गोविंदपुर (धनबाद), दिलीप दीपक : धनबाद जिला के गोविंदपुर प्रखंड अंतर्गत आसनबनी गांव में होने वाले तब्लीगी इज्तिमा की तारीख का ऐलान हो गया है. इज्तिमा आगामी दो से चार दिसंबर तक चलेगा. इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से आयी जमातें तकरीर करेंगी. चार दिसंबर को दुआ-ए-खास के साथ ये खत्म हो जाएगा. आगाज दो दिसंबर को दुआ के साथ होगा. धनबाद में यह पहला आयोजन है, इसमें लाखों लोगों के जुटने का अनुमान जताया जा रहा है. इतने ज्यादा लोगों के आने को लेकर इज्तिमा में तैयारियां की जा रही है. अस्थायी मस्जिद का निर्माण हो गया है. बड़े पंडाल बन रहे हैं. दो दर्जन से अधिक बोरिंग के बाद पाइप लाइन बिछाई जा रही हैं और सैकड़ों टॉयलेट बनाए गए हैं. साथ ही हजारो लोगों के एक साथ वजू करने की व्यवस्था भी की जा रही है. बता दें कि झारखंड में यह पहला इज्तिमा हो रहा है. मुस्लिम समाज के सैकड़ों स्वयंसेवक कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. झारखंड, बिहार समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोग कार्यक्रम की व्यवस्था में लगे हैं.
इज्तिमा का मतलब क्या होता है?
अरबी लफ्ज इज्तिमा का मायने है ‘इकठ्ठा होना’. एक खास जगह पर इकट्ठा होकर इबादत करना, खैर-बरकत की दुआ करना, गुनाहों की माफी मांगना और दीनी बातें करना इज्तिमा का हिस्सा है.
यहां तकरीरे होंगी
इज्तिमा कार्यक्रम के स्थानीय पदाधिकारी एवं इस पंचायत के मुखिया गयासुद्दीन अंसारी ने बताया कि इज्तिमा में नेक बनने, दीन की राह पर चलने, पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब एवं कुरान के संदेश पर अमल करने और सामाजिक एवं धार्मिक दायित्व को पूरा करने आदि तकरीरे होंगी.
मुस्लिम धर्मगुरु देंगे अलग-अलग विषयों पर संदेश
आसनबनी में चलने वाले इज्तिमा में 3 दिन तक सुबह से लेकर देर रात तक मुस्लिम धर्मगुरु अलग-अलग विषयों पर जमातों को संदेश देंगे. इज्तिमा खत्म होने के बाद जमातें देशभर के विभिन्न हिस्सों में रवाना होंगी. धर्म गुरु से मिले संदेश को समाज तक पहुंचाने का काम जमाते करेंगी. इज्तिमा में बात सिर्फ जमीं के नीचे और आसमान के ऊपर की होगी. हर व्यक्ति को काम करने की सीख भी धर्मगुरु देंगे.
इज्तिमा में क्या होता है?
आखिर इज्तिमा में होता क्या है और मुसलमानों की इतनी बड़ी आबादी क्यों एकजुट होती है. मुखिया गयासुद्दीन अंसारी से जब ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “इज्तिमा के दौरान उन बातों पर चर्चा होती है, जिनसे एक मुसलमान दीन के रास्ते पर बेहतर ढंग से चल सके. इस दौरान शादी के दौरान होने वाले खर्चों को लेकर चर्चाएं होती हैं, जैसे खर्चीली शादियों से समाज को किस तरह के नुकसान होते हैं और इस्लाम इस बारे में क्या कहता है.” इसी प्रोग्राम के दौरान बड़ी संख्या में निकाह भी संपन्न कराए जाएंगे, जिनमें किसी तरह का कोई दहेज लिया या दिया नहीं जाएगा. वहां कुछ इस तरह की चर्चाएं होती हैं कि इस्लाम के मुताबिक किसी को अपना रोजाना का जीवन कैसे जीना चाहिए.
पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने किया स्थल का निरीक्षण
उक्त कार्यक्रम को लेकर गोविंदपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद जहीर आलम, अंचल अधिकारी रामजी वर्मा, थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार आदि ने कार्यक्रम स्थल का दौरा कर इसका निरीक्षण किया.
झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का हो चुका है दौरा
पिछले दिनों झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन कार्यक्रम स्थल का दौरा कर चुके हैं. स्थल का जायजा लेने के बाद उन्होंने व्यवस्था में लगे लोगों से तैयारी के संबंध में पूछताछ किया था. मंत्री ने भी कहा है कि कार्यक्रम में तीन से चार लाख लोगों के जुड़ने का अनुमान हैं. मुखिया गयासुद्दीन अंसारी के अगुवाई में इज्तिमा कार्यक्रम को एक प्रतिनिधिमंडल ने धनबाद उपायुक्त वरुण रंजन से मिलकर कार्यक्रम स्थल पर पानी, बिजली, अग्निशमन, मेडिकल किट, चिकित्सकों की टीम व सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की . मुखिया ने उपायुक्त को कहा कि धनबाद जिले के लिए यह ऐतिहासिक आयोजन है और इसमें बिहार झारखंड का मुस्लिम समाज सहयोग कर रहा है. सामाजिक सहयोग से ही इसका आयोजन हो रहा है. कार्यक्रम की सूचना देते हुए उन्होंने जिला प्रशासन से पेयजल, बिजली, विधि व्यवस्था एवं ट्रैफिक व्यवस्था में सहयोग की मांग की हैं.मुखिया ने कहा कि आयोजन में अनेक स्वयंसेवक सहयोग कर रहे हैं और करीब 20 एकड़ जमीन पर पंडाल समेत सारी व्यवस्था अंतिम चरण में है. उन्होंने कार्यक्रम की सूचना एसएसपी ,अनुमंडल पदाधिकारी एवं गोविंदपुर थाना को भी दी है.