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Agra News: थाने में शिकायत लेकर पहुंचे पीड़ित से थानेदार ने कराई मजदूरी, धुलवाए बर्तन, जानें पूरा मामला

आगरा में थानेदार पर शिकायत करने पहुंचे पीड़ित को बंधक बनाकर उससे मजदूरी करवाने व बर्तन धुलवाने का आरोप लगा है. पीड़ित पुलिस आयुक्त के पास शिकायत लेकर पहुंचा. इसके बाद एसीपी खेरागढ़ इस मामले की जांच कर रहे हैं.

आगरा के थाना अध्यक्ष और पुलिस पर शिकायत करने वाले पीड़ित को बंधक बनाने और उससे मजदूरी व बर्तन धुलवाने का काम करवाने का आरोप लगा है. पीड़ित पुलिस आयुक्त के पास शिकायत लेकर पहुंचा, जहां उसने इस पूरे मामले के बारे में जानकारी दी. इसके बाद पुलिस आयुक्त ने एसीपी खेरागढ़ को इस मामले की जांच पड़ताल के आदेश दिए हैं. बुधवार को पुलिस आयुक्त के पास अजीजपुर धनौली के रहने वाला शैलेंद्र उर्फ रिंकू अपनी शिकायत लेकर पहुंचा. उसने बताया कि वह पुलिस आयुक्त से मिला था और इस मामले में मदद मांगी थी. उसकी पत्नी किसी के साथ चली गई है. वह जगनेर में किराए पर कमरा लिया था. उस कमरे में सामान रखा था, जिसे वापस लेने के लिए थाने में गुहार लगाई थी. पुलिस आयुक्त ने मलपुरा एसओ को सामान वापस दिलवाने के फोन कर निर्देश दिए थे.

मैं तुम्हारा काम कर दूंगा लेकिन मेरा काम कर दो- जगनेर थानेदार

शैलेंद्र ने आगे बताया कि वह पुलिस आयुक्त के फोन करने के बाद एसओ मलपुरा से थाने में मिला और उन्हें पूरी घटना बताई. लेकिन मामला जगनेर का था इसलिए मलपुरा थाना अध्यक्ष ने जगनेर थाना अध्यक्ष अवनीत मान को फोन करके जानकारी दी और बताया कि पुलिस आयुक्त ने पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. उसकी मदद की जाए. पीड़ित ने बताया कि जब वह जगनेर थाने पहुंचा तो थाना अध्यक्ष ने कहा कि मैं तुम्हारा काम कर दूंगा. लेकिन तुम भी मेरा काम कर दो. थाना जगनेर में बने कमरे में मुझे 18 अगस्त तक रखा गया. कभी पुलिसकर्मी मुझसे बर्तन धुलवाते थे तो कभी कपड़े धुलवाते थे.

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थानाध्यक्ष के पिता उससे करवाते थे शौचालय साफ

थाना अध्यक्ष ने उसके सामने एक और शर्त रख दी और कहा की बागपत के सिनौली गांव में उनका मकान बन रहा है. वहां देखरेख करते हुए मकान बनवाना होगा. अक्षय मुंशी शैलेंद्र को आईएसबीटी ले गया. बस में परिचित परिचालक के सुपुर्द कर दिया. उसने शैलेंद्र को थाना अध्यक्ष के पिता को सुपुर्द कर दिया. थानाध्यक्ष के पिता ने उसे बंधक बना लिया और घर में शौचालय साफ कराते थे भैंसों का गोबर भी उठवाने लगे. जब भी वह थाने जाने की कहता तो उसके साथ गाली-गलौज करते. वहीं पीड़ित ने बताया कि एक दिन गुस्से में उन्होंने सरिया से मेरे साथ मारपीट भी की. और घर जाने की जिद पर एसओ ने जेल भेजने की धमकी दी. 23 सितंबर को थाने का मुंशी शैलेंद्र को गांव से लेने आया और थाना अध्यक्ष के पास ले गया. जहां पर थाना अध्यक्ष ने फिर से धमकाया और काम कराया. 15 अक्टूबर को किसी तरह से शैलेंद्र बहाना बनाकर थाने से भाग गया.

शैलेंद्र का कहना है कि मेरी पत्नी ने जगनेर के एक घर में सामान रखा था. पुलिस ने समान निकलवा कर मुकेश के घर में रखवा दिया. उससे कह दिया कि जब तक पुलिस ना कहे शैलेंद्र को समान नहीं देना. इस कारण मुकेश भी समान नहीं दे रहा है. शैलेंद्र ने थाना अध्यक्ष के अलावा थाने के मुंशी संचित, पुलिसकर्मी सुशील बैसला, अंकित, अक्षय जगबीर, सनी पर भी आरोप लगाए हैं.

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