19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

72 साल तक पाकिस्तान में बंद था ये हिंदू मंदिर, किसी ने नहीं की पूजा, जानिए किस भगवान की है मूर्ति

Shawala Teja Singh Temple Pakistan: हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान में मौजूद सबसे पुराने हिंदू मंदिर शिवाला तेजा सिंह के बारे में जो सियालकोट में है. जिसके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं. यह हिंदू मंदिर 72 साल तक पाकिस्तान में बंद पड़ा था.

Shawala Teja Singh Temple Pakistan: आज के समय में भी भारत और पाकिस्तान के बंटवारे को भूल पाना सभी के लिए असंभव है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय अभी तक इस दर्द से पूरी तरह से उबर नहीं पाए हैं. इस बंटवारे में दोनों देशों को काफी नुकसान हुआ था. जो मंदिर पाकिस्तान में चले गए उन्हें उस समय बंद कर दिया गया. ऐसा ही एक पुराना हिंदू मंदिर है जो बंटवारे के समय से लेकर 75 साल तक बंद रहा. चलिए जानते हैं उस मंदिर के बारे में.

पाकिस्तान में 75 साल तक बंद रहा यह हिंदू मंदिर

दरअसल हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान में मौजूद सबसे पुराने हिंदू मंदिर शिवाला तेजा सिंह के बारे में, जो सियालकोट में है. जिसके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं. यह हिंदू मंदिर 72 साल तक पाकिस्तान में बंद पड़ा था.

क्या है इस मंदिर का इतिहास

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट शहर में स्थित शिवाला तेजा सिंह का इतिहास करीब 1000 साल पुराना है. लेकिन बंटवारे के समय यह मंदिर पाकिस्तान में चला गया. जिसे साल 2019 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुलवाया था.

Also Read: PHOTOS: पशुपतिनाथ मंदिर से लेकर घंटाघर तक, ये हैं काठमांडू में घूमने की बेस्ट जगहें
अभी कैसा दिखता है शिवाला तेजा सिंह मंदिर

गौरतलब है कि शिवाला तेजा सिंह मंदिर उस समय बेहद खूबसूरत हुआ करता था. इस मंदिर को बड़े ही खूबसूरती के साथ बनाया गया था. इस बनाने में बड़े-बड़े पत्थरों पर बारीक नक्काशी की गई थी. हालांकि जब शिवाला मंदिर को खोला गया तो उसकी दीवारें टूट चुकी थी. लेकिन सुरक्षा को देखते हुए मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया.

आखिर किसको समर्पित है यह मंदिर

बता दें कि पाकिस्तान में स्थित शिवाला तेजा सिंह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर में भोले बाबा की पूजा की जाती है. सियालकोट में स्थित इस मंदिर का निर्माण तेजा सिंह द्वारा करवाया गया था. फिलहाल अभी पाकिस्तान में मौजूद हिंदू हर रोज इस शिव मंदिर में पूजा करते हैं.

Also Read: शिमला-मनाली घूमने का है मन तो झारखंड की इन जगहों पर चले जाएं
भारत पाकिस्तान का बंटवारा कब हुआ था

भारत और पाकिस्तान का बंटवारा 1947 को हुआ था, जब ब्रिटिश राज से आज़ादी मिली और भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग राष्ट्रों के रूप में स्थापित हुए. इस प्रक्रिया को “पार्टीशन” या “विभाजन” कहा जाता है.

बंटवारे के समय, दोनों देशों के बीच में धर्म, जनसंख्या और भूगोल के आधार पर सीमाएं तय की गईं. इस प्रक्रिया के दौरान लाखों लोगों ने अपने घरों को छोड़कर पाकिस्तान पलायन किया और इसके साथ हिंसा और उत्साह के कई मामले उत्पन्न हुए. यह विभाजन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसके प्रभाव आज तक देखे जा सकते हैं.

Also Read: Nepal Tour: नेपाल घूमने का बना रहे हैं प्लान, IRCTC के इस पैकेज में करें बुकिंग
भारत-पाकिस्तान का बंटवारा क्यों हुआ था

बताते चलें कि भारत और पाकिस्तान का बंटवारा जिसे “पार्टीशन” भी कहा जाता है, 1947 में हुआ था. इसके पीछे कई कारण थे.

  • राष्ट्रीयता और धार्मिक भिन्नता: भारत में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही बड़ी संख्या में थे और धार्मिक भिन्नताओं के कारण संबंध तनावपूर्ण थे. भारतीय सबकों में यह आमतौर पर अलग-अलग सांस्कृतिक और भाषाई परंपराएं थीं, लेकिन धार्मिक भिन्नताएं इसे और भी तात्कालिक बना दी थीं.

  • आपसी असमंजस: ब्रिटिश शासन के अंत के समय, भारत में आपसी असमंजस बढ़ गया था, जिसमें अलग-अलग समुदायों के बीच आतंक और हिंसा बढ़ थीं.

  • सामाजिक और आर्थिक भिन्नता: सामाजिक और आर्थिक भिन्नताएं भी एक कारण थीं, क्योंकि संघर्षों के दौरान लोगों को आपसी बंधन को तोड़ने की कोशिश की गई.

  • ब्रिटिश शासन की असफलता: दूसरे विश्वयुद्ध के बाद, ब्रिटिश शासन की कमजोरी और भारत में स्वतंत्रता की मांग की बढ़ती चर्चाएं थीं.

  • इन कारणों के कारण ब्रिटिश सरकार ने एक नए मित्र देश, जिसे पाकिस्तान कहा गया, की स्थापना की, जिसमें मुस्लिम बहुमत क्षेत्रों को शामिल किया गया. इस प्रक्रिया में भारत को अपना स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अलग-अलग राष्ट्रों के रूप में विभाजित किया गया.

Also Read: New Year 2023: नया साल सेलिब्रेट करने के लिए बेस्ट है भीमताल, जानें यहां घूमने के लिए कौन-कौन सी हैं जगहें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें