हावड़ा में हिंसा की घटनाओं के बाद जनजीवन तो धीरे-धीरे सामान्य होने लगता है, लेकिन उसका असर जनमानस पर लंबे समय तक बना रहता है. यही हाल शिवपुर क्षेत्र का भी है. 30 और 31 मार्च को लगातार दो दिनों तक हुई हिंसा के चौथे दिन इलाके के हालात तो सुधर रहे हैं, लेकिन लोग अब भी खौफजदा हैं. लोग देर शाम या रात में घर से तभी निकल रहे हैं, जब बहुत जरूरी हो. अनायास घूमने से बच रहे हैं. उन्हें यह डर सता रहा है कि फिर कभी भी, कुछ भी हो सकता है.
ऊपर से तो स्थिति सामान्य होती लग रही है, लेकिन अंदरूनी हालात असमान्य बने हुए हैं. हालांकि, पुलिस व प्रशासन की मुस्तैदी से हिंसा प्रभावित इलाकों में रौनक लौटती दिख रही है. मंगलवार को सभी दुकानें खुली दिखीं. चहल-पहल भी पहले जैसी रही. लेकिन जीटी रोड के सभी मोड़ों ( मल्लिक फाटक, संध्या बाजार, फजीर बाजार आदि ) पर पुलिस का पहरा बना हुआ है. मुख्य हिंसा स्थल के आसपास के संवेदनशील गली-मोहल्लों में भी पुलिसकर्मी एवं रैफ के जवान तैनात किये गये हैं.
जीटी रोड से सटे इलाके पीएम बस्ती, उमाचरण बोस लेन, अतींद्र मुखर्जी लेन (कुंडल बागान), रामकृष्णपुर लेन, मुखर्जी बागान में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए जगह-जगह पुलिसकर्मी 24 घंटे डटे हुए हैं. उक्त इलाकों में पुलिस अधिकारी लगातार पेट्रोलिंग भी कर रहे हैं. स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. धारा 144 लागू होने की वजह से पांच या उससे अधिक लोगों को एकजगह एकत्रित नहीं होने दिया जा रहा है.
Also Read: IPL में बेटिंग करने वाले गैंग को दबोचने के लिए बंगाल में विशेष टीम का हुआ गठन
हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस द्वारा माइकिंग कर लोगों से शांति व्यवस्था बनाये रखने और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की जा रही है. इस बात के लिए भी सजग किया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति हथियार, लाठी-ठंडा या इस तरह के अन्य सामान लेकर बाहर न निकले. यह भी अपील की जा रही है कि लोग झुंड में न कहीं एकत्रित हों और न बाहर निकलें. धारा 144 का पालन करें. इन नियमों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
हावड़ा के बाद हुगली के रिसड़ा में भी दो दिनों तक हुई हिंसा को लेकर माहौल फिर गरमा गया है. इसके तहत शिवपुर क्षेत्र में लागू धारा 144 की मियाद बढ़ाकर छह अप्रैल तक कर दी गयी है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थिति अगर पूरी तरह सामान्य नहीं हुई तो धारा 144 की समयसीमा और बढ़ायी जा सकती है.