22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Tokyo Olympics : क्या मैरी कॉम के साथ हुआ धोखा ? दो राउंड जीतकर भी हो गयीं बाहर, स्कोरिंग पर उठ रहे सवाल

सुपरमॉम मैरी कॉम का टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना अधुरा रह गया. रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इंग्रिट वालेंसिया ने मैरी को 3-2 से हरा दिया. हालांकि अब मुकाबले पर सवाल उठाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मैरी कॉम 3 में से 2 राउंड जीत ली थीं, उसके बावजूद उन्हें हार घोषित कर दिया गया.

सुपरमॉम मैरी कॉम का टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना अधुरा रह गया. प्री क्वार्टरफाइनल में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इंग्रिट वालेंसिया ने मैरी को 3-2 से हरा दिया. हालांकि अब मुकाबले पर सवाल उठाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मैरी कॉम 3 में से 2 राउंड जीत ली थीं, उसके बावजूद उन्हें हार घोषित कर दिया गया.

खुद मैरी ने भी मैच के बाद कहा, नहीं पता कि क्या हुआ, पहले दौर में मुझे लगा कि हम दोनों एक दूसरे की रणनीति को भांपने की कोशिश कर रहे थे और इसके बाद मैंने दोनों राउंड जीते.

क्या मैरी कॉम के साथ हुआ धोखा

भारतीय मुक्केबाज पहले राउंड में 1-4 से पिछड़ गयीं जिसमें पांच में से चार जज ने 10-9 के स्कोर से वालेंसिया के पक्ष में फैसला किया. अगले दो राउंड में पांच में से तीन जजों ने मैरीकॉम के पक्ष में फैसला किया लेकिन कुल स्कोर फिर भी वालेंसिया के हक में रहा.

Also Read: Tokyo Olympics 2020 Day 6 : सिंधू, सतीश और हॉकी टीम क्वार्टर फाइनल में, मैरीकॉम की ओलंपिक से विदाई

मणिपुरी ने तीसरा राउंड 4-1 के नहीं बल्कि 3-2 के अंतर से जीता था जबकि अपने हक में नतीजा करने के लिये उन्हें इसी स्कोर (4-1) की जरूरत थी. कई बार की एशियाई चैम्पियन और 2012 लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम ने इस चुनौतीपूर्ण मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन वह आगे नहीं बढ़ सकी जो 38 वर्षीय महान मुक्केबाज का अंतिम ओलंपिक मुकाबला होगा. जब रैफरी ने मुकाबले के अंत में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो मैरीकॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान थी.

मैरी कॉम ने कहा, अब भी लड़ सकती हूं

निराशाजन हार के बावजूद मैरीकॉम ने कहा कि उनकी अभी खेल से संन्यास लेने की कोई इच्छा नहीं है. उन्होंने कहा, मैं अब भी लड़ सकती हूं, मैं अब भी काफी ताकतवर हूं. अगर आप में जज्बा है, निश्चित रूप से अनुशासन के साथ ट्रेनिंग भी बहुत महत्वपूर्ण है. मैं 20 साल से मुक्केबाजी कर रही हूं. चार बच्चों की मां राज्य सभा सदस्य भी हैं, उन्होंने हंसते हुए कहा, मणिपुरी लोगों में लड़ने का जज्बा होता है, पुरूषों और महिलाओं दोनों में. लेकिन महिलाओं में यह थोड़ा ज्यादा होता है.

मैरी कॉम के ट्रेनर और कोच ने भी उठाया सवाल

भारतीय मुक्केबाज के निजी ट्रेनर छोटे लाल यादव ने कहा, पता नहीं यह स्कोरिंग प्रणाली कैसी है, मुझे यह समझ नहीं आती. वह पहले राउंउ में 1-4 से पीछे कैसे हो सकती है जब दोनों में कुछ भी चीज अलग नहीं थी. उन्होंने कहा, यह निराशाजनक है लेकिन मुझे लगता है कि यही भाग्य है.

मैरीकॉम चैंपियन हैं और हमेशा रहेंगी

केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, आप टोक्यो ओलंपिक में महज एक अंक से हारीं, लेकिन मेरे लिये आप हमेशा एक चैम्पियन हो. आपने वो हासिल किया है जो दुनिया में कोई महिला मुक्केबाज हासिल नहीं कर सकी है. आप ‘लीजेंड’ (महान) हो. भारत को आप पर गर्व है. मुक्केबाजी और ओलंपिक को आपकी कमी खलेगी. उन्होंने सभी भारतीयों के लिये कहा, मैरीकॉम स्पष्ट विजेता थीं लेकिन जजों की अपनी गणना होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें