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धनबाद में बस संचालक उड़ा रहे हैं परिवहन नियमों की धज्जियां, हर दिन हो रहा लाखों रुपये के सामान का कारोबार

हालात यह है कि कोलकाता, पूर्णिया, भागलपुर या किसी भी इलाके से यहां सामान आता है और संबंधित व्यवसायी के पास चला जाता है. सबसे ज्यादा माल कोलकाता से आता है. यह सब सामान कच्चे बिल पर आता है.

धनबाद, मनोज रवानी : किसी भी बस की ऊंचाई जमीन से 13 फीट से ज्यादा नहीं होने और उनकी छतों पर सामान नहीं लादने का नियम धनबाद में मान्य नहीं है. यहां प्रतिदिन विभिन्न बसों पर लाद कर लाखों का सामान लाया और ले जाया जा रहा है. सार्वजनिक रूप से रोज शाम में बसों पर सामान लादते और सुबह में विभिन्न बसों से उतारते मजदूर दिख जाते हैं. दूसरी ओर परिवहन विभाग का कहना है कि ऐसा करना अवैध है और इसके लिए 20 हजार 500 रुपये दंड का प्रावधान है. लेकिन आम तौर पर जुर्माना नहीं किया जाता. केवल परिवहन ही नहीं पुलिस व सेल्स टैक्स के लोग भी इस अवैध धंधे से वाकिफ हैं, पर कोई कार्रवाई नहीं होती.

हालात यह है कि कोलकाता, पूर्णिया, भागलपुर या किसी भी इलाके से यहां सामान आता है और संबंधित व्यवसायी के पास चला जाता है. सबसे ज्यादा माल कोलकाता से आता है. यह सब सामान कच्चे बिल पर आता है. इससे एक तरफ जहां बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है, वहीं दूसरी ओर संदिग्ध सामानों की भी तस्करी होने का भय बना रहता है. सरकार को राजस्व का घाटा तो हो ही रहा है.

कौन-कौन रूट हैं पसंदीदा

धनबाद के व्यवसायियों की पहली पसंद कोलकाता है. वहां से हर तरह का सामान धनबाद लाया जाता है. दूसरा इलाका पूर्णिया और भागलपुर है. यहां से खाद्यान्न व इस सीजन में आम व लीची लाये जाते हैं.

जाने कमासुत रूट में कितनी बसें

  • बोकारो से धनबाद होते हुए हावड़ा : 6-7 बस

  • धनबाद से भागलपुर के लिए : 4 बस

  • धनबाद से आसनसोल के लिए : 5 बस

डीटीओ कार्यालय के सामने भी होता है खेल

ज्ञात हो कि डीटीओ कार्यालय के सामने भी बस स्टैंड है. यहां से भी हर इलाके के लिए बस जाती है. यहां पर रोज शाम में सामान लोड किया जाता है और सुबह में उतारा जाता है, पर किसी को कुछ दिखता नहीं.

कहते हैं अधिकारी

धनबाद के डीटीओ राजेश कुमार सिंह ने कहा कि बस पर सामान लाने पर 20 हजार 500 रुपये जुर्माना का प्रावधान है. कार्रवाई भी की जाती है. हर माह 20 से 30 बसों पर कार्रवाई होती है.

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