन हो रहे थे. शुभेंदु ने गुरुवार को अपने भाषण में कहा, हम पहले ही जेएनयू में ‘टुकड़े-टुकड़े’ गिरोह को सबक सिखा चुके हैं. हम जादवपुर में भी उनका सफाया कर देंगे.’नेता प्रतिपक्ष ने अपने भाषण में वाम, अति-वामपंथी और तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाइयों के साथ-साथ राज्य सरकार पर भी हमला बोला और 67 साल पुराने प्रतिष्ठित जादवपुर विश्वविद्यालय की स्थिति के लिए उन्हें दोषी ठहराया.
Also Read: बंगाल : जादवपुर घटना में पुलिस ने अब तक 9 से अधिक छात्रों को किया गिरफ्तार, मामले की जांच जारी
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शुभेंदु अधिकारी ने विश्वविद्यालय के बाहर हंगामा किया, पुलिस को अपशब्द कहे और अपमानजनक टिप्पणियां कीं. शुभेंदु के आरोप पर तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, भाजपा मुश्किल समय से फायदा उठाने का मौका ढूंढ रही है. हम पर उंगली उठाने से पहले उन्हें केंद्र सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों की स्थिति का जायजा लेना चाहिए.
Also Read: जादवपुर यूनिवर्सिटी की ओर से घोषणा, सप्ताह में दो दिन खुले रहेंगे विभाग, जानें