कोलकाता (अमर शक्ति प्रसाद): ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता में आयी तृणमूल कांग्रेस सरकार के पहले बजट सत्र का आगाज हंगामेदार रहा. राज्यपाल ने पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने विधानसभा के वेल में आकर नारेबाजी की. सदन में जय श्रीराम के नारे भी लगाये गये. हंगामे के बीच महज 4 से 5 मिनट में श्री धनखड़ ने अपना अभिभाषण समाप्त कर दिया. उन्होंने ममता बनर्जी सरकार का पूरा भाषण नहीं पढ़ा.
शुक्रवार (2 जुलाई) को सदन में हुए हंगामा के बारे में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल के अभिभाषण में चुनाव के बाद बंगाल के अलग-अलग हिस्से में हुई राजनीतिक हिंसा का कोई जिक्र नहीं किया गया था. उल्टे आरोप लगाया गया था कि बंगाल को बदनाम करने की साजिश रची हुई है.
इतना ही नहीं, सरकार ने जो भाषण राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पढ़ने के लिए दिया था, उसमें लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले फर्जी वैक्सीनेशन केस के बारे में एक शब्द नहीं लिखा गया था. राज्य के इतने बड़े मामले को सरकार ने दबाने की कोशिश की. इसके विरोध में भाजपा के सदस्यों ने प्रदर्शन किया.
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ममता बनर्जी के कट्टर दुश्मन बन चुके शुभेंदु अधिकारी ने बाद में भाजपा विधायकों के साथ सदन के बाहर में प्रदर्शन किया. बीजेपी के विधायकों ने चुनाव के बाद बंगाल में हुई हिंसा में मारे गये पार्टी के 31 कार्यकर्ताओं की तस्वीरों के साथ धरना-प्रदर्शन किया. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि चुनाव बाद हिंसा में मारे गये लोगों को न्याय दिलाने के लिए वह सदन से सड़क तक संघर्ष करेंगे.
श्री अधिकारी ने कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी से मांग की है कि चुनाव बाद हुई हिंसा और देबांजन देव के फर्जी वैक्सीनेशन कांड पर एक-एक दिन बहस करायी जाये. स्पीकर ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं दिया है. श्री अधिकारी ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयी, तो वे सदन नहीं चलने देंगे.
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Posted By: Mithilesh Jha